Eye Health: आंख से जुड़ी इन 5 गंभीर बीमारियों का कारण कहीं आपका 'कॉन्टेक्ट लेंस' तो नहीं?

आंख से जुड़ी बीमारियों का कारण कॉन्टेक्ट लेंस से जुड़ी आपकी लापरवाहियां भी हो सकती हैं। वो कैसे, तो आइए जानते हैं इसे विस्तार से।
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Eye Health: आंख से जुड़ी इन 5 गंभीर बीमारियों का कारण कहीं आपका 'कॉन्टेक्ट लेंस' तो नहीं?

हमारे आंखों की मांसपेशियां शरीर के कुछ सबसे नाजूक मांसपेशियां में से एक होती हैं। ऐसे में छोटी सी चोट भी आंखों पर भारी पड़ सकती है। कॉन्टेक्ट लेंस लगना और उतारना, दोनों ही थोड़ा मुश्किल काम है और इस काम को करने में थोड़ी सी भी लापरवाही आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लेंस लगाए रहना भी आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। कई बार हम दिन की शुरुआत में कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं और आखिर तक ये हमारी आंखों में लगा रहता है। ये आदत आंखों को गंभीर परेशानियां दे सकता है। वो कैसे आइए हम आपको बताते हैं।

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कान्‍टैक्‍ट लेंस और आंखों की बीमारियां

आंखों की जलन से लेकर आंखों के संक्रमण तक, लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लेंस लगाना बहुत सारी परेशानियां पैदा कर सकता है। ये आंखों की धुंधली दृष्टि, कॉर्निया से जुड़ी परेशानियां और आंखों की अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। जैसा कि

1. कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis)

आमतौर पर ये पिंक आई के रूप में जाना जाता है। बहुत अधिक समय तक कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से कंजक्टिवा (conjunctiva) की सूजन हो सकती है जो कंजक्टिवाइटिस का कारण बन सकती है। अगर आप लंबे समय तक कान्‍टैक्‍ट लेंस लगाए रहते हैं, तो आपको आंखों में खुजली, बेचैनी और पिंक आई की ये परेशानी हो सकती है। इसलिए अपने इस आदत में बदलाव करें और लंबे समय तक  कॉन्टेक्ट लेंस की जगह चश्मा लगाएं।

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2. केराटाइटिस (Keratitis)

यह स्थिति कंजंक्टिवाइटिस से काफी मिलती-जुलती है लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि यह आपकी आंखों को आंतरिक नुकसान पहुंचाती है। इसके गंभीर मामलों में आंशिक दृष्टि हानि भी हो सकती है। अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ संपर्क में हैं, जिसे ये परेशानी है तो तब ये और आसानी से फैल सकता है। इसलिए, अपनी आंखों की खातिर कॉन्टेक्ट लेंस को लंबे समय तक लगाने से बचें। वहीं सस्ते कॉन्टेक्ट लेंस को भी लगाने से बचें।

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3. कॉर्नियल नियावेस्कुलराइजेशन (Corneal Neovascularization)

कॉन्टेक्ट लेंस को लंबे समय तक लगाए रहने से आपकी आंखों को उनकी जरूरत के तरल पदार्थ लेने से रोकते हैं। यह आपकी आंखों को ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी प्रतिबंधित करता है। यह देखते हुए कि आपकी आंखों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है, इसलिए तुरंत कॉन्टेक्ट लेंस निकाल दें। वहीं कॉन्टेक्ट लेंस कॉर्निया के आसपास की रक्त वाहिकाएं और रक्त के प्रवाह को तेजी से बढ़ा देती है। जिससे ये रक्त वाहिकाओं के अतिवृद्धि का कारण भी बनता है और आपकी आंखें और खराब होने लगती हैं।

4. लाल आंखें (Red eyes)

अगर आपकी आंखें कॉन्टेक्ट लेंस लगाने के बाद लाल होने लगती है, तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि आपकी आंखों को इससे नुकसान हो रहा है। वहीं फिर भी ये रेडनस कुछ दिनों के भीतर दूर नहीं होती है, तो यह संपर्क लेंस के अति प्रयोग का परिणाम हो सकता है। यह एक गंभीर स्थिति है और आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।

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5. आंखों के छाले

अगर आप घंटों तक कॉन्टेक्ट लेंस लगाए रहते हैं और इसके संपर्कों को लेकर लापरवाह हैं, तो आपके आंखों में छोले का कारण बन सकता है। दरअसल ये छाले कॉर्निया पर सफेद या भूरे रंग के खुले घावों के रूप में दिखाई देते हैं। वे दर्दनाक हो सकते हैं और कुछ मामलों में धुंधली दृष्टि और अंधापन भी पैदा कर सकती है। 

वहीं गंभीर मामलों में, ये दृष्टि हानि का कारण भी हो सकती है। ये अतिरिक्त रक्त वाहिकाएं प्रकाश को कॉर्निया के माध्यम से यात्रा करने से रोकती हैं जो अंततः आंशिक या पूर्ण दृष्टि क्षति का कारण हो सकता है। इसके अलावा, इस तरह के कोई और लक्षण भी अगर आपको महसूस होते हैं, तो अपनी आंखों की अतिरिक्त देखभाल करें और नियमित रूप से डॉक्टर के पास आई चेकअप के लिए जाएं।

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