शरीर में अकड़न क्यों होती है? जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

Stiffness in Body: शरीर में अकड़न एक सामान्य समस्या है। लेकिन कुछ स्थितियों में यह गंभीर कारणों से भी हो सकता है। जानें शरीर में अकड़न के कारण-
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शरीर में अकड़न क्यों होती है? जानें इसके कारण और बचाव के उपाय


Stiffness in Body: मांसपेशियों में अकड़न तब होती है, जब आपकी मांसपेशियां तंग महसूस करती हैं। इस स्थिति में चलना अधिक कठिन हो सकता है। साथ ही आपको मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और बेचैनी भी महसूस हो सकती है। मांसपेशियों की जकड़न आमतौर पर एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग से ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ स्थितियों में मांसपेशियों में अकड़न के कुछ गंभीर कारण भी हो सकते हैं। 

शरीर में अकड़न क्यों होती है? (stiffness in body causes)

शरीर या मांसपेशियों में अकड़न आमतौर पर व्यायाम, कठिन शारीरिक परिश्रम या वजन उठाने से होती है। पीरियड्स खत्म होने के बाद भी शरीर में जकड़न महसूस हो सकती है। मोच और खिंचाव मांसपेशियों में अकड़न के सबसे आम कारण हैं। इतना ही नहीं तनाव भी शरीर में अकड़न का कारण बन सकता है।

1. एक्सरसाइज 

शरीर या मांसपेशियों में अकड़न का एक आम कारण एक्सरसाइज या कठिन शारीरिक श्रम होता है। शरीर में अकड़न तब महसूस हो सकती है, जब आप कोई नई एक्सरसाइज करते हैं। या नए तरीके से दिन की शुरुआत करते हैं। दिनभर की थकान की वजह से भी शरीर में अकड़न महसूस हो सकती है। जॉगिंग, दौड़ना, अधिक वजन उठाना, स्क्वाट करना और पुश-अप्स भी शरीर में अकड़न का कारण बनते हैं।

body stiffness

(image source: ba-bamail.com)

2. मोच और तनाव

मांसपेशियों में अकड़न का सबसे आम कारण मोच, खिंचाव या तनाव हो सकता है। मोच और तनाव मांसपेशियों और लिगामेंट दोनों को प्रभावित कर सकता है। पैरों और पीठ के निचले हिस्से में खिंचाव आम है। जब लिगामेंट खिंच गए हों, मुड गए हों फट गए हों, तो मांसपेशियों में अकड़न महसूस हो सकती है। इस दौरान आपको दर्द, सूजन, रेडनेस भी महसूस हो सकती है।

3. पोलिमेल्जिया रुमेटिका (Polymyalgia rheumatica)

पोलिमेल्जिया रुमेटिका शरीर में दर्द और जकड़न का कारण बनता है। यह आमतौर पर कंधे, गर्दन और बाहों सहित शरीर के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है। साथ ही पोलिमेल्जिया रुमेटिका कूल्हों को भी प्रभावित करता है। नींद न आना, कपड़े पहनने में कठिनाई भी पोलिमेल्जिया रुमेटिका के लक्षण हो सकते हैं।

4. कीड़े के काटने पर

कीड़े के काटने या डंक मारने से मांसपेशियों में अकड़न हो सकती है, खासकर अगर वे संक्रमित हो जाते हैं। काटने या डंक मारने से त्वचा पर लाल, सूजी हुई गांठ भी हो सकती है, जिसमें खुजली और दर्द महसूस होती है। इसलिए किसी भी कीड़े के काटने या डंक मारने पर आपको डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।

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5. इंफेक्शन

कुछ खास संक्रमण भी मांसपेशियों या शरीर में अकड़न का कारण बन सकते हैं। टेटनस,  मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का संक्रमण), एचआईवी, लेगोनायर रोग, पोलियो और इन्फ्लूएंजा या फ्लू इंफेक्शन की वजह से शरीर में दर्द और अकड़न महसूस हो सकती है।

(image source: medicalnewstoday.com)

6. दवाइयां

कुछ दवाइयां भी मांसपेशियों में अकड़न पैदा कर सकती हैं। मांसपेशियों में अकड़न स्टैटिन का एक सामान्य दुष्प्रभाव है। इसलिए किसी भी दवाई का सेवन आपको डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। 

वजन ज़्यादा होना, खराब आहार लेना, ठीक से नींद नहीं आना और ठंडे या नम वातावरण में रहना भी शरीर या मांसपेशियों में दर्द या अकड़न का कारण हो सकते हैं।

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शरीर में अकड़न के बचाव के उपाय (Stiffness in body causes)

  • शरीर की अकड़न से बचने के लिए शरीर में गर्माहट बनाए रखें। 
  • इसके साथ ही धूप में बैठने से भी शरीर की अकड़न से बचा जा सकता है।
  • शरीर की अकड़न और दर्द से बचने के लिए मालिश करना भी जरूरी होता है। इससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।
  • अपनी लाइफस्टाइल में एक्सरसाइज, व्यायाम और स्ट्रेचिंग जरूर शामिल करें।
  • सुबह उठकर वॉक जरूर करें। इससे भी आप शरीर की अकड़न से बच सकते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

  • अगर आपकी मांसपेशियों की जकड़न दूर नहीं होती है,  आपको कुछ अन्य लक्षण नजर आते हैं तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। 
  • मांसपेशियों में अकड़न के साथ अगर बुखार, गर्दन में अकड़न और कमजोरी महसूस हो तो भी डॉक्टर से मिलें।
  • मांसपेशियों की अकड़न वाले क्षेत्र में रेडनेस, दर्द और सूजन महसूस होने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए।
  • नई दवाइयां लेने पर मांसपेशियों में दर्द होने की स्थिति में भी डॉक्टर से मिलना चाहिए।

अगर आपको भी शरीर में अकड़न महसूस होती है, तो लंबे समय तक नजरअंदाज न करें। क्योंकि कई बार शरीर में अकड़न कुछ बीमारियों की वजह से भी हो सकती है। इसलिए आपको शरीर में अकड़न होने पर डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए। 

(main image source: avogel.co.uk)

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