घर के काम से फुरसत पाकर या दोपहर के खाली समय में अगर आपको सोने की आदत है, तो ये आपके लिए जानलेवा हो सकती है। एक शोध के मिताबिक दिन में एक घंटे से ज्यादा सोने वालों को टाइप-2 मधुमेह का का खतरा 45 फीसदी ज्यादा होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के अनुसंधानकर्ताओं ने तीन लाख से अधिक लोगों की भागीदारी वाले 21 अध्ययनों से डेटा जुटाया।
उन्होंने पाया कि 60 मिनट से ज्यादा समय तक नींद नुकसानदेह हो सकती है । ज्यादा सोने से खतरा बढ़ता है। बहरहाल, 40 मिनट से कम समय तक दिन में नींद लेने का संबंध मधुमेह के खतरे से नहीं है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि दिन में लंबी नींद का परिणाम रात में नींद बाधित होने के रूप में निकल सकता
यह नींद संबंधी विकार दिल के दौरे, मस्तिष्काघात, हृदय संबंधी समस्याओं तथा टाइप-2 डायबिटीज सहित अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है । अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि काम या सामाजिक जीवन शैली के चलते नींद पूरी नहीं होने का परिणाम ज्यादा भूख लगने के रूप में निकल सकता है जिससे टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ने की संभावना हो सकती है ।
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