WHO की चेतावनी- यह बीमारी इतनी जल्दी पीछा नहीं छोड़ने वाली, लॉकडाउन खोलने के बाद दोबारा बढ़ेगा खतरा

WHO चीफ कहा है कि कोरोना वायरस अभी लंबे समय तक रहने वाला है। जिन देशों को लगता था उन्होंने जंग जी ली, वहां दोबारा कोविड-19 के मामले सामने लगे हैं।
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WHO की चेतावनी- यह बीमारी इतनी जल्दी पीछा नहीं छोड़ने वाली, लॉकडाउन खोलने के बाद दोबारा बढ़ेगा खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने एक बार फिर कोरोना वायरस से लड़ रहे देशों के लिए चेतावनी दी है। बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान WHO के चीफ डॉक्टर टेडरस एडहेनम ने कहा कि, "कोई गलती न करें: अभी हमें काफी सफर तय करना है। ये वायरस हमारे साथ काफी दिनों तक रहने वाला है और आसानी से उभर सकता है।" WHO के अनुसार जो देश ये समझ रहे हैं कि उन्होंने कोरोना वायरस पर काबू पा लिया है, वहां इस बीमारी के मामलों में फिर से तेजी देखने को मिल रही है। इसलिए ये लड़ाई लंबी चलने वाली है।

लॉकडाउन खोलने से दोबारा फैल सकता है खतरा

डॉ. टेडरस ने ये भी कहा कि लॉकडाउन खोलने के बाद ये वायरस दोबारा तेजी से फैल सकता है। उन्होंने ये बात कहने के लिए "reignite" शब्द का प्रयोग किया, जो दर्शाता है कि उनका बयान कितना गंभीर है। दरअसल WHO का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब आधी से ज्यादा दुनिया लॉकडाउन के कारण अपने घरों में बंद है और विश्व की अर्थव्यवस्था चरमराती जा रही है। यही कारण है कि कई देशों ने अपने मई से लॉकडाउन खोलने की घोषणा कर दी है, जिनमें भारत भी शामिल है। भारत में घोषित देशव्यापी लॉकडाउन 3 मई को समाप्त हो रहा है।

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WHO पर लग रहे आरोपों पर दी सफाई

इन दिनों तमाम देश WHO पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने इस वायरस के बारे में सही समय पर जानकारी नहीं दी है, जिसके कारण कोरोना वायरस इतना ज्यादा फैला है। लेकिन WHO चीफ ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में सफाई भी दी है। उन्होंने कहा कि हमने पर्याप्त समय रहते दुनिया को चेतावनी दे दी थी। टेडरस बोले, "पीछे देखें, तो मुझे लगता है कि हमने सही समय पर इमरजेंसी घोषित कर दी थी। विश्व के पास पर्याप्त समय था कि वे अपनी तैयारी दुरुस्त करते"
आपको बता दें कि WHO ने कोविड-19 को 30 जनवरी को वैश्विक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था, जबकि इसे वैश्विक महामारी 11 मार्च को घोषित किया गया था।

WHO की चिंता- महामारी पर काबू पा चुके देशों में दोबारा फैल रहा है वायरस

WHO ने इस बात पर चिंता जताई है कि जो देश इस महामारी से लड़कर आश्वस्त हो चुके थे कि उन्होंने कोरोना वायरस को हरा दिया है, वहां अब फिर से मरीज उभरने लगे हैं। डॉ. टेडरस ने कहा कि जब ज्यादातर वेस्टर्न यूरोप में वायरस थमता हुआ नजर आ रहा था, तब दुनिया के तमाम देश ऐसे थे, जहां वायरस ने उभरना शुरू किया था। अब पहले वाले देशों में मामले फिर से सामने आने लगे हैं।
उन्होंने यह भी कहा,"इस बात में कोई शक नहीं है कि घर पर बैठने का आदेश देने और फिजिकल डिस्टेंस को बढ़ावा देने से कई देशों में वायरस को रोकने में काफी सफलता मिली है। लेकिन अभी भी ये वायरस बहुत खतरनाक है। शुरुआती सुबूत बताते हैं कि दुनिया की बहुत बड़ी जनसंख्या इस वायरस के प्रति अति संवेदनशील है इसलिए ये महामारी दोबारा उभर सकती है।

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कहां कितना फैल चुका है वायरस?

Worldometer के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार ये वायरस अब तक 27 लाख से ज्यादा लोगों में फैल चुका है और 1 लाख 90 हजार लोगों की जान ले चुका है। एक्टिव केसेस में से 58 हजार से ज्यादा मरीज गंभीर रूप से बीमार हैं। इस वायरस ने जिन देशों में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है वो हैं- अमेरिका (लगभग 9 लाख मामले), स्पेन (2.13 लाख मामले), इटली (1.9 लाख मामले), फ्रांस (1.6 लाख मामले), जर्मनी (1.5 लाख मामले), यूके (1.3 लाख मामले) और टर्की (1 लाख से ज्यादा मामले)। वहीं 11 अन्य देश और हैं जहां 1 लाख से लेकर 20 हजार तक मामले पाए हैं। इनमें भारत भी शामिल है।

भारत दुनिया का 16वां सबसे ज्यादा प्रभावित देश

चीन के बाद भारत में विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या रहती है और भारत का हेल्थ केयर सिस्टम भी विकसित देशों के मुकाबले कमजोर है। ऐसे में अगर भारत सरकार ने सही समय पर लॉकडाउन की घोषणा नहीं की होती, तो शायद आज के समय में भारत ही दुनिया का सबसे ज्यादा प्रभावित देश होता। फिलहाल भारत में 23077 मामले सामने आ चुके हैं और 718 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। लेकिन भारत में भी लॉकडाउन खुलने के बाद मामलों में तेजी आ सकती है।

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