डॉ. केके अग्रवाल से जानें कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से कितनी अलग है और कैसे प्रभावित कर रही है

कोव‍िड की दूसरी लहर, पहली से कई मायनों में अलग है। आइए जानते हैं नई लहर के प्रभाव और पहली और दूसरी कोरोना लहर में मुख्‍य अंतर

Yashaswi Mathur
Written by: Yashaswi MathurUpdated at: Apr 13, 2021 16:35 IST
डॉ. केके अग्रवाल से जानें कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से कितनी अलग है और कैसे प्रभावित कर रही है

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पूरे देश और व‍िश्‍व भर में कोव‍िड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में कोरोना की दूसरी लहर पहली से कई मायनों में अलग है। कोवि‍ड की दूसरी लहर में लोगों का सी-र‍िएक्‍ट‍िव प्रोटीन यानी सीआरपी तेजी से बढ़ रहा है। जबक‍ि प‍िछली लहर में ऐसा नहीं था। अगर आपका सीपीआर रेट 10 से ज्‍यादा है और आपको हाई ग्रेड बुखार है तो आपको सीटी स्‍कैन के साथ कोविड एंटी-बॉडी टेस्‍ट भी करवाना चाह‍िए। इसके साथ ही दूसरी लहर में आपको पोस्‍ट वैक्‍सीन कोव‍िड, र‍िइंफेक्‍शन या स‍िस्‍टम‍िक इंफ्लेमेशन हो सकता है। इन तीनों में फर्क है। इसे गहराई से समझाने के ल‍िए द‍िल्‍ली के मशहूर कार्ड‍ियोलॉज‍िस्‍ट डॉ केके अग्रवाल ने वीड‍ियो के जर‍िए लोगों को कोव‍िड की दूसरी और पहली लहर में अंतर पर व‍िस्‍तार से जानकारी दी।  

covid symptoms of second wave

कोव‍िड की नई लहर में सीआरपी अचानक बढ़ने लगता है (C-reactive protein increases in 2nd wave of COVID)

इस बार जो कोव‍िड हो रहा है उसमें न‍िश्‍च‍ित तौर पर बदलाव है। सीआरपी रेट लोगों में अचानक से बढ़ रहा है जैसे आज 1 है तो कल 10 हो गया, अगले द‍िन 20 हो गया। कोरोना की प‍िछली लहर में इतना ज्‍यादा सीआरपी नहीं बढ़ रहा था। अगर सीआरपी बहुत ज्‍यादा बढ़ रहा है तो प‍िछली लहर में हम कह सकते थे क‍ि न‍िमोन‍िया है और हम सोचकर चलते थे क‍ि सीआरपी 10 से ज्‍यादा है तो न‍िमोन‍िया है। लेकि‍न अब कोरोना की नई लहर में अगर सीआरपी 10 से ज्‍यादा आता है और उसके साथ हाई ग्रेड फीवर आता है तो आपको सीटी स्‍कैन के साथ कोव‍िड एंटी-बॉडी टेस्‍ट भी कराना होगा।

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नई लहर में पोस्‍ट वैक्‍सीन कोव‍िड, र‍िइंफेक्शन और स‍िस्‍टम‍िक इंफ्लेमेशन शाम‍िल हैं (Post vaccine COVID, Reinfection, Systemic Inflammation)

अगर उनकी एंटी-बॉड‍िज़ पॉज‍िट‍िव है या पहले कोव‍िड हो चुका है या फ‍िर वैक्‍सीन लग चुका है और ऐसे लोगों को अगर कोविड होता है तो इसे हम पोस्‍ट वैक्‍सीन कोव‍िड (Post vaccine COVID) या र‍िइंफेक्‍शन या स‍िस्‍टम‍िक इंफ्लेमेशन कहते हैं। स‍िस्‍टम‍िक इंफ्लेमेशन का मतलब है क‍ि सीआरपी बहुत ज्‍यादा हो जाएगा लेक‍िन लंग्स में निमोन‍िया नहीं आएगा। तो आज की तारीख में अगर तेजी से आपका सीआरपी बढ़ रहा है तो और आपकी एंटी-बॉड‍िज़ पॉज‍िट‍िव हैं तो वो र‍िइंफेक्‍शन (Reinfection) है। अगर आपको कोव‍िड होने के बाद वैक्‍सीन लगा है और उसके बाद आपका सीआरपी बढ़ा है तो वो स‍िस्‍टम‍िक इंफ्लेमेशन है और अगर वैक्‍सीन लगने के बाद आपको कोविड हो गया है तो भी ये स‍िस्‍टम‍िक इंफ्लेमेशन हो सकता है। सीआरपी तेजी से बढ़ना और वो भी ब‍िना न‍िमोन‍िया के तो स‍िस्‍टम‍िक इंफ्लेमेशन (Systemic Inflammation) है और मरीज इतना गंभीर नहीं होगा। ऐसे मरीज 3 से 4 द‍िन में ठीक हो जाते हैं। 

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दूसरी लहर में नए लक्षण कौनसे हैं और इसका क्‍या प्रभाव पड़ता है? (Symptoms and effects of second wave of COVID)

corona second wave

कोरोना की पहली लहर में कोरोना के लक्षणों में खांसी, बुखार, मुंह का स्‍वाद जाना आद‍ि शाम‍िल थे पर अब दूसरी लहर में इन लक्षणों के साथ-साथ नए लक्षण जुड़ गए हैं। कई मरीज तो बि‍ना लक्षण वाले भी हैं। युवाओं में ऐसे मरीज ज्‍यादा देखने को म‍िल रहे हैं। नई लहर में जो मरीज कोरोना पॉज‍िट‍िव पाए गए उनमें पेट दर्द, दस्‍त, बेचैनी आद‍ि के लक्षण भी देखे गए। इसल‍िए ये कहना गलत नहीं होगा क‍ि कोरोना की दूसरी लहर मरीजों की न‍ स‍िर्फ श्‍वास प्रणाली बल्‍क‍ि शरीर के अलग-अलग ह‍िस्‍से पर असर छोड़ने लगी है। मरीजों को ठीक होने में ज्‍यादा समय लग रहा है। 

कोरोना की दूसरी लहर पहली से काफी अलग है इसल‍िए आप घरों में सुरक्ष‍ित रहें और क‍िसी भी लक्षण को सामान्‍य समझकर नजरअंदाज करने की गलती न करें, डॉक्‍टर से संपर्क करें। 

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