मुंबई की 28 वर्षीय पूजा सिंह, एक दिन ऑफिस जाते समय बारिश के पानी में चलकर गईं और अगले ही दिन उनके पैरों पर लाल चकत्ते और तेज जलन होने लगी। जांच में पता चला कि उन्हें कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस हुआ है, जो गंदे पानी में मौजूद केमिकल और बैक्टीरिया से हुआ था। अगर समय रहते इलाज न हुआ होता, तो यह इंफेक्शन और गहरा हो सकता था।
मानसून का मौसम अपने साथ ठंडक, हरियाली और सुकून लाता है, लेकिन यह मौसम कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा करता है। खासकर जब हम गंदे और जमा हुए बारिश के पानी के संपर्क में आते हैं, तो त्वचा से जुड़ी बीमारियां सबसे पहले शरीर को घेर लेती हैं। लखनऊ स्थित केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ. सीमा यादव बताती हैं कि इस मौसम में जलभराव और सीवेज मिक्स पानी में घूमना स्किन के लिए खतरनाक हो सकता है। डॉक्टर के अनुसार, बैक्टीरिया, फंगल और वायरल इंफेक्शन, इस दौरान बहुत तेजी से फैलते हैं और इनसे स्किन पर खुजली, फोड़े-फुंसी, रैशेज, इंफेक्शन, यहां तक कि अल्सर तक हो सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे बारिश के मौसम में गंदे पानी से होने वाली 7 त्वचा रोगों और उनसे बचाव के उपायों के बारे में।
1. कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस- Contact Dermatitis
कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस, एक आम स्किन रिएक्शन है जो तब होता है जब स्किन किसी एलर्जन या केमिकल के संपर्क में आती है। बारिश के पानी में मौजूद गंदगी, डिटर्जेंट, सीवेज और पेट्रोल जैसे तत्व स्किन को इरिटेट कर सकते हैं। इसके लक्षणों में लाल चकत्ते, खुजली, सूजन और जलन शामिल हैं।
बचाव:
- गंदे पानी में चलने से बचें।
- वॉटरप्रूफ फुटवियर और फुल पैंट पहनें।
- गंदे पानी के संपर्क के बाद स्किन को एंटीसेप्टिक से साफ करें।
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2. एथलीट फुट- Athlete’s Foot
एथलीट फुट, एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है जो ज्यादातर पैरों में नमी बने रहने से होता है। गंदे और भीगे मोजे या जूते इसे बढ़ा सकते हैं। इसमें पैरों की उंगलियों के बीच खुजली, स्किन छिलना और जलन जैसे लक्षण होते हैं।
बचाव:
- पैरों को हमेशा सूखा और साफ रखें।
- भीगे जूते-मोजे तुरंत बदलें।
- एंटी-फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें।
3. स्कैबीज- Scabies
यह एक संक्रामक स्किन डिजीज है जो माइक्रोस्कोपिक कीड़े (Mites) के कारण होती है। बारिश में गंदे कपड़े, तौलिए या बिस्तर शेयर करने से स्कैबीज फैल सकता है।
बचाव:
- व्यक्तिगत चीजें शेयर न करें।
- बिस्तर और कपड़े, गर्म पानी से धोएं।
- डॉक्टर की सलाह पर एंटी-पैरासिटिक क्रीम लगाएं।
4. फोलिकुलिटिस- Folliculitis
फोलिकुलिटिस, बालों की जड़ों में एक प्रकार का इंफेक्शन होता है। गंदे पानी से शरीर पर नमी बनी रहने से यह तेजी से फैलता है। लाल दाने, जलन और खुजली इसके प्रमुख लक्षण हैं।
बचाव:
- रोजाना नहाएं।
- सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें।
- साफ-सुथरे तौलिए का इस्तेमाल करें।
5. इंटरट्रिगो- Intertrigo
इंटरट्रिगो, एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है, जो शरीर की स्किन फोल्ड्स जैसे बगल, गर्दन, कमर के आसपास ज्यादा नमी के कारण होता है। गंदा पानी और पसीना मिलकर इसे बढ़ा सकते हैं।
बचाव:
- टाइट कपड़े न पहनें।
- स्किन फोल्ड्स को पाउडर से सूखा रखें।
- बार-बार कपड़े बदलें।
6. लेप्टोस्पायरोसिस- Leptospirosis
लेप्टोस्पायरोसिस, एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो गंदे पानी में मौजूद चूहे के यूरिन से फैलता है। स्किन पर कट या घाव हो, तो यह शरीर में प्रवेश कर सकता है।
बचाव:
- खुले घाव को कवर करें।
- गंदे पानी में चलने से बचें।
- जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से तुरंत जांच कराएं।
7. सेल्युलाइटिस- Cellulitis
यह एक गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो स्किन की गहराई में फैल सकता है। यह आमतौर पर घावों या चोट के जरिए, इंफेक्शन के रूप में शुरू होता है।
बचाव:
- स्किन को साफ और ड्राई रखें।
- छोटे घावों को भी नजरअंदाज न करें।
- इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं।
बारिश का मौसम जितना खूबसूरत होता है, उतना ही स्किन के लिए मुश्किल भरा भी हो सकता है। गंदे पानी से जितना संभव हो बचें। अपनी स्किन की हेल्थ को हल्के में न लें, क्योंकि छोटी सी लापरवाही बड़ी समस्या बन सकती है।
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FAQ
बारिश में फैलने वाली बीमारियां कौन सी हैं?
बारिश में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफाइड, फूड पॉइजनिंग, लेप्टोस्पायरोसिस और स्किन इंफेक्शन जैसी बीमारियां आम होती हैं। इनसे बचने के लिए साफ-सफाई और सुरक्षित पानी का सेवन जरूरी है।बरसात के मौसम में खुजली का इलाज कैसे करें?
खुजली से राहत पाने के लिए हल्के एंटीसेप्टिक साबुन से नहाएं, स्किन को सूखा रखें और एंटी-फंगल पाउडर लगाएं। जरूरत होने पर डॉक्टर से दवा या क्रीम की सलाह लें।क्या बारिश के पानी से स्किन इंफेक्शन हो सकता है?
हां, बारिश का गंदा पानी, बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन फैला सकता है। इससे स्किन पर रैशेज, खुजली, फोड़े-फुंसी और जलन हो सकती है। साफ पानी से धोकर स्किन को सूखा रखना जरूरी है।
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