Sadhguru Diet and Routine: सद्गुरु 68 की उम्र में भी कैसे हैं एक्टिव और फिट?

सदगुरु की सुबह की डाइट और रूटीन में नीम-हल्दी, अंकुरित मेथी, भीगी मूंगफली और उपवास जैसी आदतें शामिल हैं। जानें इससे शरीर को होने वाले फायदे।
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Sadhguru Diet and Routine: सद्गुरु 68 की उम्र में भी कैसे हैं एक्टिव और फिट?


सद्गुरु जग्गी वासुदेव, ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और पॉपुलर धर्म गुरु हैं, जो आज दुनिया की सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक हस्तियों में गिने जाते हैं। उम्र 68 पार होने के बाद भी उनकी सक्रियता, ऊर्जा और फिटनेस लोगों को हैरान कर देती है। हाल में ही एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी डाइट और डेली रूटीन के बारे में काफी बातें की। सद्गुरु का मानना है कि आपकी सेहत और आपके मूड पर इस बात का बहुत फर्क पड़ता है कि आप अपने दिन की शुरुआत कैसे करते हैं। खास बात यह है कि उनकी फिटनेस को देखते हुए बहुत सारे लोग उनकी डाइट और रूटीन के बारे में जानना भी चाहते हैं। पिछले कुछ समय में सद्गुरु गूगल ट्रेंड्स पर ट्रेंड कर रहे हैं। आइए जानते हैं सद्गुरु जग्गी वासुदेव की डाइट और डेली रूटीन के बारे में।

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खाली पेट क्या लेते हैं सदगुरु

सद्गुरु खाली पेट नीम की पत्तियों और हल्दी से बनी गोलियां लेते हैं। ये हल्दी उनके आश्रम के आसपास ही उगाई जाती है। ये उनके शरीर में इंफ्लेमेशन कम कम करती है और अंदर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया आदि को मारकर शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है।

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नाश्ते में क्या खाते हैं सद्गुरु

नाश्ते में अक्सर सद्गुरु अनार खाते हैं। इसके अलावा कई बार वो अंकुरित मेथी खाते हैं, जो पाचन ठीक रखता है और कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है। कभी-कभार वो भीगी हुई मूंगफली भी खाते हैं क्योंकि इसमें प्रोटीन और अच्छे फैट्स भरपूर होते हैं।

जरूरत के हिसाब से भोजन

सदगुरु सुबह का खाना इस आधार पर चुनते हैं कि उनके आगे का दिन कैसा होने वाला है। अगर दिन में काफी चलना-फिरना है, जैसे गोल्फ खेलना या बाहर लंबे समय तक रहना, तो वो कार्ब्स वाले भोजन लेते हैं। इसमें इडली, चपाती या चावल शामिल हो सकते हैं। लेकिन अगर दिन में ज्यादातर समय बैठना है, तो वो हल्का द्रव भोजन लेते हैं। जैसे बाजरा का पतला दलिया, जिसे वो कॉफी की तरह धीरे-धीरे पीते हैं।

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एक समय का भोजन और उपवास की आदत

सदगुरु कई बार पूरे दिन में सिर्फ एक ही बार भोजन करते हैं। इसके अलावा वो लंबे उपवास भी रखते हैं। उनका मानना है कि इससे पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर की ऊर्जा बेवजह खाने को पचाने में खर्च नहीं होती। योगिक परंपरा और आयुर्वेद, दोनों में ही उपवास और सीमित भोजन को स्वास्थ्य के लिए अच्छा बताया गया है।

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आप क्या सीख सकते हैं सद्गुरु के इस रूटीन से

  • हमेशा अपनी दिनचर्या और काम के हिसाब से खाना चुनना चाहिए, न कि स्वाद के हिसाब से।
  • स्वस्थ शरीर के लिए चाय-कॉफी के बजाय नेचुरल चीजों से दिन की शुरुआत करें। ये न सिर्फ आपको एनर्जी देंगे, बल्कि आपके शरीर को अंदर-बाहर से स्वस्थ रखने में मदद करेंगे।
  • शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जितना जरूरी है सही खाना खाना, उतना ही जरूरी है शरीर के सिस्टम को थोड़ा रेस्ट देना। इसलिए नियमित अंतराल पर उपवास जरूर करते रहें, जिससे शरीर को रिपेयर का समय मिले।
  • बुढ़ापे में फिट और एक्टिव रहने का मूल मंत्र यही है कि आप हर जवानी में भी एक्टिव रहें। सद्गुरु जो बहुत ज्यादा ट्रैवेल करते हैं, रोज योगासन का अभ्यास जरूर करते हैं। इसके अलावा इस उम्र में भी उन्हें बैडमिंटन खेलना पसंद है।

कुल मिलाकर सद्गुरु जैसी दिनचर्या फॉलो करना बहुत मुश्किल काम नहीं है। इसके लिए सिर्फ यह समझना जरूरी है कि आपके द्वारा खाई-पी गई हर चीज और दिनभर में की गई हर एक्टिविटी का आपकी सेहत पर किसी न किसी रूप में असर जरूर पड़ता है। इसलिए हमेशा अच्छा खाना और अच्छी दिनचर्या चुनें।

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