Plant Based Milk Benefits: प्लांट-बेस्ड मिल्क जैसे- बादाम, सोया, नारियल और ओट्स मिल्क, पौधों से प्राप्त होने वाले विकल्प होते हैं जिन्हें डेयरी मिल्क के स्थान पर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लैक्टोज नहीं होता। साथ ही, यह कोलेस्ट्रॉल-फ्री और कम कैलोरी युक्त होता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है। बादाम, ओट्स और नारियल से बने मिल्क में विटामिन-ई, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर की मात्रा अच्छी होती है, जो त्वचा के स्वास्थ्य और पाचन में फायदेमंद होते हैं। यह मिल्क विशेष रूप से लैक्टोज इंटोलरेंस का शिकार हुए लोग और शाकाहारी जीवनशैली अपनाने वालों लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि, इनके कुछ फायदे होने के बावजूद, प्लांट-बेस्ड मिल्क के कुछ नुकसान भी होते हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी है। इस लेख में हम जानेंगे प्लांट बेस्ड मिल्क के नुकसान के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल की डाइटिशियन सना गिल से बात की।
1. गर्भवती महिलाओं के लिए उपयुक्त नहीं है प्लांट बेस्ड मिल्क
गर्भवती महिलाओं के लिए प्लांट बेस्ड मिल्क हमेशा उचित विकल्प नहीं होते, क्योंकि इनमें प्रोटीन, विटामिन-डी और कैल्शियम की मात्रा गाय के दूध के मुकाबले कम होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति न कर पाने के कारण प्लांट-बेस्ड मिल्क उनके आहार के लिए असरदार नहीं होते।
2. प्लांट बेस्ड मिल्क में प्रोटीन कम होता है
ओट्स मिल्क के एक कप में करीब 4 ग्राम प्रोटीन होता है, बादाम के दूध में करीब 1 ग्राम प्रोटीन होता है, सोया मिल्क की बात करें, तो उसके 1 कप में करीब 7 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। वहीं गाय के दूध में 8 ग्राम प्रोटीन होता है। इसलिए जिन लोगों को हाई प्रोटीन डाइट लेनी होती है, उनके लिए प्लांट बेस्ड मिल्क उतना फायदेमंद नहीं होता।
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3. प्लांट बेस्ड मिल्क से एलर्जी हो सकती है
कुछ लोग प्लांट-बेस्ड मिल्क, खासकर सोया मिल्क या नट-बेस्ड मिल्क (जैसे बादाम मिल्क) से एलर्जी विकसित कर सकते हैं। सोया एलर्जी एक सामान्य समस्या है, और नट एलर्जी भी काफी आम है। जिन लोगों को इन चीजों से एलर्जी होती है, उनके लिए प्लांट-बेस्ड मिल्क हानिकारक हो सकता है। साथ ही, कुछ लोगों को सोया मिल्क से पाचन संबंधित समस्याएं, जैसे गैस और सूजन हो सकती हैं।
4. बाजार का प्लांट बेस्ड मिल्क हेल्दी नहीं होता
प्लांट बेस्ड मिल्क को फ्रेश तैयार करके पीना ही एक सही तरीका है। लेकिन बाजार में मिलने वाले प्लांट बेस्ड मिल्क में एडेड शुगर और अन्य केमिकल्स डाले जाते हैं ताकि इसका स्वाद और बनावट बेहतर हो सके। फ्लेवर्ड प्लांट-बेस्ड मिल्क में ज्यादा मात्रा में शुगर होती है, जो वजन बढ़ाने, डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसके अलावा, बाजार में मिलने वाले प्लांट-बेस्ड मिल्क में प्रिजर्वेटिव्स डाले जाते हैं, जो गाय के दूध की तुलना में कम पौष्टिक होते हैं।
5. पोषक तत्वों की कमी हो सकती है
प्लांट-बेस्ड मिल्क में कई बार डेयरी मिल्क की तुलना में कम प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन-डी और बी12 होते हैं। जबकि डेयरी मिल्क में प्रोटीन और कैल्शियम की ज्यादा मात्रा होती है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के विकास और स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं।
ऐसा नहीं है कि आपको प्लांट बेस्ड मिल्क नहीं पीना चाहिए। लेकिन विटामिन-डी, कैल्शियम और प्रोटीन के लिए केवल प्लांट बेस्ड मिल्क पर निर्भर न रहें, हेल्दी डाइट का सेवन भी करें।
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