
भारत में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना की दूसरी लहर ने सभी को चिंता में डाल दिया है। वैक्सीन की कमी को लेकर भी सभी के मन में चिंता थी, लेकिन इस बीच स्पुतनिक वी को भारत में इमरजेंसी अप्रूवल मिलने से लोगों को थोड़ी राहत मिली है। सोमवार को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी द्वारा भारत में इसे इमरजेंसी अप्रूवल के लिए मंजरी दे दी गई है। अब देश के लोगों की नजर स्पुतनिक वी पर टिकी है। देखने वाली बात यह है कि यह वैक्सीन कोरोना संक्रमण से लड़ने में कितनी मददगार साबित होगी। इससे पहले शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना की रोकथाम पर पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए बताया था कि स्पुतनिक वैक्सीन को एक हफ्ते या 10 दिनों के भीतर ही इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल जाएगी। लोग इस वैक्सीन को गेमचेंजर के तौर पर देख रहे हैं। भारत में कोरोना के टीकाकरण में कोविशील्ड और कोवैक्सिन के बाद रूस की स्पुतनिक वैक्सीन देश में तीसरे स्थान पर शामिल होगी। इस वैक्सीन को संशोधित भी किया जाता है। यह वैक्सीन कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन बनाने के लिए एक कोड देती है। स्पुतनिक को 92 प्रतिशत तक प्रभावी बताया जा रहा है। आपातकाल मंजूरी के बाद इस वैक्सीन के भी भारत में 2 डोज लगाया जाएगा। एक वैक्सीन लगने के बाद 21 दिनों का अंतराल रखा जाएगा। अन्य वैक्सीन की दोनों खुराक में एक ही दवा दी जाती है। वहीं अगर बात करें स्पुतनिक की तो इसकी दोनों खुराक में अलग-अलग दवाएं दी जाती हैं।
स्पुतनिक में क्या है खास (What is Special in Sputnik V)
- कोविशील्ड (Covishield) 80 प्रतिशत कामगार है, कोवैक्सीन (Covaxin) 81 प्रतिशत। वहीं रूस की इस कोरोना रोधी वैक्सीन (Sputnik V) को 92 फीसदी तक प्रभावी बताया जा रहा है।
- अर्जेंटीना, बेलारूस, तुर्केमेनिस्तान समेत 59 देशों में इसे मंजूरी दी जा चुकी है।
- कोविशील्ड (Covishield) की तुलना में ज्याद प्रभावी मानी जाने वाली यह वैक्सीन 2 ऐडनोवायरस (Adenovirus) वेक्टर से मिलकर बनी है। हालांकि यह कोविशील्ड से मिलती जुलती है। क्योंकि कोविशील्ड में भी ऐडनोवायरस का ही इस्तेमाल किया गया है।
- यह वैक्सीन 150 करोड़ से भी अधिक लोगों को लगाई जाएगी। माना जा रहा है कि इसकी कीमत 700 रूपये से भी अधिक होगी।
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वैक्सीन की डोज में कितना अंतराल है जरूरी (How much Gap Is Required in Vaccine)
- कोवैक्सीन की प्रथम डोज लेने के बाद लोगों को दूसरी डोज लेने के लिए 4 से 6 हफ्ते के अंतराल का पालन करना होता है। जिसके बाद उन्हें दूसरी डोज दी जाती है।
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) की कोविशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद 4 से 8 हफ्ते का अंतराल होता है। इसके बाद ही व्यक्ति को दूसरी डोज लगाई जाती है।
- 2 से 8 डिग्री सेलसियस तापमान के बीच रखी जाने वाली स्पुतनिक वैक्सीन के डोज के लिए आपको केवल 21 दिनों के अंतराल रखना होगा। हालांकि बाकी वैक्सीन्स की तरह इसके भी 2 डोज दिए जाते हैं।
कितना बढ़ा कोरोना का कहर (How much Corona Is Increasing)
पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से उछाल आया है। कोरोना की दूसरी लहर ने पहली लहर से भी ज्यादा रफ्तार पकड़ ली है। जिस कारण कई राज्यों में लॉकडाउन लगने के संभावनाएं बढ़ गई हैं। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना वायरस के संक्रमण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देख दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग की गई है। दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 11491 मरीज सामने आए और लगभग 77 लोगों की संक्रमण के कारण मौत भी हो गई। ऐसी भयावह स्थिति को देखते हुए एक बार फिर से लॉकडाउन लगने के आसार लगाए जा रहे हैं। केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है।
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किन राज्यों में क्या व्यवस्था (What are the Arrangements In States)
- बढ़ते संक्रमण ने कई राज्यों की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं। कुछ राज्य सरकारें लॉकडाउन लगा रही हैं तो कुछ नाइट कर्फ्यू के जरिए संक्रमण रोक रही हैं।
- शुरूआत करें राजधानी दिल्ली से तो यहां पहले की तरह ही शादियों, समारोह और अंतिम संस्कार में जाने वाले लोगों की सीमा निर्धारित कर दी गई है। साथ ही रात में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है।
- पंजाब में सियासी रैलियों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही शिक्षण संस्थानों पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही समारोह के लिए 50 से लेकर 100 लोगों की सीमा निर्धारित कर दी गई है।
- कर्नाटक में 7 जिलों में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। जो 20 अप्रैल तक जारी रखा जाएगा।
- बिहार में भी सभी शिश्रण संस्थानों को बंद कर दिया गया है साथ ही लोगों की भीड़ इकठ्ठा करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत के पास अब 3 वैक्सीन उपलब्ध हैं। लोगों को स्पुतनिक से काफी उम्मीदें हैं। आसार लगाए जा रहे हैं कि शायद यह वैक्सीन कोरोना का खात्मा कर सके।
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