सरकार ने घटा दी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतें, जानें क्यों इतना ज्यादा डिमांड में है ये इंजेक्शन

कोरोनाकाल में रेमडेसिविर एक उम्मीद की किरण बनकर आई है। इस वजह से इसकी जमाखोरी भी काफी ज्यादा हो रही है। 
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सरकार ने घटा दी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतें, जानें क्यों इतना ज्यादा डिमांड में है ये इंजेक्शन


हमारे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में कोरोनावायरस से बचाव के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग भी काफी तेजी से बढ़ रही है। दवा की दुकानों में इस इंजेक्शन को लेने के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारे लगी हुई हैं। भारी मांग की वजह से कई लोगों को यह इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि कोरोनाकाल में रेमडेसिविर एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। इस वजह से इसकी मांग बाजार में काफी ज्यादा है। मांग ज्यादा होने के कारण इसकी कालाबाजारी और जमाखोरी शुरू हो गई है। रेमेडिसिवर (Remdesivir Injection) की भारी किल्लत के कारण  लोग इस इंजेक्शन की मुंहमांगी (Remdesivir Injection Price) कीमत देने को तैयार हैं। 

रेमडेसिविर क्या है? (What is Remdesivir Injection)

रेमडेसिविर इंजेक्शन को साल 2009 में विकसित किया गया था। कैलिफोर्निया के गिलीड वैज्ञानिक ने हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए इस दवा को तैयार किया था, लेकिन उस समय यह हेपेटाइसिस सी पर कारगर साबित न हो सका। जिसके बाद से इसपर लगातार रिसर्च जारी है। इसके बाद इस इंजेक्शन का इस्तेमाल इबोला वायरस का इलाज करने के लिए शुरू किया गया था। आपको बता दें कि रेमडेसिविर एक एंटी-वायरल इंजेक्शन है। इसका इस्तेमाल शरीर के अंदर फैल रहे वायरस को रोकने के लिए किया जाता है। कोरोनावायरस काल में यह इंजेक्शन लोगों के सामने उम्मीद की किरण है। इसलिए इसके दाम में काफी उछाल देखने को मिला। लेकिन हाल में इसके दाम घटने की खबरे भी सामने आई हैं।

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रेमडेसिविर इंजेक्शन की घटी कीमत (Reduce of Remdesivir Injection Price)

रेमडेसिविर की भारी मांग होने की वजह से इसकी जमाखोरी शुरू हो गई। ऐसे में इस दवा को पाने के लिए लोग इसकी मुंह मांगी कीमत देने के लिए तैयार हो गए हैं। लेकिन सरकार द्वारा दखल के बाद कंपनी द्वारा इसके दाम में भारी कटौती की गई है। चलिए जानते हैं अलग-अलग कंपियों द्वारा क्या है रेमेडिसिविर इंजेक्शन की कीमत?

  • सिंजीन इंटरनेशनल लिमिटेड ने RemWin इंजेक्शन की कीमत 2450 रुपये कर दिए हैं। पहले इसकी कीमत 3950 रुपये थी। 
  • कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने REMDAC इंजेक्शन की कीमत 2800 रुपए से घटाकर 899 रुपये हो चुके हैं। 
  • जुबिलेंट जेनेरिक लिमिटेड ने अपने JUBI-R इंजेक्शन की कीमत 3400 रुपये कर दिया है। पहले इसका दाम 4700 रुपये था। 
  • माइलेन फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड ने DESREM इंजेक्शन की 4800 रुपये से घटाकर 3400 रुपये कर दिए हैं।  
  • हेटेरो हेल्थकेयर लिमिटेड ने COVIFOR इंजेक्शन की  3490 रुपये कर दी है। पहले इसकी कीमज 5400 रुपये थी। 
  • सिपला लिमिटेड ने CIPREMI इंजेक्शन की कीमत 3000 रुपये कर दी है। पहले इसका दाम 4000 रुपये था। 
  • डॉ. रेड्डीज लेबोरेट्रीज लिमिटेड ने REDYX इंजेक्शन का 5400 रुपये से घटाकर 2700 रुपये कर दिए हैं। 

किस तरह कार्य करता है रेमडेसिविर?

वायरस के जिनेट में डीएनए (DNA) या फिर आरएनए (RNA) मौजूद होता है। कोविड-19 का वायरस आरएनए वाला है। यह वायरस हमारे शरीर में मौजूद एंजाइम की मदद से पूरे शरीर में फैलने की कोशिश करता है। ऐसी स्थिति में जब कोई व्यक्ति रेमेडिसिविर की इंजेक्शन लेता है, तो यह शरीर के अंदर पहुंचकर उस वायरस को रोकने का कार्य करता है। इससे वायरस द्वारा उत्पन्न हुई समस्या का प्रभाव शरीर पर कम होता है। साथ ही वायरस पूरे शरीर में नहीं फैलता। मरीज के ठीक होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। 

भारत में क्यों है इसकी कमी?

हमारे देश में हर दिन लाखों की संख्या में कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। प्रतिदिन का आंकड़ा 2 लाख से भी ऊपर पार हो चुका है। कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से इसकी मांग काफी ज्यादा हो रही है। ऐसे में इसकी पूर्ति करने में कमी आ रही है। इसके अलावा कई अन्य कारण हैं। 

बताया जा रहा है कि पिछले साल कोरोना के मामलों में जैसे ही कमी आई थी, वैसे ही इसके उत्पादन को कम कर दिया गया था। इसके अलावा भारत द्वारा अन्य देशों को 10 लाख से भी अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन का निर्यात किया गया था। साथ ही जमाखोरी और कालाबाजारी की वजह से भारत में इस इंजेक्शन की भारी कमी देखने को मिल रही है।

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