जो सरकार कल तक चिकनगुनिया का जानलेवा बीमारी नहीं मान रही थी वो दिन पर दिन लोगों को अपनी मौत का शिकार बना रही है। गौरतलब है कि चिकनगुनिया से अब तक दिल्ली में 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 2800 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं।
बीते रविवार दो और लोगों के मरने की सूचना सर गंगाराम अस्पताल से मिली है जिनके मरने का कारण चिकनगुनिया बताया गया है। इस अस्पताल से पिछले एक सप्ताह में चिकनगुनिया से पांच अन्य लोगों की मौत पहले हो चुकी है। अस्पताल से बातचीत के दौरान एक सूत्र ने बताया, ‘‘दिल्ली निवासी दो बुजुर्गो की सर गंगाराम अस्पताल में चिकनगुनिया से 15 सितंबर को मृत्यु हो गयी। इनमें से एक उच्च रक्तचाप के शिकार थे जबकि दूसरे की किडनी ने काम करना बंद कर दिया।’’
प्रशासन नहीं ले रही जिम्मेदारी
ये शहर की बदकिस्मती ही है कि डेंगू और चिकनगुनिया से होने वाली मौतों के बीच भी प्रशासन इसकी जिम्मेदारी उठाना नहीं चाहता और होने वाली मौतों के लिए हुई मामलों की जांच के लिए दिल्ली सरकार द्वारा गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में चिकनगुनिया को मौत का प्राथमिक कारण मानने से इनकार कर दिया है। इस समिति का कहना है कि जिन मरीजों की हाल-फिलहाल में मृत्यु हुई है वे या तो काफी उम्र के थे या उन्हें पहले से ही कोई बीमारी थी।
दिल्ली सरकार की ओर ‘मृत्यु समीक्षा समिति’’ की रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें उन्होंने केवल 20 मामलों की ही समीक्षा की गई है। अस्पतालों से जरूरी दस्तोवज नहीं मिलने के कारण अन्य मामलों की समीक्षा अभी लंबित है।
शुरू हुआ जन-जागरूकता अभियान
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा है कि सोमवार से शहर में जन-जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत शहरवासियों को जागरूक किया जाएगा और अनुरोध किया जाएगा कि वे रोजाना अपने आसपास की सफाई का ध्यान रखें और आसपास एरिया में जमा होने वाले पानी पर तुरंत नगरनिगम या सफाईकर्मचारी को सूचित करें। जिससे शहर में मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित किया जा सके।
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