Sinus Permanent Treatment: सिरदर्द, जुकाम, सर्दी और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण आमतौर पर सामान्य इन्फेक्शन होने या शरीर में कुछ गड़बड़ी होने पर दिखाई देते हैं। लेकिन अगर यह लक्षण लगातार बने रहते हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लगातार सर्दी-जुकाम, सिरदर्द और ठंड लगने की समस्या साइनस (Sinus) या साइनसाइटिस का लक्षण हो सकती है। साइनस एक गंभीर बीमारी है और इस बीमारी में सही समय पर इलाज न मिलने से मरीज की स्थिति खराब हो सकती है। इस समस्या में नाक के आसपास के हड्डी बनने लगती है, जिसकी वजह से मरीज को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं साइनस जैसी गंभीर बीमारी का परमानेंट इलाज क्या है।
साइनस क्या है?- What is Sinus in Hindi
साइनस नाक, कान और गले से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में चेहरे के पीछे नाक के आसपास एक हड्डी बढ़ने लगती है, जिसकी वजह से मरीज को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साइनस दरअसल बलगम आदि को बनाने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। जब यह स्थिति बढ़ जाती है, तो मरीज को संक्रमण होने लगता है और गंभीर परेशानियों का खतरा रहता है। साइनस इन्फेक्शन की वजह से रनिंग नोज, सर्दी-जुकाम और ठंड लगने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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साइनस का परमानेंट इलाज क्या है?- Sinus Permanent Treatment in Hindi
साइनस इन्फेक्शन या साइनस की बीमारी चार तरह की होती है। पहला, तीव्र साइनस इन्फेक्शन, दूसरा कम तीव्र साइनस इन्फेक्शन, तीसरा क्रॉनिक साइनस इन्फेक्शन और चौथा रिकरेंट साइनसाइटिस। इन टाइप्स के आधार पर मरीज को इस समस्या का अलग-अलग समय तक सामना करना पड़ सकता है। आमतौर पर साइनस इन्फेक्शन होने पर डॉक्टर मरीज को कुछ दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं और डाइट व लाइफस्टाइल से जुड़ी सावधानियों का ध्यान रखने को कहते हैं। कुछ लोगों में यह समस्या जल्दी ठीक हो जाती है, तो वहीं कुछ लोगों को लंबे समय तक इसे झेलना पड़ता है।
साइनस का इलाज कई तरीके से किया जाता है। डॉक्टर मरीज की स्थिति और लक्षणों के आधार पर इस बीमारी का इलाज करते हैं। साइनस के कुछ प्रमुख उपचार और इलाज इस तरह से हैं-
- दवाओं का सेवन और एंटी-बायोटिक्स आदि से इलाज
- एलर्जी दूर करने के लिए डाइटरी बदलाव
- इम्यूनोथेरेपी से साइनस का इलाज
- एंटी-फंगल दवाओं के सेवन से इलाज
- सर्जरी के माध्यम से साइनस का इलाज
ऐसे मरीज जिनमें साइनस का इन्फेक्शन बहुत गंभीर हो जाता है, उन्हें सर्जरी की सलाह दी जाती है। साइनस की सर्जरी संक्रमित साइनस, नाक के पॉलीप्स, नाक की टेढ़ी हड्डी आदि को ठीक करने के लिए की जाती है। यह सर्जरी हमेशा विशेषज्ञ डॉक्टर की देखरेख में होनी चाहिए।
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साइनस से बचाव के लिए आपको डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से गर्म पानी का भाप लेने, बलगम को कम करने और साफ-सफाई का ध्यान रखने से इस समस्या में फायदा मिलता है। इसके अलावा डाइट में बलगम को कंट्रोल करने वाले फूड्स को शामिल करने से आराम मिलता है।
नोट: यह लेख बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर से मिले इनपुट्स पर आधारित है।
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