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साइनस की समस्या में करें कलौंजी और शहद का सेवन, मिलेगी राहत

साइनस होने पर व्यक्ति को नाक बंद होना, सांस लेने में परेशानी व थकान हो सकती है। ऐसे में आपको साइनस के लक्षणों को दूर करने के लिए आसान घरेलू उपाय बताया गया है।
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साइनस की समस्या में करें कलौंजी और शहद का सेवन, मिलेगी राहत


साइनसाइटिस (Sinusitis), जिसे आमतौर पर साइनस संक्रमण के रूप में जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें साइनस के टि्श्यू में सूजन होने लगती है। इससे कई तरह के समस्याएं शुरु हो सकती हैं, जैसे नाक बंद होना, सिरदर्द, चेहरे पर दर्द और गंध महसूस न होना, आदि। इस समस्या को  कम करने के लिए कई तरह के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय मौजूद हैं। इन उपायों में आप कलौंजी (काले बीज) औ शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन दोनों के इस्तेमाल से साइनस के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। शहद और कलौंजी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इससे साइनस के दौरान होने वाली अन्य समस्याओं से आपका बचाव होता है। इस लेख में वेव क्योर सेंटर के नेचुरोपैथी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर एस के पाठक से आगे जानते हैं कि कलौंजी और शहद का सेवन कैसे किया जाता है। साथ ही इसके साइनस में क्या फायदे होते हैं। 

साइनस से राहत के लिए शहद के साथ कलौंजी के फायदे - Honey And Kalonji Benefits For Sinus Symptoms in Hindi 

एंटी इंफ्लेमेटरी गुण

कलौंजी और शहद दोनों में सूजनरोधी (एंटी इंफ्लेमेटरी) गुण होते हैं। साइनसाइटिस में अक्सर साइनस की सूजन होती है, जिससे दर्द और दबाव हो सकता है। कलौंजी और शहद के सूजनरोधी प्रभाव इस सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे साइनस की परेशानी से राहत मिलती है।

एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल प्रभाव

साइनस का इंफेक्शन बैक्टीरिया या वायरस के कारण हो सकता है। कलौंजी में एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो साइनसाइटिस का कारण बनने वाले इंफेक्शन से लड़ने में मदद कर सकते हैं। शहद में नेचुरल एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने और संक्रमण की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकते हैं।

honey and kalonji for sinus symptoms

प्रतिरक्षा प्रणाली का मजबूत बनाना

इंफेक्शन से लड़ने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली आवश्यक है। कलौंजी प्रतिरक्षा कार्य को बढ़ाने के लिए जानी जाती है, जिससे शरीर को साइनस संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा, शहद भी प्रतिरक्षा कार्य को बढ़ावा देने वाले एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करता है।

दर्द से राहत

कलौंजी और शहद साइनसाइटिस से जुड़े दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। कलौंजी के सूजन-रोधी और एनाल्जेसिक गुण दर्द और परेशानी को कम कर सकते हैं, जबकि शहद के गुण अतिरिक्त राहत प्रदान कर सकते हैं।

प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट 

कलौंजी और शहद दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट सूजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो साइनस के इंफेक्शन से उबरने में सहायता कर सकते हैं।

कलौंजी और शहद का सेवन कैसे करें? 

इसके लिए आप करीब एक चम्मच कलौंजी को पाउडर की तरह से पीस लें। इसके बाद इसमें शहद मिलाएं। इस औषधी का सेवन आप सुबह शाम कर सकते हैं। इससे साइनस की समस्या में आराम मिलता है। 

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कलौंजी और शहद का मिश्रण साइनस से राहत के लिए एक प्राकृतिक उपाय हो सकता है। इसमें सूजनरोधी, बैक्टीरिया रोधी, प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले और अन्य गुण पाए जाते हैं। इससे साइनस के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। इसका सेवन करने से पहले आप आयुर्वेदाचार्य से संपर्क करें, डॉक्टर आपकी स्थिति के आधार पर औषधिय युक्त उपाय बता सकते हैं। 

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