जब से लोगों ने सुना है कि एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर के प्रयोग से कोरोना वायरस को समाप्त किया जा सकता है, तबसे सोशल मीडिया पर बहुत सारे मीम्स और पोस्ट सामने आ रही हैं कि एल्कोहल पीने से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है। अगर आपको भी लगता है कि एल्कोहल पीने से कोरोना वायरस शरीर में ही मर जाएगा, तो ये खबर आपके लिए ही है। अलजज़ीरा में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में 700 से ज्यादा लोगों ने कोरोना वायरस को ठीक करने के लिए टॉक्सिक मेथनॉल पीकर अपनी जान गंवा दी है।
बेवकूफी में गई 700 से ज्यादा लोगों की जान
रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में कोरोना वायरस को ठीक करने के लिए एल्कोहल के फायदेमंद होने की अफवाह तेजी से फैली है, जिसके कारण वहां 5000 से भी ज्यादा लोग टॉक्सिक एल्कोहल पीकर बीमार पड़ गए हैं। इनमें से 728 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। यही नहीं, 90 लोगों ने जहरीली शराब पीकर अपने आंखों की रोशनी भी गंवा दी है। ईरान के ही स्वास्थ्य मंत्रालय के सलाहकार Hossein Hassanian ने बताया कि आंखों की रोशनी गंवाने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है। ये मौतें 20 फरवरी से लेकर 7 अप्रैल के बीच हुई हैं।
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पहला नहीं है ऐसी बेवकूफी का मामला
कोरोना वायरस के खौफ के कारण ऐसी बेवकूफियां करने का ये पहला मामला नहीं है। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के डिसइंफेक्टेंट वाले बयान के बाद अमेरिका में 30 लोग ऐसे निकल आए थे, जिन्होंने सच में घर में रखे डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल कर लिया था। ऐसे ही ट्रंप के हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन वाले बयान के बाद एक बुजुर्ग दंपत्ति ने मछली का तालाब साफ करने वाली क्लोरोक्वीन दवा खा ली थी, जिसके बाद पति की मौत हो गई थी।
ईरान में कोरोना वायरस से बिगड़े हैं हालात
ईरान में कोरोना वायरस के 91,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से अब तक 5800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यही कारण है कि इस समय पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर खौफ का माहौल बना हुआ है और ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
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क्यों खतरनाक है मेथनॉल एल्कोहल?
मेथनॉल ऐसा एल्कोहल नहीं है, जिसे पिया जा सके। इसका इस्तेमाल आमतौर पर डिसइंफेक्टेंट, सैनिटाइजर आदि में ही किया जाता है। इसके सेवन से शरीर के अंदरूनी अंग बुरी तरह डैमेज हो सकते हैं। इसके फलस्वरूप व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं- सीने में तेज दर्द, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ होना, पसीना निकलना, आंखों की रोशनी चले जाना या मरीज का कोमा में चले जाना। ईरान की सरकार ने टॉक्सिक मेथनॉल बनाने वाली कंपनियों को आदेश दिया है कि अब से वे इसे बनाने में आर्टिफिशियल कलर मिलाएं, ताकि लोग जान सकें कि घावों को साफ करने वाला एल्कोहल, एथनॉल अलग है और मेथनॉल अलग है।
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