महिलाओं को अनियमित जीवनशैली के कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन समस्याओं में पीसीओएस को भी शामिल किया जाता है। आज के दौर में अधिकतर महिलाओं को पीसीओएस और पीसीओडी की समस्या होने लगी है। पीसीओएस की वजह से महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव व गर्भधारण करने से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इस दौरान कुछ महिलाओं की एड्रिनल ग्रंथि भी प्रभावित हो सकती है। एड्रिनल ग्रंथि हार्मोंस का निर्माण करती है। जब एड्रिनल ग्रंथि प्रभावित होती है, तो इससे हार्मोन का स्तर कम होने लगता है। ऐसे में महिलाओं को थकान, कमजोरी, सिर दर्द, आदि लक्षण महसू हो सकते हैं। इस लेख में अंकुरा अस्पताल की सीनियर गायनोकोलोजिस्ट डॉक्टर मधूलिका सिंह से जानते हैं कि पीसीओएस में महिलाओं को एड्रिनल फटीग (Adrenal Fatigue) में क्या लक्षण महसूस हो सकते हैं।
पीसीओएस में एड्रिनल फटिग के लक्षण - Sign Of Adrenal Fatigue During PCOS In Hindi
दीर्घकालिक थकान
एड्रिनल फटीग में महिलाओं को पूरी रात की नींद के बाद भी लगातार थकान बनी रह सकती है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को एड्रिनल ग्लैंड को प्रभावित करने वाले हार्मोनल असंतुलन के कारण अत्यधिक थकान महसूस हो सकती है। एड्रिनल ग्लैंड प्रभावित होने से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है, इससे स्ट्रेस व तनाव हो सकता है।
तनाव कम करने में परेशानी
पीसीओएस में महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, ऐसे में महिलाओं को स्ट्रेस हो सकता है। जब यह एड्रिनल ग्रंथि के साथ संंबंधित होता है, तो ऐसे में तनाव को कम करने में अधिक समय लग सकता हैे। इस दौरान महिलाओं को तनाव होने लगता है।
नींद लेने में दिक्कत
एड्रिनल फटीग महिलाओं के शरीर की नेचुरल सर्कैडियन रिदम (सोने और जगाने की आदत) में बाधा होती है, इससे सोने में परेशानी हो सकती है। साथ ही, यह आपकी नींद की क्वालिटी को भी प्रभावित कर सकता है।
हार्मोनल असंतुलन
पीसीओएस में महिलाओं के शरीर में इंसुलिन, टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन से जुड़े हार्मोनल असंतुलन होते हैं। एड्रिनल फटीग कोर्टिसोल हार्मोन को अनियमित कर सकता है। शरीर में कोर्टिसोल बढ़ने से अन्य हार्मोन प्रभावित होते हैं, जिससे पीरियड्स अनियमित होना, मुंहासे आना, बाल झड़ना आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं।
मूड स्विंग और भावनात्मक अस्थिरता
एड्रिनल ग्लैंड कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन (adrenaline) जैसे हार्मोन का निर्माम कर सकता है। इससे महिलाओं के मूड और इमोशनल उतार-चढ़ाव पर असर पड़ता है। इससे महिलाओं को मूड में बदलाव, चिंता, चिड़चिड़ापन व अवसाद महसूस हो सकता है।
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महिलाओं को पीसीओएस की समस्या में कई तरह के हार्मोनल बदलाव से गुजरना पड़ता है। ऐसे में उनको थकान, कमजोरी, चिड़चिड़ापन व मूड स्विंग्स की समस्या हो सकती है। इस दौरान तनाव व स्ट्रेस को कंट्रोल करने में परेशानी हो सकती है। साथ ही, महिलाओं को स्किन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।