COVID-19 महामारी के वर्तमान के समय में लोगों में डर और चिंता सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक हैं। ऐसे में बहुत से लोग सेल्फ डायग्नोसिस के लिए सेल्फ-मेडिकेशन का सहारा लेने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेल्फ-मेडिकेशन आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी चीज के सटीक इलाज के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवा से बेहतर कुछ नहीं है। एंटीबायोटिक्स, जो कभी-कभी लोगों द्वारा उपयोग की जाती हैं, वे किसी भी वायरल संक्रमण के खिलाफ लड़ने में प्रभावी हों, यह जरूरी नहीं है। इसलिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि सेल्फ-मेडिकेशन में लिप्त होने के बजाय, आपको रोगी की बीमारी और स्थिति के हिसाब से ही डॉक्टरी सलाह पर ही दवा लेनी चाहिए।
सेल्फ-मेडिकेशन के लिए क्यों मजबूर हो रहे हैं लोग?
वैसे तो छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं में जैसे कि सिरदर्द या पेट दर्द में लोग सेल्फ-मेडिकेशन आमतौर पर करते ही हैं। लेकिन हाल में समय ऐसा है कि सेल्फ-मेडिकेशन करने वालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि COVID -19 महामारी का डर ऐसा है कि जरा सा भी बुखार या खांसी होने पर भी लोग घबराने लगते हैं। जिसमें वह डॉक्टर से सलाह लेने के बजाय दर्दनिवाकर दवाओ या नॉन-स्टेरायडल एंटी इंफ्लामेटरी दवाएं लेना पसंद करते हैं। इस अनुमान में कि यदि लक्षण व्यवस्थित हो जाते हैं, तो वे बीमारी से बच जाएंगे। लेकिन यह उनके दिमाग में एक मिथ से बढ़कर कुछ नहीं है। क्योंकि सेल्फ-मेडिकेशन दवाएं राहत से ज्यादा आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं। आइए यहां हम आपको बिना डॉक्टरी सलाह या उचित मार्गदर्शन के बिना दवा लेने के कुछ संभावित साइड-इफेक्ट्स बताते हैं।
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सेल्फ-मेडिकेशन के जोखिम
यहां सेल्फ-मेडिकेशन के कुछ संभावित जोखिम दिए गए हैं, जिसमें:
- बीमारी का गलत निदान और चिकित्सा की गलत प्रक्रिया
- औषधीय जोखिमों को पहचानने में विफलता के परिणामस्वरूप गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं
- उचित और शीघ्र चिकित्सकीय सलाह लेने में विफलता
- चेतावनी और सावधानियों का कोई ज्ञान न होना
- डुप्लिकेट दवा, जो हानिकारक हो सकती हैं
- अपर्याप्त या अत्यधिक खुराक
- लंबे समय तक उपयोग
- निर्भरता और दुरुपयोग का खतरा
- खाने और दवा के बीच गलत तालमेल के नुकसान
- मनोवैज्ञानिक प्रभाव

कई बीमारियों के के लक्षण कई स्थितियों के साथ ओवरलैप कर सकते हैं और इसलिए ऑनलाइन या सेल्फ डायग्नोसिस या सेल्फ-मेडिकेशन से स्थिति और बिगड़ सकती है। इसलिए, एक हेल्थकेयर एक्सपर्ट द्वारा लिखित पर्चे के बिना दवाओं का सेवन सही नहीं है। एक हेल्थ एक्पर्ट ही आपको दवा की खुराक की सही मात्रा, दवा को खाली पेट लिया जाए या खाने के बाद और इसके अलावा, किसी भी संभावित एलर्जी प्रतिक्रियाओं पर आगे दवा को ध्यान में रखते हुए दूसरी दवा निर्धारित करना आदि शामिल हैं।
इसके अलावा, एक और जरूरी बात ये है कि सप्लीमेंट्स का अधिक सेवन भी आपको नुकसाना पहुंचा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई ऐसे घटक जो विटामिन डी से भरपूर होते हैं, जैसे विटामिन डी, ए वसा में घुलनशील होते हैं जिन्हें यदि अधिक मात्रा में लिया जाए तो यह विषाक्त हो सकते हैं। इसलिए केवल चिकित्सकीय देखरेख में ही इसका सेवन करना चाहिए।
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