
मिल्क और मिल्क पाउडर में क्या फर्क होता है? मिल्क पाउडर का टेस्ट दूध से अलग होता है वहीं मिल्क पाउडर में लैक्टोज भी मौजूद नहीं होता जिससे शरीर को एनर्जी नहीं मिल सकती है। इसके अलावा मिल्क पाउडर में आर्टिफिशियल शुगर मिलाई जाती है जिससे आपके हेल्थ बिगड़ सकती है। कई लोग दूध की जगह मिल्क पाउडर का इस्तेमाल करते हैं पर आपको बता दें कि ये नैचुरल दूध को रिप्लेस नहीं कर सकता और इसका ज्यादा सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस लेख में हम मिल्क पाउडर के नुकसान के बारे में बात करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के वेलनेस डाइट क्लीनिक की डायटीशियन डॉ स्मिता सिंह से बात की।

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1. मोटापे की समस्या (Milk powder can cause obesity)
लैक्टोज एक तरह की नैचुरल शुगर होती है जो दूध में पाया जाता है। इससे शरीर को एनर्जी मिलती है पर दूध पाउडर में दूध के मुकाबले उतना लैक्टोज मौजूद नहीं होता है, इसमें आर्टिफिशियल शुगर मिलाई जाती है जिससे मोटापे की समस्या हो सकती है।
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2. इंडाइजेशन की समस्या (Milk powder can cause indigestion)
मिल्क पाउडर, दूध के मुकाबले पचने में ज्यादा समय लगाता है इसलिए आपको इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। मिल्क पाउडर और पानी को घोलने का अनुपात सही न होने पर पाउडर ठीक से घुलेगा नहीं और आपको पेट में दर्द की समस्या हो सकती है।
3. डायबिटीज का खतरा (Milk powder increase risk of diabetes)
मिल्क पाउडर के ज्यादा इस्तेमाल करने से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि बाजार में मिलने वाले मिल्क पाउडर में शुगर की ज्यादा मात्रा हो सकती है। ट्रैवल करते समय अक्सर लोग दूध की जगह पाउडर का इस्तेमाल करते हैं पर इसके ज्यादा इस्तेमाल से सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं।
4. हाई कोलेस्ट्रॉल (Milk powder increases cholesterol level)

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आप में से बहुत से लोग मिल्क पाउडर को कॉफी, चाय, मिठाई, केक आदि चीजें बनाने के लिए इस्तेमाल करते होंगे पर क्या आपको पता है इसका सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। मिल्क पाउडर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है। जबकि ताजा दूध कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है। इसलिए पाउडर मिल्क के मुकाबले दूध का सेवन सेफ है।
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5. कैल्शियम की कमी (Milk powder is not a right choice for calcium)
दूध का स्वाद, मिल्क पाउडर से ज्यादा अच्छा होता है। अगर कैल्शियम की बात करें तो पाउडर मिल्क में दूध के मुकाबले कैल्शियम की मात्रा कम होती है। अगर आप मिल्क पाउडर को ठीक से स्टोर न करें तो उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। ताजे दूध में विटामिन बी5 और बी12 जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो मिल्क पाउडर में नहीं होते। ताजे दूध में फोस्फोरस, सेलेनियम की भी मात्रा मिल्क पाउडर के मुकाबले ज्यादा होती है।
क्या घर पर मिल्क पाउडर बना सकते हैं?
कई लोगों को लैक्टोज़ इंटॉल्रोंस की समस्या होती है इसलिए वो दूध का सेवन नहीं कर सकते, ऐसे लोगों को अगर डॉक्टर सलाह देते हैं तो वो मिल्क पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं तो आपको बाजार में मिलने वाले मिल्क पाउडर के इस्तेमाल की जगह मिल्क पाउडर को घर पर ही तैयार कर लेना चाहिए। दूध को उबालें जब तक मलाईदार मिश्रण न बन जाए। अब इसे ओवन में प्रीहीट करें और बीच में दूध को चलाते रहें। जब दूध सूख जाए तो उसका पाउडर बना लें और साफ डिब्बे में दूध को स्टोर करें।
अगर आपको दूध से एलर्जी है और आप उसके विकल्प के तौर पर मिल्क पाउडर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको ऐसा करने से पहले डॉक्टर या डायटीशियिन से संपर्क करना चाहिए।
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