Is Coconut Oil Effective If Used As Sunscreen: बचपन से हम नारियल के तेलों को स्किन और बालों पर इस्तेमाल करते आए हैं। कोकोनट ऑयल हमारे शरीर की कई समस्याओं के लिए ऑल-इन-वन हल है। यह त्वचा को नमी प्रदान करता है, त्वचा की ड्राईनेस दूर करता है, बालों को स्वस्थ बनाता है और सेहत के लिए भी इसके अनगिनत फायदे हैं। कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि कोकोनट ऑयल को सनस्क्रीन की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लोगों को कोविड के बाद से ऐसे इंग्रीडिएंट्स की तलाश रहती है, जो बाजार में मिलने वाले उत्पाद को रिप्लेस कर सकें। मेयो क्लीनिक की एक रिसर्च से पता चलता है कि कोकोनट ऑयल की मदद से त्वचा को यूवी रेज से 7 प्रतिशत सुरक्षा मिलती है। इस लेख में जानेंगे कि क्या कोकोनट ऑयल को सनस्क्रीन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने ओम स्किन क्लीनिक, लखनऊ के वरिष्ठ कंसलटेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ देवेश मिश्रा (Dr. Devesh Mishra) से बात की।
नारियल तेल को सनस्क्रीन की जगह इस्तेमाल करना असरदार है?- Coconut Oil as Sunscreen is Effective or Not
डॉ देवेश मिश्रा ने बताया कि केवल कोकोनट ऑयल, सनस्क्रीन को रिप्लेस नहीं कर सकता। कोकोनट ऑयल को अन्य नेचुरल इंग्रीडिएंंट्स जैसे कि जोजोबा ऑयल, सिट्रस फ्रूट्स, सूरजमुखी आदि के साथ मिलाकर, असरदार बनाया जा सकता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी (American Academy of Dermatology) की मानें, तो एसपीएफ 30 या इससे ज्यादा बैंड वाली सनस्क्रीन, सूरज की किरणों को 97 प्रतिशत तक ब्लॉक कर सकती हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, सनस्क्रीन में अगर कोकोनट ऑयल के साथ अन्य इंग्रीडिएंट्स मौजूद हों, तो त्वचा को टैनिंग और स्किन कैंसर से बचाया जा सकता है। कई कॉस्मेटिक ब्रैंड्स, यूवीए और यूवीबी कवरेज के लिए कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल करती हैं। सनस्क्रीन की मदद से त्वचा को करीब 80 से 90 प्रतिशत प्रोटेक्शन मिलता है, वहीं केवल कोकोनट ऑयल के इस्तेमाल से त्वचा को यूवी रेज से करीब 7 प्रतिशत सुरक्षा मिलती है। इसलिए कोकोनट ऑयल को सनस्क्रीन की जगह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। हालांकि यूवी रेज से बचने के लिए कोकोनट ऑयल को स्किन केयर रूटीन में शामिल करना फायदेमंद होता है।
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मानसून में भी लगाना चाहिए सनस्क्रीन- Apply Sunscreen Even if Its Raining or Cloudy Outside
डॉ देवेश मिश्रा ने बताया कि ज्यादातर लोग मानसून में यह सोचकर सनस्क्रीन नहीं लगाते कि सूरज की किरणें सीधे उन पर नहीं पड़ रही है। लेकिन आपको बता दें कि घर पर रहकर भी टैनिंग हो सकती है। अगर आप बाहर जा रहे हैं और बारिश या आसमान में बादल हैं, फिर भी सनस्क्रीन अप्लाई करके बाहर जाएं। मानसून में भी टैनिंग हो सकती है। मानसून में ज्यादा तेज हवा चलने से त्वचा की प्राकृतिक नमी कम हो जाती है। सनस्क्रीन लगाने से त्वचा को सुरक्षा मिलती है और त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में भी मदद मिलती है। बादलों के बावजूद, सूरज की यूवी किरणें त्वचा तक पहुंच सकती हैं। यूवीए और यूवीबी किरणों के कारण टैनिंग, एजिंग साइन्स और स्किन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है इसलिए मानसून में भी सनस्क्रीन लगाना न भूलें।
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Study Link: https://www.researchgate.net/publication/368900098_Effect_of_Addition_Virgin_Coconut_Oil_VCO_on_Physical_Stability_and_SPF_Value_of_Sunscreen_Cream_Combination_of_Zinc_Oxide_and_Titanium_Dioxide
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