
पूरी दुनिया इस समय जिस एक चीज का बेसब्री से इंतजार कर रही है, वो है कोरोना वायरस की वैक्सीन। दिसंबर 2019 में चीन के वुहान से निकला कोरोना वायरस अब तक 3.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है और 10 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। भारत में भी इस वायरस के कारण अब तक 66 लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं और 1 लाख से ज्यादा लोगों ने असमय अपनी जान गंवा दी है। चिंता की बात ये है कि वायरस को रोकने के सभी प्रयास विफल साबित हुए हैं। यही कारण है कि 2 महीने के संपूर्ण लॉकडाउन और लगभग 3 महीने के आंशिक लॉकडाउन के बाद भी हर दिन 70-80 हजार नए संक्रमण के मामले आ रहे हैं। लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की मानें तो कोरोना वायरस वैक्सीन का इंतजार अब जल्द ही खत्म होने वाला है।
हर 5 में से 1 भारतीय को जुलाई तक मिल जाएगी कोरोना वैक्सीन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपने साप्ताहिक 'संडे संवाद' वेबिनार में कोरोना वायरस की वैक्सीन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने बताया, "सरकार की योजना है कि 40-50 करोड़ COVID-19 वैक्सीन डोज प्राप्त की जाएं और उनका इस्तेमाल किया जाए। हमारा लक्ष्य जुलाई 2021 तक 20-25 करोड़ लोगों को कवर करना है। इसके लिए, हम बड़े पैमाने पर मानव संसाधन, प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण आदि में क्षमता निर्माण कर रहे हैं।" आपको बता दें कि कोरोना वायरस की अब तक जो भी वैक्सीन ट्रायल के अंतिम फेज में हैं, वे सभी ऐसी हैं, जिनको प्रति व्यक्ति 2 डोज देने की आवश्यक्ता पड़ेगी।
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किन लोगों को पहले मिलेगी वैक्सीन
ये बात सभी जानना चाहते हैं कि उन तक वैक्सीन कब तक पहुंचेगी। इस संबंध में डॉ. हर्षवर्धन ने संकेत दिया है कि इसके लिए हाई रिस्क वाली जनसंख्या समूहों की लिस्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा “फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स की लिस्ट में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, सेनेटरी कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, निगरानी अधिकारी और कई अन्य व्यावसायिक श्रेणियां शामिल होंगी जो मरीजों के परीक्षण और इलाज में शामिल हैं.” इसके अलावा बूढ़े और पहले से गंभीर बीमारियों के शिकार लोगों को भी इस लिस्ट में रखा जा सकता है।
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अफवाहों पर न दें ध्यान, इलाज कराएं
इसी वेबिनार में एक पत्रकार ने केंद्रीय मंत्री से सवाल किया कि लोगों के बीच यह भ्रम की स्थिति है कि कोरोना वायरस कोई बीमारी नहीं बल्कि अफवाह है और इस बहाने लोगों को मारकर उनके अंग निकाले जा रहे हैं। इस सवाल पर डॉ. हर्षवर्धन ने जवाब दिया कि इस तरह की अफवाहों से बचना चाहिए और बीमारी होने पर जाकर इलाज कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीजों को कोई छू नहीं सकता है और उनका अंतिम संस्कार भी बहुत सावधानी के साथ किया जा रहा है। उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए यह भी जोड़ा कि इस तरह की अफवाहें पहले भी उड़ाई गई हैं, जब पोलियो की खुराक के बारे में लोग कहते थे कि इससे लोगों को नपुंसक बनाया जा रहा है।
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