Work From Home: डिम लाइट में पढ़ रहे हैं तो आंखों को हो सकते हैं ये नुकसान, डॉक्टर से जानें बचाव

बहुत से लोगों को रात में कम लाइट में पढ़ने की आदत होती है, लेकिन यह आदत आंखों की रोशनी पर बुरा असर डाल सकती है। 
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Work From Home: डिम लाइट में पढ़ रहे हैं तो आंखों को हो सकते हैं ये नुकसान, डॉक्टर से जानें बचाव


कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को हिला कर रख दिया है। यह दूसरी लहर पहली लहर से ज्यादा खतरनाक है। प्रशासन ने एहतियातन सख्ती कर दी है। कई राज्यों में आंशिक तो कहीं पूर्ण लॉकडाउन लगाया जा रहा है। ऐसे वक्त में लोग घर पर हैं। लगभग सभी कंपनियां वर्क फ्रॉम करा रही हैं। दूसरी तरफ स्कूल-कॉलेज बंद होने की वजह से बच्चे भी घरों पर हैं। उनकी सारी पढ़ाई ब्लैकबोर्ड से कंप्यूटर या स्मार्टफोन की स्क्रीन पर आ गई है। युवा और बच्चे दोनों को ही स्क्रीन के सामने ज्यादा समय निकालना पड़ रहा है। बहुत से लोगों में रात को सोने से पहले पढ़ने की आदत होती है। इसलिए वे कम रोशनी में पढ़ते हैं या स्मार्टफोन को घंटों स्क्रोल करते हैं। कम रोशनी में पढ़ने से आंखों को कई नुकसान होते हैं। यह आदतें बच्चों और बड़ों दोनों की आंखों पर बुरा असर डाल रही है। कम रोशनी में पढ़ने से आंखों पर क्या असर पड़ता है इसके बारे में दिल्ली में विजन आई सेंटर के मेडिकल निदेशक डॉ. तुषार ग्रोवर का कहना है कि कम लाइट में पढ़ने से आंखों की रोशनी नहीं जाती है, पर दूसरी तरह से आंखों को कई नुकसान होते हैं।

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कम लाइट में पढ़ने से आंखों को होने वाले नुकसान

सिर दर्द और आंखों पर जोर

डॉक्टर तुषार का कहना है कि कोरोना की वजह से ज्यादातर बच्चे घर से पढ़ाई कर रहे हैं। तो वहीं, अब उनकी जिंदगी में स्मार्टफोन आ गया है। देर रात तक असाइनमेंट खत्म करते रहने से उनकी आंखों पर असर पड़ता है। कमरे की ठीक लाइट नहीं होने की वजह से आंखों पर जोर पड़ता है। जिस वजह से आंखों में दर्द की समस्या होती है। 

आंखों में ड्राइनेस

वर्क फ्रॉम होम के चलते युवाओं का भी स्क्रीन एक्सपोजर ज्यादा बढ़ा है। जिस वजह से उन्हें ओवरटाइम भी करना पड़ रहा है। ज्यादा देर कंप्यूटर के सामने बैठने से कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की समस्या देखने को मिल रही है। इस वजह से आंखों में ड्राइनेस, लालपन, खुजली की परेशानी बढ़ रही है।

पलकों का झपकना

कम लाइट में पढ़ने से पलकों को झपकने की समस्या होने लगती है। पलकें कम झपकती हैं। ज्यादा देर तक कम लाइट में पढ़ने से पलकें झपकना कम हो जाती हैं।

चश्मे की पावर

आंखों को सही रोशनी न मिलने की वजह से आंखें सिकुड़ती हैं। जिस वजह से चश्मे का पावर बढ़ता है। हालांकि अभी तक ऐसी कोई स्टडी नहीं आई है जो यह बताए कि कम रोशनी में पढ़ने से आंखों की रोशनी कम होती है। लेकिन यह देखा गया है कि जो बच्चे ज्यादा देर कम रोशनी में पढ़ते हैं उनके चश्मे का नंबर ज्यादा बढ़ता है और आंखों में धुंधलापन होता है।

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कैसे बचें

डिम लाइ में पढ़ने से अगर आंखों और सिर में दर्द हो रहा है तो वहीं आंखों में धुंधलेपन की समस्या भी बढ़ रही है। नेत्र रोग विशेषज्ञ ने यहां कुछ उपाय बताए हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं।

रोशनी ठीक रखें

डॉक्टर तुषार का कहना है कि पढ़ने के लिए कमरे की रोशनी ठीक होना बहुत जरूरी है। कमरे की लाइट न ज्यादा हो और न कम हो। बराबर लाइट में पढ़ें। इससे आपकी आंखों में ड्राईनेस नहीं बढ़ेगी।

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20-20 नियम

नेत्र रोग विशेषज्ञों ने एक 20-20 नियम बनाया है। जिसके मुताबिक हर 20 मिनट में आंखों को आराम देना चाहिए। पर काम की व्यस्तत के चलते हम ऐसा नहीं करते हैं। पर यकीन मानिए ये 20 मिनट आपकी स्वस्थ आंखों के लिए बहुत जरूरी हैं। इसलिए इसे फॉलो करने की कोशिश करें। 

हेल्दी डाइट और पानी

डॉक्टर का कहना है कि शरीर में पानी की कमी के चलते भी आंखों की समस्या होती है। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। सही आहार लें। रात को कोशिश करें किताबों से पढ़ें। फोन से नहीं। फोन की लाइट आपकी आंखों को और खराब करती है।

वर्क फ्रॉम होम में लोग अपना टाइम काटने के लिए पढ़ने का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में बहुत से लोगों को आदत होती है कि वे कम रोशनी में पढ़ते हैं, पर यह कम रोशनी में पढ़ना आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए पढ़ने की लाइट का सही होना जरूरी है।

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