सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ एक टीका उपलब्ध होने की संभावाना के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए कोल्ड चेन स्टोरेज सुविधाओं का मानचित्र तैयार करने के लिए बड़े पैमाने पर अभ्यास शुरू कर दिया है, ताकि इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश भर में कोरोना वैक्सीन जल्दी से बांटा जा सके। इसके लिए एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने फार्मास्युटिकल क्षेत्र, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और कृषि व्यवसायों के साथ -साथ खाद्य वितरण स्टार्ट-अप जैसे कि स्विगी और ज़ोमेटो से बात की है ताकि तालुका स्तर पर कोल्ड स्टोरेज या फ्रिज की पहचान की जा सके। कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस का टीका अगले सप्ताह से बांटा जा सकता है।
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भारत में आने वाले अगले महीनों में आ सकते हैं इतने टीके
अगले आने वाले महीनों में भारत देश को कम से कम एक घरेलू और तीन विदेशी टीके मिलने की संभावना है। इसके लिए वैक्सीन उम्मीदवारों को एक कोल्ड सप्लाई चेन की जरूरत होगी, जिसमें तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से भी नीचे -80 डिग्री सेल्सियस तक जा सके। कोल्ड चेन की क्षमता को सबसे अधिक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, केरल, तेलंगाना और दिल्ली में बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं कोल्ड चेन की क्षमता बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों असम, झारखंड, पंजाब और ओडिशा हैं।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले से ही वैक्सीन के लिए जरूरी अतिरिक्त कोल्ड चेन स्पेस को संबोधित करने के लिए कोल्ड चेन वृद्धि योजना शुरू कर रखी है। इस सप्ताह की शुरुआत में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि सरकार को COVID-19 के लिए 400-500 मिलियन वैक्सीन खुराक प्राप्त करने और उसका उपयोग करने की उम्मीद है, और साल 2021 जुलाई तक लगभग 20 से 25 करोड़ लोगों को इसमें कवर किया जा सकता है। इसके लिए केंद्र ने कथित तौर पर राज्यों को बनाने के लिए भी निर्देशित किया है। टीके के भंडारण और वितरण के लिए 15 अक्टूबर तक मजबूत योजना बनाई जा रही है।
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टीकों की सुरक्षित डिलीवरी बड़ी चुनौती
देखा जाए तो कोरोना वायरस के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए टीकों की सुरक्षित डिलीवरी एक बड़ी चुनौती है और इसके लिए देश को अपनी कोल्ड चेन सुविधाओं में बदलाव की जरूरत होगी। क्योंकि टोकॉल को डिलीवरी के अलावा परिवहन और टीकों को बांटने के दौरान कोरोना वायरस के टीकों को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रखने की आवश्यकता होगी। जबकि कोरना वैक्सीन के एक बड़े हिस्से को सेंटर्स यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (यूआईपी) तंत्र के माध्यम से वितरित किया जाएगा,जिकसे लिए विशेषज्ञों का यह भी सुझाव है कि निजी कोल्ड चेन ऑपरेटरों में सरकार की ओर से होना चाहिए। भारत के यूआईपी पैमाने को देखते हुए 27,000 से अधिक कार्यात्मक कोल्ड चेन पॉइंट्स का समर्थन प्राप्त है, जिसमें से 750 जिला स्तर पर और उसके ऊपर स्थित हैं। बाकी 2018 से 2022 के लिए सरकार के बहु-वर्षीय यूआईपी योजना के तहत जिला स्तर से काफी नीचे स्थित हैं। इस योजना की रिपोर्ट में कहा गया है कि 76,000 कोल्ड चेन “उपकरण”,2.5 मिलियन स्वास्थ्य कर्मचारी और 55,000 कोल्ड चेन कर्मचारी शामिल हैं।
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कोविड-19 की महामारी के चलते हर किसी को इसके टीके का इंतजार है, लेकिन इतनी बड़ी आबादी को देखते हुए, सभी जगह टीका पहुचाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
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