कहीं आपके बाल सफेद होने का कारण तनाव तो नहीं? वैज्ञानिकों ने बताया क्यों होते हैं बाल सफेद

अगर आपके बाल सफेद हो रहे हैं, तो इसका कारण तनाव हो सकता है। वैज्ञानिकों ने तनाव के कारण बालों के सफेद होने का कारण खोज लिया है।
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कहीं आपके बाल सफेद होने का कारण तनाव तो नहीं? वैज्ञानिकों ने बताया क्यों होते हैं बाल सफेद


क्या आप भी सफेद बालों की समस्या से परेशान हैं? नए शोध के अनुसार इसका कारण तनाव हो सकता है। वैज्ञानिकों ने पहली बार एक ऐसा मैकेनिज्म खोजा है, जिसके अनुसार तनाव की वजह से बालों का रंग सफेद होने की बात बताई जा रही है। इस अध्ययन को Nature नामक जर्नल में छापा गया है। फिलहाल ये शोध चूहों पर किया गया है। मगर वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज के बाद अब बालों को सफेद होने से रोकने की नई और कारगर दवाएं बनाने में मदद मिलेगी।

चूहों पर किया गया शोध

इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने कुछ खास काले चूहों को चुना, जिनके रोएं काले थे। अध्ययन के दौरान इन चूहों को रेजिनिफेरक्टोसिन (resiniferatoxin) नामक नैचुरल केमिकल की मदद से हल्के दर्द से गुजारा गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि कुछ सप्ताह बाद इन चूहों के बाल पूरी तरह सफेद हो गए थे।

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क्यों उड़ जाता है बालों का रंग?

यूएस की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के Thiago Mattar Cunha कहते हैं, "काफी लंबे समय से ये बात कही जा रही है कि तनाव लेने से बाल सफेद होते हैं, लेकिन अब तक इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं मौजूद था। हमारे अध्ययन ने इस तथ्य को बिल्कुल सही पाया है और हमने उस मैकेनिज्म की भी खोज कर ली है, जिसके कारण ऐसा होता है। यही नहीं, हमने इसी के साथ एक ऐसा तरीका भी खोज लिया है, जिसकी मदद से बालों के रंग उड़ने की समस्या को रोका जा सकता है।"

आखिर क्यों सफेद होते हैं बाल?

वैज्ञानिकों ने शोधपत्र में बताया कि resiniferatoxin एक तरह का केमिकल है, जो संवेदनशील नर्व फाइबर्स को एक्टिवेट कर देता है। ये केमिकल कैकटस और कुछ अन्य पौधों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है।

नर्व्स (तंत्रिकाएं) हमारे शरीर का आधार हैं क्योंकि इनके द्वारा ही हमारे शरीर में होने वाली संवेदनाएं हमें महसूस होती हैं। ये नर्व्स हमारे स्पाइन से निकल कर पूरे शरीर में फैली होती हैं। जब भी हम तनाव लेते हैं या खतरा महसूस करते हैं, तो हमारा शरीर तत्काल नर्व्स को एक्टिवेट कर देता है। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह ऊपर बताया गया केमिकल करता है।

इस तरह नर्व्स के एक्टिवेट होने से शरीर तुरंत एड्रेनलाइन और कॉर्टिसोल हार्मोन्स रिलीज करने लगता है और दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर और सांस लेने की गति आदि बढ़ जाते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि जब हमारा सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम ब्लॉक होता है, तो हमारे शरीर के बाल धीरे-धीरे सफेद होने लगते हैं।

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सफेद बालों का इलाज भी खोजा गया

Cunha ने कहा, "resiniferatoxin इंजेक्ट करने के बाद हमने चूहों का ट्रीटमेंट guanethidine नामक एंटी-हायपरटेंसिव मेडिसिन से किया। हमने पाया कि इससे चूहों में बालों के सफेद होने की प्रक्रिया भी बंद हो गई और उनके बाल दोबारा काले होने लगे।" इस अध्ययन से वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इंसानों में भी बालों की सफेदी का कारण स्ट्रेस यानी तनाव हो सकता है। हालांकि इंसानों पर अभी स्ट्रेस के प्रभाव और बालों की सफेदी को लेकर और ज्यादा शोध करने की जरूरत है। मगर इससे उम्मीद की एक किरण तो जगी ही है।

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