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लिवर डैमेज के होते हैं ये 5 स्टेज, एक्सपर्ट से जानें किस स्टेज में कैसे लक्षण दिखते हैं

आपके भोजन को पाचने में लिवर का अहम रोल होता है। इस लेख में जानते हैं कि लिवर खराब होने के कितने स्टेज होते हैं?
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लिवर डैमेज के होते हैं ये 5 स्टेज, एक्सपर्ट से जानें किस स्टेज में कैसे लक्षण दिखते हैं


Stages Of Liver Damage In Hindi: हमारे शरीर के अन्य अंगों की तरह ही लिवर भी मुख्य भूमिका निभाता है। यह हमारे शरीर से टॉक्सिन्स को निकालने, पोषक तत्वों को प्रोसेस करने और एनर्जी को स्टोर करने का काम करता है। लेकिन, कई बार अनियमित खानपान और लगातार बाहर का जंक फूड खाने की वजह से लिवर पर दबाव बनता है, जो लिवर से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। लिवर जब खराब होता है तो इससे पहले ही शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देते है। अगर, इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए तो लिवर डैमेज हो सकता है। लिवर कई चरणों में डैमेज होता है। इस लेख में इंस्टाग्राम से सेहत से जुड़ी जानकारी प्रदान करने वाली न्यूट्रिशनिस्ट दीपशिखा जैन से जानते हैं कि लिवर के डैमेज होने के कितने चरण होते हैं। साथ ही, इन चरणों को आप किस तरह पहचान कर सकते हैं।

लिवर डैमेज होने के कितने चरण होते हैं? - Stages Of Liver Damage In Hindi

फैटी लिवर (स्टेटोसिस)

फैटी लिवर (Fatty Liver), लिवर डैमेज का पहला चरण है। इसमें लिवर की कोशिकाओं में फैट जमा हो जाता है। यह आमतौर पर शराब के अधिक सेवन या मोटापे के कारण होता है। इस अवस्था में लिवर में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन थकान और पेट के ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द हो सकता है। इसमें डॉक्टर मोटापा और शराब का सेवन कम करने की सलाह देता है।

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लिवर में सूजन (हेपेटाइटिस)

अगर फैटी लिवर का इलाज नहीं किया गया, तो यह हेपेटाइटिस (Hepatitis) में बदल सकता है। इसमें लिवर में सूजन आ जाती है। यह सूजन वायरस, शराब या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के कारण हो सकती है। इसमें व्यक्ति को भूख कम लगना, उल्टी, बुखार आना, त्वचा और आंखों में पीलापन आने लगता है।

फाइब्रोसिस (Fibrosis)

इस चरण में लिवर की कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं और उनकी जगह टिशू में निशान होने लगते हैं। हालांकि लिवर अभी भी काम करता रहता है, लेकिन उसकी क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसमें व्यक्ति को थकान, कमजोरी, पेट में दर्द और त्वचा में खुजली हो सकती है।

सिरोसिस (Cirrhosis)

यह लिवर डैमेज का गंभीर चरण है। इसमें लिवर में परमानेंट डैमेज हो जाती है और वह ठीक से काम नहीं कर पाता। सिरोसिस का इलाज न किया जाए, तो यह लिवर फेलियर का कारण बन सकता है। इसमें व्यक्ति की त्वचा और आंखों का अत्यधिक पीलापन हो जाता है। इसके अलावा, पेट में सूजन, ब्लीडिंग और कुछ मामलों में मैमोरी पर भी प्रभाव पड़ता है। इसमें डॉक्टर मरीज को लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं। इसके अलावा, दवाओं और थेरेपी भी दी जाती हैं।

लिवर फेलियर (Liver Failure)

यह लिवर डैमेज का अंतिम चरण है। इस अवस्था में लिवर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है और इसमें तुरंत इमरजेंसी ट्रीटमेंट किया जाता है। इसमें मरीज को बेहोशी, गंभीर पीलिया और ब्लीडिंग होती है। इस स्थिति में डॉक्टर के पास केवल लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प हो सकता है।

इसे भी पढ़ें: लिवर से जुड़ी बीमारियां क्यों होती हैं? डॉक्टर से जानें इनके बचाव के उपाय

 
 
 
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लिवर डैमेज के विभिन्न चरणों को समझना और समय पर उनका इलाज कराना बहुत जरूरी है। यदि आप लिवर की समस्याओं के लक्षण अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। लिवर से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए आप लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करें।

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