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Nose Fillers करवाने की सोच रही हैं, तो एक्सपर्ट से जान लें इससे होने वाले नुकसान

Side Effects Of Fillers On Nose In Hindi: नोज फिलर्स करवाने के कई तरह के शॉर्ट टर्म निगेटिव इफेक्ट है। इनके बारे में जानना जरूरी है, ताकि आप इस प्रक्रिया के दौरान जरूरी सावधानियां बरत सकें-
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Nose Fillers करवाने की सोच रही हैं, तो एक्सपर्ट से जान लें इससे होने वाले नुकसान


Side Effects Of Fillers On Nose In Hindi: आजकल सेलेब्रिटीज को आपने देखा होगा कोई अपने गाल की फिलिंग करवा रहा है, तो कोई अपने आईब्रो या कोई अपने नाक की। असल में, अपने लुक को एन्हैंस करने का एक यह बेहतरीन तरीका है। लोग बिना किसी संकोच फिलिंग प्रोसेस को अपना रहे हैं। सेलेब्रिटीज के साथ-साथ अब कई आम लोग भी इस विकल्प को चुनने में पीछे नहीं रह रहे हैं। हालांकि, अपने चेहरे पर किसी भी रह के प्रयोग से पहले यह जान लेना बहुत जरूरी है कि उसके किस-किस तरह के नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। यहां हम नोज फिलिंग से जुड़ी कुछ निगेटिव इफेक्ट के बारे में जानेंगे। इस बारे में हमने दिल्ली के राजौरी गार्डन में स्थित कॉस्मेटिक स्किन क्लिनिक की कॉस्मेटोलॉजिस्ट और त्वचा रोग विशेषज्ञ, डॉ. करुणा मल्होत्रा से बात की।

नोज फिलर्स करवाने के नुकसान- Side Effects Of Fillers On Nose In Hindi

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सूजन

नोज फिलर्स को हम नॉन-सर्जिकल राइनोप्लास्टी के नाम से भी जानते हैं। अपने नाक को नई शेप देने या लुक को बेहतर करने का एक यह बेहतरीन तरीका है। हालांकि, नोज फिलर करवाने के बाद अक्सर लोगों के नाक में सूजन हो जाती है। वैसे आपको बता दें कि प्रक्रिया के दौरान नीडल्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए, प्रक्रिया खत्म होने के बाद इंफ्लेमेटरी रेस्पॉन्स ट्रिगर हो जाता है, जिससे नाक में सूजन आ जाती है। यह सूजन अपने आप थोड़ी देर में ठीक भी हो जाती है।

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दर्द

ध्यान रखें कि नाक हमारे शरीर का नाजुक हिस्सा है। इसमें कई सारे ब्लड वेसल्स जुड़े हुए हैं और हमारे आंखों के काफी नजदीक होती है। इसलिए, नोज फिलर करवाने से नाक कई तरह से प्रभावित हो सकती है। जब प्रक्रिया के लिए इंजेक्शन लगाया जाता है, तो उस दौरान व्यक्ति को तीव्र दर्द का अहसास हो सकता है। इस वजह से नेक्रोसिस हो सकता है। ऐसा धीमी या तेज गति से देखने को मिलता है।

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इंफेक्शन

नोज फिलर की वजह से इंफेक्शन होने का खतरा भी रहता है। दरअसल जब प्रक्रिया के दौरान इंजेक्शन लगाए जाते है, तो यह गलती से ब्लड वेसल्स तक चला जाता है। कई बार यह इतना अंदर चला जाता है कि साइनस ट्रिगर हो जाता है। इस स्थिति में इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, अगर संक्रमित फिलर का यूज किया जाए, तो ऐसे में संक्रमण का खतरा बना रहता है।

स्किन रैश

नोज फिलर की वजह से स्किन रैश का रिस्क भी रहता है। दरअसल, कई बार नो फिलर की वजह से एलर्जिक रिएक्शन होता है, नतीजतन स्किन रैश होने लगते हैं। वास्तव में नोज फिलर के प्रति बॉडी का इम्यून सिस्टम अलग-अलग तरीके से रिएक्ट करता है। ऐसे में एलर्जी ट्रिगर हो सकती है, जिससे स्किन रैशेज और त्वचा से जुड़ी अन्य परेशानियां हो सकती हैं।

All Image Credit: Freepik

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