कोरोना पॉजिटिव बच्चों में मिले कावासाकी के लक्षण, जानें क्या है ये बीमारी और कोरोनावायरस से कैसे है ये अलग?

भारत के अलावा  इटली, चीन, अमेरिका, इंग्लैंड आदि देशों में भी कोविड से पीड़ित बच्चों में Kawasaki Disease के ऐसे ही लक्षण देखे जा रहे हैं।
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कोरोना पॉजिटिव बच्चों में मिले कावासाकी के लक्षण, जानें क्या है ये बीमारी और कोरोनावायरस से कैसे है ये अलग?

 भारत में कोरोनावायरस बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है। अकेले दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में इसके लाखों मरीज हैं। पर हाल ही में यहां एक और चिंताजनक बात सामने आई है कि यहां जो बच्चे कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं, उनके लक्षण कावासाकी नामक पुरानी बीमारी से मेल खा रहा हैं। इसके कारण डॉक्टरों को इसमें अंतर करने में परेशानी हो रही है। दरअसल दिल्ली और मुंबई के बहुत से कोरोना पॉजिटिव बच्चों में कोरोना के जो लक्षण पाए जा रहे हैं, वो कावासाकी नामक बीमारी (Kawasaki Disease) के लक्षणों से मिलता-जुलता लग रहा है। जैसे कि इन बच्चों में तेज बुखार के साथ शरीर पर जगह-जगह रैशेज हो दृगए हैं। साथ ही आंख और होंठ लाल नजर आते हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं इस बीमारी के बार में।

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कावासाकी रोग (Kawasaki Disease) क्या है?

कावासाकी रोग की उत्पत्ति के बारे में माना जाता है कि यह कुछ वायरस के कारण होता है जो रोग को ट्रिगर करते हैं। यह पहली बार जापान में एक बाल रोग विशेषज्ञ टोमिसाकु कावासाकी द्वारा खोजा गया था। यह बीमारी शिशुओं के साथ-साथ 10-15 साल की उम्र तक के बच्चों को भी हो सकती है। यह पांच साल से कम उम्र के बच्चों में अधिक आम है। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगने हैं, उनकी इम्यूनिटी अच्छी होने लगती है, वैसे ही बच्चे ठीक होने लग जाते हैं।

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कावासाकी के लक्षण (Kawasaki Disease Symptoms)

कावासाकी से पीड़ित बच्चों में आमतौर पर जो लक्षण दिखाई देते हैं, उनमें शामिल है 

  • - तेज बुखार
  • - सूजे हुए लिम्फ नोड्स
  • - गीली आंखें
  • -लाल होंठ और उनकी जीभ की सतह लाल और असमान होने लगती है।

साथ ही इन लक्षणों वाले बच्चे चिड़चिड़े होते हैं, तो कुछ के जोड़ों के दर्द और अंगों में सूजन भी होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात, कावासाकी दिल को भी प्रभावित करती है, जब बीमारी एक निश्चित अवधि से परे होती है, तो बीमारी के 10 दिनों के बाद ये कोरोनरी धमनियों को प्रभावित कर सकता है।

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कोविड पॉज़िटिव बच्चों में कावासाकी रोग (COVID-19 and Kawasaki Disease)

कुछ बच्चे जो कोविड -19 पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें अब एटिपिकल कावासाकी और मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस) के लक्षण दिखा रहे हैं। दरअसल इन बच्चों को तेज बुखार होता है, जो आंखों में रेडनेस, चिड़चिड़ापन, उल्टी और अंगों में सूजन की ओर संकेत करता है। लेकिन ये लक्षण कावासाकी की विशेष संकेत नहीं हैं, लेकिन कावासाकी मिलता-जुलता सा है। जिसका मतलब है, ये  लक्षण उन मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं जो निदान के लिए निर्धारित किए गए हैं। तो हम कह सकते हैं कि कुछ बच्चों में कोविड -19 संक्रमण बहुत खराब प्रतिक्रिया पैदा कर रहा है, जो कावासाकी के लक्षणों से मिल रहा है। इनमें से कुछ बच्चों को ये समस्या कार्डियक डिजीज से जुड़ी परेशानियां भी पैदा कर रहा है।

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कैसे हो रहा है ऐसे बच्चों का इलाज

डॉक्टर ऐसे बच्चों में पहले कावासाकी का इलाज कर रहे हैं, और फिर दोबारा जांच कर रहे हैं कि COVID -19 से संबंधित है या नहीं। इसे करने के दो तरीके हैं। एक है नाक से स्वाब ले कर और दूसरा तरीका एंटीबॉडी टेस्ट करके। ऐसे में कुछ इम्यूनोग्लोबिन जी एंटीबॉडी के रूप में COVID -19 के संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं। फिप ऐसे बच्चों में कोरोना का इलाज शुरू किया जा रहा है।

आमतौर पर कोरोना पॉजिटिव बच्चे में हाई ग्रेड फीवर के साथ गर्दन के पास गांठ, बॉडी में रैशेज बनना, पेट में दर्द, वोमेटिंग, मुंह स्टॉबेरी की तरह लाल हो जाना जैसे लक्षण हैं। इस दौरान इन बच्चों में ब्लड वेसेल्स में सूजन आ रही है। साथ ही इन बच्चों के पाचन की क्षमता भी खराब हो जाती है। बीपी नीचे चला जाता है, इसलिए जरूरी है कि ऐसे लक्षण वाले बच्चे को समय पर इलाज मिले। इसके अलावा जरूरी ये भी है कि माता-पिता बच्चों का अतिरिक्त ध्यान रखते हुए उन्हें घर में ही रखें, बार न ले जाएं और न जानें दें। साथ ही जितना हो सके उतना उन्हें साफ-सफाई से रहने की सीख दें।

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