भारत में 24 घंटे में सामने आए लगभग 2 लाख संक्रमण के मामले, रेमडेसिविर दवा की कमी से परेशान हैं परिजन

कोरोना की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अब 14 अस्पतालों के तीन हजार से ज्यादा बेड को कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व कर दिया है।   
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भारत में 24 घंटे में सामने आए लगभग 2 लाख संक्रमण के मामले, रेमडेसिविर दवा की कमी से परेशान हैं परिजन

देश में कोरोना वायरस (Corona Cases in India) के चलते हालात दिन पर दिन और खराब हो रहे हैं। देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और स्थिति भयावह हो गई है। कल स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आकड़ों पर ध्यान दें, तो पिछले 24 घंटे में करीव 2 लाख कोरोना के मामले (2 lakh covid-19 cases in last 24 hours) सामने आए हैं। आंकड़ों पर नजर डालें, तो पिछले 24 घंटे में 199,569 नए मामले सामने आए हैं, तो 1037 लोगों की मौत हुई है। नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1 करोड़ 40 लाख 70 हजार 300 हो गई है। स्थिति चिंताजनक इसलिए भी होती जा रही है क्योंकि इन आंकड़ों के अनुसार भारत, अमेरिका के बाद विश्व में दूसरे नंबर का कोरोना प्रभावित देश बन गया है। विशेषज्ञों की मानें, तो अगर समय रहते इस स्थिति में सुधार नहीं आया तो, रोजाना 2.50 लाख केस आने के साथ भारत दुनिया का सबसे प्रभावित देश बन जाएगा। 

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इधर, हालात को देखते हुए कल प्रधानमंत्री मोदी और केन्‍द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं पर मीटिंग की और इस बार की 10वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कर दी गई। वहीं, कक्षा 12वीं की परीक्षाओं को टाल दिया गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 टीकों की पर्याप्त उपलब्धता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस दौरान प्रधानमंत्र ने इस महामारी के खिलाफ सामुदायिक संगठनों, राजनीतिक दलों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की संयुक्त शक्ति का उपयोग करने का आह्वान किया है। पीएम ने कहा कि इस महामारी से निपटने के लिए जरूरी है कि हम सब मिल जुल कर काम करें। 

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रेमडेसिविर दवा की कमी से परेशान हैं लोग

देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बीच रेमडेसिविर दवाई (remdesivir injection) की मांग बढ़ गई है, जिसके चलके मेडिकल स्टोर पर रेमडेसिविर दवा की कमी हो गई है। जहां रेमडेसिविर के लिए लोग जगह-जगह परेशान हो रहे हैं, वहीं सरकार का कहना है कि ऐसी कोई खास कमी नहीं है। दरअसल, केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि देश में रेमडेसिविर दवा की कोई कमी नहीं है, बस रेमडेसिविर को केवल अस्पताल में भर्ती ऑक्सीजन पर आश्रित मरीजों के लिए दिया जाएगा और घर पर इलाज में इसका इस्तेमाल नहीं होगा। इस पर नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने विस्तार से कहा कि, "घर पर इलाज के दौरान रेमडेसिविर के इस्तेमाल का सवाल ही नहीं है, इसकी ज़रूरत उनको है जिनको अस्पताल में भर्ती करने और ऑक्सीजन लगाने की जरूरत पड़ती है, इसलिए केमिस्ट की दुकानों से इसकी खरीद नहीं की जाएगी।" साथ ही  वीके पॉल ने कहा, "फिलहाल रेमडेसिविर की कोई कमी नहीं है, बस हमें कोविड-19 के मरीजों के उपचार में तार्किक तरीके से इसका इस्तेमाल करना है। 

लोगों को तेजी से लग रहे हैं कोरोना के टीके

देश भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और इस महामारी के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान के मद्देनजर पीएम ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों व उपराज्यपालों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद करते हुए एक साथ  मिलकर निर्बाध काम करने की भी अपील की है। इस दौरान उन्होंने टीकाकरण पर खास ध्यान देने को कहा है। बता दें कि देशव्यापी टीका उत्सव के चौथे दिन लगभग  31.39 लाख से अधिक लोगों को इसकी खुराक दी गई। इसे देने के साथ ही अबतक 11.43 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया है।

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उधर कोविड-19 वैक्‍सीन AstraZeneca के उपयोग को डेनमार्क में पूरी तरह से रोक दिया गया है। वहां इसके साइड इफेक्‍ट की बात कही जा रही है, इस संदेह के चलते AstraZeneca वैक्‍सीन पर रोक लगाने वाला डेनमार्क, यूरोप का पहला देश बन गया है। वहीं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ( WHO) ने लोगों से टीका लेने के बाद भी कोरोना प्रोटोकॉल को पालन करने का अनुरोध किया है, क्योंकि कोरोना के वायरस में लगातार म्यूटेशन देखा जा रहा है और इस बात का कोई पता नहीं कि ये महामारी कब तक जाएगी। 

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