Women’s World Cup चैम्पियन टीम से चर्चा में PM Modi का हेल्थ संदेश: रोज के खाने में तेल 10% कम करें

वुमेन्स वर्ल्ड कप विजेता टीम से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि घरों में खाने में इस्तेमाल होने वाले तेल की खपत 10% कम की जानी चाहिए। इससे मोटापा कम होगा।
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Women’s World Cup चैम्पियन टीम से चर्चा में PM Modi का हेल्थ संदेश: रोज के खाने में तेल 10% कम करें

भारत की महिला क्रिकेट टीम ने हाल में ही वर्ल्ड कप जीतकर दुनियाभर में भारत का नाम रौशन किया है। इसी मौके को सेलिब्रेट करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को पीएम हाउस में मिलने के लिए बुलाया था। इस मुलाकात में बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने सेहत और फिटनेस पर भी बात की। उन्होंने खिलाड़यों से आग्रह किया कि वो देश में खेल और फिटनेस को मोटिवेट करने के लिए कुछ न कुछ अपने स्तर पर जरूर करें।

पीएम मोदी का फिटनेस मंत्र

प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों से कहा कि वो लोगों को कई तरह से मोटिवेट कर सकते हैं। इसी चर्चा के बीच देश में बढ़ते मोटापे पर बात करते हुए पीएम ने कहा, “अब जैसे हमारे देश में ओबेसिटी एक बहुत बड़ा प्रॉब्लम होता जा रहा है, तो फिट इंडिया ही उसका उपाय है। मैं हमेशा कहता हूं कि आप जो खाने का तेल है, उसे 10% कम कीजिए। खरीदते समय ही कम कर दीजिए। ये चीजें जब आपके मुंह से लोग सुनते हैं मैं समझता हूं कि बहुत फायदा होगा। बेटियों के लिए फिट इंडिया का आप आग्रह करें मैं समझता हूं एक बहुत बड़ा लाभ होगा”

खाने में तेल कम करने की बात प्रधानंत्री मोदी पहले भी मन की बात के जरिए कह चुके हैं। एक नजर में ये बात बहुत साधारण लगती है लेकिन इस छोटे से बदलाव से आपकी सेहत को बहुत सारे फायदे मिल सकते हैं।

PM modi meet india cricket team

भारत में बढ़ रही है खाने में तेल की खपत

भारत में खाने में तेल की खपत पर कई स्टडीज की गई हैं। NCBI में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक पिछले कुछ सालों में भारतीय घरों में खाने वाले तेल की खपत काफी बढ़ गई है। अब औसतन हर व्यक्ति साल में करीब 13 से 14 किलो तेल इस्तेमाल कर रहा है। शहरी इलाकों में ये खपत ग्रामीण इलाकों के मुकाबले ज्यादा पाई गई है। अगर पुराने आंकड़ों पर नजर डालें, तो साल 2000 में प्रति व्यक्ति खपत करीब 11 किलो थी, जो 2024 तक बढ़कर लगभग 23.5 किलो हो गई, यानी लगातार तेल की खपत बढ़ रही है।

नीति आयोग की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर साल करीब 2.6 करोड़ टन खाद्य तेल की खपत हो रही है। इसमें से लगभग 60% तेल हमें आयात करना पड़ता है, क्योंकि घरेलू उत्पादन अभी भी मांग के हिसाब से कम है।

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ज्यादा तेल का सेवन क्यों है नुकसानदायक?

स्टडीज के मुताबिक खाने के तेल का आपकी सेहत पर बहुत असर पड़ता है। हम जो तेल रोज खाने में इस्तेमाल करते हैं, उसका हमारे शरीर पर बड़ा असर पड़ता है, खासकर दिल की सेहत पर। International Journal of Current Microbiology and Applied Sciences में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक कुछ तेल दिल की बीमारियों, जैसे कोरोनरी धमनी रोग (CAD), का खतरा बढ़ा सकते हैं।

तेलों में सबसे नुकसानदायक फैट ट्रांस फैट होता है। ये आमतौर पर वनस्पति घी या हाइड्रोजनीकृत तेलों में पाया जाता है। ट्रांस फैट की थोड़ी सी मात्रा भी (कुल कैलोरीज का सिर्फ 1 से 3%) दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा देती है। इसका कारण यह है कि यह “बैड कोलेस्ट्रॉल” यानी एलडीएल (LDL) को बढ़ाता है और “गुड कोलेस्ट्रॉल” यानी एचडीएल (HDL) को घटाता है। इसलिए वेजिटेबल ऑयल या वनस्पति घी को सबसे अनहेल्दी तेलों में गिना जाता है।

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इसी तरह, सैचरेटेड फैट (SFA) भी शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं, जिससे हार्ट की समस्याएं हो सकती हैं। घी, मक्खन और नारियल तेल में ऐसा फैट ज्यादा होती है।
अगर आप सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो ऐसे तेल चुनें जिनमें ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल न हो, संतृप्त वसा कम हो, और जिनमें MUFA (मोनोअनसैचुरेटेड फैट) और PUFA (पॉलीअनसैचुरेटेड फैट) ज्यादा हों। ऐसे तेल दिल के लिए बेहतर माने जाते हैं।

तेल की क्वालिटी भी है बड़ी चुनौती

भारत में खाने के तेल की क्वालिटी भी एक बड़ी चुनौती है। बाजार में बहुत सारे मिलावटी और खराब क्वलिटी के तेल मिलते हैं, जिनका इस्तेमाल रेस्टोरेंट्स, फूड स्टॉल्स और कई बार घरों में भी घड़ल्ले से किया जाता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने साल 2020 में पूरे देश में एक सर्वे किया। इसमें पता चला कि लगभग 24% खाने के तेल की क्वालिटी ठीक नहीं थी, यानी उनमें मिलावट की संभावना थी। वहीं करीब 2.4% तेल सुरक्षा जांच में फेल हो गए क्योंकि उनमें अफ्लाटॉक्सिन, कीटनाशक और भारी धातुओं जैसे हानिकारक पदार्थ पाए गए। इस सर्वे में 587 जिलों और चार बड़े शहरों से 15 तरह के कुल 4,461 तेलों के नमूने लिए गए थे, ताकि उनकी गुणवत्ता, सुरक्षा और लेबलिंग की सच्चाई जांची जा सके। सबसे ज्यादा मिलावट सरसों, नारियल, मूंगफली, तिल और सोयाबीन के तेलों में पाई गई।

कुल मिलाकर पीएम मोदी के इस संदेश को सीरियस लेना चाहिए और अपने रोज के खाने में तेल की मात्रा थोड़ी-थोड़ी कम करनी चाहिए। इसका सबसे अच्छा तरीका है बाहर के बजाय घर का खाना खाना और खाना पकाने के लिए फ्राइंग की जगह ग्रिलिंग, बॉयलिंग या स्टीमिंग जैसे तरीकों का इस्तेमाल करना।

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  • Nov 06, 2025 19:34 IST

    Modified By : Anurag Gupta
  • Nov 06, 2025 19:34 IST

    Published By : Anurag Gupta

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