कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रही है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। हर दिन लाखों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 2 लाख 73 हजार नए मामले और 1619 लोगों की मौत हो चुकी है। रिकवरी की बात की जाए, तो हमारे देश में कोरोना से रिकवरी की रेट 87 फीसदी है। वहीं एक्टिव मामले बढ़कर 12 फीसदी से अधिक हो चुके हैं। भारत कोरोना एक्टिव केस मामले में दूसरे स्थान पर है। वहीं, पूरे विश्व में अमेरिका, मैक्सिको और ब्राजील के बाद सबसे अधिक मौंते भारत में हुई है। कोविड-19 की इस तेज रफ्तार के पीछे की वजह कोरोना का नया स्ट्रेन बताया जा रहा है। हाल ही में दुनिया की प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल लैंसेट की रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया कि कोरोनावायरस हवा के जरिए कोरोना के शरीर में प्रवेश कर रहा है।
बता दें कि कोरोना का नया स्ट्रेन काफी संक्रामक है। कोविड-19 मरीज के संपर्क में सिर्फ 1 मिनट रहने से दूसरा व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। दूसरी लहर की रफ्तार हर किसी को अपनी चपेट में ले रहा है। इतना ही नहीं हम में से कई ऐसे लोग हैं, जिनके शरीर में कोरोना के लक्षण दिखते हैं, पर टेस्ट करवाने में रिपोर्ट नेगेटिव (Covid-19 Report Negative Reason) आ रही है। जबकि वह मरीज कोरोना पॉजिटिव (Covid-19 Positice) होता है। चलिए जानते हैं Indo European HealthCare और MI Heart and Healthcare Hospital के फिजीशियन डॉक्टर चिंमय गुप्ता से जानते हैं इसकी क्या है वजह (Reason Despite symptoms report is negative) और आगे कैसे रखें खुद का ख्याल-
पुराने टेस्ट नहीं हो रहे कारगर
कोरोना की दूसरी लहर लोगों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रही है। क्योंकि इसमें टेस्ट भी फेल होते नजर आ रहे हैं। दूसरी लहर में चिंता करने का विषय यह है कि कोरोना लक्षण दिखने के बावजूद टेस्ट कराने पर वायरस पकड़ में नहीं आ रहा है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। जिसके कारण मरीज की हालत गंभीर होने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि उनका समय पर इलाज (Despite symptoms report is negative) नहीं हो पाता है।
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क्या कहना है एक्सपर्ट का
फिजीशियन डॉक्टर चिन्मय का कहना है कि नया स्ट्रेन जो फैल रहा है, वो पहले की तुलना में काफी अलग है। हमारे सामने कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जब मरीज ने शुरुआती लक्षण में अपना आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया, तो वह निगेटिव आया। लेकिन दोबारा टेस्ट कराने पर उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लेकिन यह स्थिति काफी गंभीर है। क्योंकि ऐसे में मरीज के पूरे शरीर में कोरोना फैलने का डर और भी ज्यादा बढ़ जाता है, जिसके कारण मरीज की हालत गंभीर होने की संभावना है और इलाज देरी से शुरू होती है। इसलिए लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। टेस्ट की रिपोर्ट आने का इंतजार न करें। क्योंकि इसमें करीब 24 घंटे लगते हैं। इतनी देर में आपकी हालत गंभीर भी हो सकती है।
क्यों आ रही है टेस्ट निगेटिव
डॉक्टर चिन्मय का कहना है कि शुरुआत में मरीजों में लक्षण दिखने पर कोरोना के दो टेस्ट कराए जाते हैं। एक है रैपिड एंटीजन टेस्ट और दूसरा है आरटी-पीसीआर। रैपिड एंटीजन टेस्ट उतना प्रभावी ढंग से कार्य नहीं करता है, जितना आरटीपीसीआर। उन्होंने कहा दिल्ली में 100 कोरोना पॉजिटिव मरीज का रैपिड टेस्ट कराने पर महज 20 से 30 मरीज कोविड पॉजिटिव आए। वहीं, आरटी-पीसीआर टेस्ट की बात की जाए, तो यह गले और नाक में मौजूद वायरस को तुरंत पकड़ सकता है। कोरोना की पहली लहर में इस टेस्ट को काफी कारगर माना गया था। लेकिन अब यह टेस्ट भी सही साबित नहीं हो रही है। क्योंकि नए स्ट्रेन में कोरोना काफी ज्यादा बदल चुका है।
दरअसल, आरटी-पीसीआर टेस्ट में नाक और गले से सैंपल लिया जाता है, जिसका टेस्ट होने पर वायरस नहीं मिलने पर मरीज को कोविड-19 निगेटिव बता दिया जाता है। लेकिन नए स्ट्रेन में कोविड-19 गले और नाक की बजाय सीधे चेस्ट को प्रभावित कर रही है। इसके बाद जब इस तरह के कोरोना निगेटिव वाले मरीज का इलाज नहीं किया जाता है, तो धीरे-धीरे उनकी हालत गंभीर हो जाता है।
आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव आने पर क्या करें?
डॉक्टर चिन्मय का कहना है कि कोरोना की नई लहर सीधे चेस्ट को प्रभावित कर रही है। इसलिए मुंह और नाक का टेस्ट निगेटिव आने पर दूसरा टेस्ट कराएं। शरीर में कोविड-19 के लक्षण दिखने के बावजूद अगर आपकी टेस्ट निगेटिव आई है, तो दो अन्य टेस्ट कराएं। पहला चेस्ट का का CT Scan और दूसरा BAL नाम का दूसरा टेस्ट कराएं।
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Bal टेस्ट में मरीज के मुंह या नाक की नलीके जरिए एक स्कूप फेफड़ों तक पहुंचाया जाता है और फिर उससे सैंपल निकालकर उसकी जांच की जाती है। इस टेस्ट में कोरोना के नए वेरिएंट की जांच की जा सकती है। इसके अलावा आप चेस्ट एक्स-रे भी करवा सकते हैं। जिसमें मरीज के ग्राउंड ग्लास ओपासिटी (ground glass opacity ) की जांच की जाती है।
लक्षण दिखने पर रिपोर्ट निगेटिव आने पर न करें लापरवाही
डॉक्टर्स के सामने ऐसे कई मामले आए हैं, जिसमें मरीजों में लक्षण दिखे हैं, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस तरह के मरीजों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। उन्हें तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बुखार, सांल फूलना, गले में दर्द जैसी समस्या होने पर तुरंत आरटी-पीसीआर टेस्ट कराएं। अगर रिपोर्ट निगेटिव आई है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा अपनी सीटी-स्कैन और एक्स-रे कराएं।
बुखार, खांस या अन्य लक्षण दिखने पर ब्लड में ऑक्सीजन लेवल चेक करें। अगर आपके शरीर में ऑक्सीजन लेवल 95 से कम हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर के अनुसार, शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 95 से कम होने पर मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता होती है। कोविड-19 मरीजों से डरें नहीं, बल्कि उससे सुरक्षित रहने की कोशिश करें। साफ-सफाई का ख्याल रखें। अगर बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखें, तो उनका विशेष रूप से ख्याल रखें।
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