Toxic Neuropathy In Hindi: टॉक्सिक न्यूरोपैथी पेरिफेरल न्यूरोपैथी का ही एक प्रकार है। यह बीमारी ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड के बाहर मौजूद नर्व्स को डैमेज कर सकती है। बहरहाल, यह बीमारी काफी खतरनाक है, लेकिन इसे तभी मैनेज किया जा सकता है जब आपको इसके लक्षणों और कारण के बारे में पता हो। आपको बता दें कि टॉक्सिक न्यूरोपैथी कीमोथेरेपी जैसी दवाओं या एन्वायरमेंटल केमिकल्स जैसे साफ-सफाई में यूज होने वाले क्लीनिंग फ्लूइड, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स और पेस्टिसाइड के संपर्क में आने से हो सकता है। आमतौर पर टॉक्सिक न्यूरोपैथी के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि टॉक्सिक न्यूरोपैथी होने पर किस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं। इस बारे में हमने मुंबई स्थित लीलावती अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. गिरीश सोनी से बात की।
टॉक्सिक न्यूरोपैथी के लक्षण- Symptoms Of Toxic Neuropathy In Hindi
दर्द, झुनझुनी या सुन्नता
टॉक्सिक न्यूरोपैथी होने पर व्यक्ति को दर्द, झुनझुनी या सुन्नता की समस्या हो सकती है। यह स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए काफी असहजता भरी हो सकती है। दरअसल, जब सुन्नता या झुनझुनी होने लगती है, तो व्यक्ति के लिए चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि लंबे समय तक एक ही स्थिति में खड़ा भी नहीं हुआ जाता है।
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कमजोरी महसूस होना
टॉक्सिक न्यूरोपैथी होने पर व्यक्ति को कजोरी भी महसूस होती है। अगर व्यक्ति इस लक्षण की अनदेखी करता है, तो उसे लंबे समय तक यह बात समझ ही नहीं आती है कि आखिर उसे कमजोरी क्यों हो रही है? जबकि, विशेषज्ञों का कहना है कि टॉक्सिक न्यूरोपैथी के कारण शरीर के नर्व्स क्षतिग्रस्त होते हैं। ऐसे में कमजोरी होना इसका एक लक्षण के तौर पर लिया जा सकता है।
आंखों की रोशनी कमजोर होना
टॉक्सिक न्यूरोपैथी के कारण आंखों पर भी निगेटिव असर पड़ता है। असल में टॉक्सिक न्यूरोपैथी का अगर लंबे समय तक अनदेखी की जाए, तो इससे आंखों के आसपास की नसें भी प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में आंखों की रोशनी का कमजोर होना या धुंधला नजर आना जैसी दिक्कतें भी होने लगती हैं।
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सेक्सुअल डिस्फंक्शन
टॉक्सिक न्यूरोपैथी के कारण सेक्सुअल डिस्फंक्शन की समस्या भी हो सकती है। आमतौर पर पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और महिलाओं में लो-सेक्स लिबिडो की दिक्कत हो जाती है। सवाल है इनका आपस में क्या कनेक्शन है? आपको बता दें कि हमारे पूरे शरीर में नसों का बहुत ही महत्वपूर्ण रोल होता है। ऐसे में अगर किसी को टॉक्सिक न्यूरोपैथी हो जाता है, तो उसकी शारीरिक संबंध स्थापित करने के प्रति रुचि में कमी आने लगती है और कुछ शारीरिक समस्याएं भी झेलनी पड़ सकती हैं।
टॉक्सिक न्यूरोपैथी के अन्य लक्षण
- चलने में कठिनाई
- कार्यक्षमता का प्रभावित होना
- फेशियल फ्लश
- ऑर्थोस्टेटिक इंटॉलरेंस
टॉक्सिक न्यूरोपैथी से बचाव
टॉक्सिक न्यूरोपैथी से बचाव के लिए यहां बताए गए टिप्स अपना सकते हैं-
- अगर आप लंबे समय से किसी तरह के एन्वायरमेंटल टॉक्सिंस के संपर्क में हैं, तो उनसे दूर रहें।
- स्मोकिंग आदि न करें। यह भी टॉक्सिक न्यूरोपैथी का कारण बन सकता है या इस कंडीशन को और भी खराब बना सकता है।
- हमेशा हेल्दी चीजें खाएं। इसमें सब्जियां, फल, अनाज, लीन प्रोटीन आदि चीजें शामिल हो सकती हैं।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज करने से चलने-फिरने की समस्या में कमी आती है और टॉक्सिक न्यूरोपैथी के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है।
- टॉक्सिक न्यूरोपैथिक दर्द से छुटकारा पाने के लिए न्यूरोलॉजिस्ट के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर दवाइयां ली जा सकती हैं।
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