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दिनभर में 3 लीटर पानी पीने के बाद भी बनी रहती है कब्ज? जानें इसके कारण और उपाय

कब्ज एक ऐसी समस्या है जो आजकल कई लोगों को प्रभावित कर रही है। यहां जानिए, ज्यादा पानी पीने के बाद भी कब्ज क्यों होती है?
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दिनभर में 3 लीटर पानी पीने के बाद भी बनी रहती है कब्ज? जानें इसके कारण और उपाय


बदलती लाइफस्टाइल, अनियमित खानपान और मानसिक तनाव कब्ज के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण बन रहे हैं। यह एक सामान्य पाचन विकार है, जिसके कारण मल का कठिनाई से निकलना, पेट में दर्द और असहजता होती है। यह मान्यता है कि पानी की कमी से कब्ज होती है और ज्यादा पानी पीने से इससे राहत मिलती है। लेकिन, कई बार लोग 3 लीटर या उससे ज्यादा पानी पीने के बाद भी कब्ज की समस्या का सामना करते हैं। इस स्थिति के पीछे कई छिपे हुए कारण होते हैं, जिन्हें समझना बहुत जरूरी है। इस लेख में न्यूट्रिशनिस्ट राशि चौधरी से जानिए कि 3 लीटर पानी पीने के बाद भी कब्ज होने के क्या कारण हो सकते हैं और इससे बचाव के उपाय क्या हैं?

ज्यादा पानी पीने के बाद भी कब्ज का कारण

1. थायराइड हार्मोन का असंतुलन

थायराइड हार्मोन का सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। थायराइड हार्मोन मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है और आंतों की गतिशीलता में सहायक होता है। अगर आपके शरीर में थायराइड हार्मोन का लेवल कम है, तो इससे पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और कब्ज का कारण बन सकती है। यदि आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं लेकिन फिर भी कब्ज की समस्या है, तो थायराइड की जांच करवाएं।

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2. मैग्नीशियम की कमी

मैग्नीशियम आंतों की मांसपेशियों को आराम देता है और पानी को आंतों में खींचने में मदद करता है, जिससे मल नरम रहता है। अगर शरीर में मैग्नीशियम की कमी होती है, तो मल कठोर हो जाता है, जिससे कब्ज की समस्या बढ़ सकती है। मैग्नीशियम से भरपूर डाइट या मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए बादाम, कद्दू के बीज और पालक जैसे फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें।

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3. पित्त का कम लेवल - Low Bile Acid

पित्त (बाइल) हमारे शरीर में पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है और आंतों में पानी के रिलीज में मदद करता है। पित्त का कम स्तर होने से पाचन धीमा हो सकता है, जिससे कब्ज होने की संभावना बढ़ जाती है। लिवर और गॉलब्लैडर की समस्या होने पर शरीर में बाइल का उत्पादन कम हो सकता है। ऐसे में पित्त के स्राव को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों जैसे नींबू पानी, सेब का सिरका आदि को डाइट में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।

4. अनडायग्नोस्ड SIBO

SIBO, विशेषकर मिथेन-डॉमिनेंट प्रकार, आंतों की गतिशीलता को धीमा कर सकता है और इससे कब्ज हो सकती है। SIBO का उपचार करने से इस प्रकार की कब्ज में राहत मिल सकती है। इसलिए, अगर आपके कब्ज की समस्या का कारण स्पष्ट नहीं है, तो SIBO की जांच करवाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। डॉक्टर द्वारा सुझाए गए प्रोबायोटिक्स और एंटीबायोटिक्स से SIBO का इलाज किया जा सकता है।

कब्ज के अन्य कारण और उपाय

इन कारणों के अलावा, कब्ज के और भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि आहार में फाइबर की कमी, तनाव आदि। कब्ज दूर करने में ये उपाय कारगर साबित हो सकते हैं।

  • अपनी डाइट में सलाद, फल और अनाज शामिल करें। फाइबर आंतों में पानी को बनाए रखता है और मल को नरम बनाने में मदद करता है।
  • प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स जैसे कि दही का सेवन कब्ज को दूर करने में सहायक होता है।
  • नियमित फिजिकल एक्टिविटी से पाचन तंत्र एक्टिव रहता है, जो कब्ज को दूर करने में मददगार होता है।

निष्कर्ष

कब्ज की समस्या का सामना करते हुए अधिक पानी पीना जरूरी है, लेकिन अगर 3 लीटर या उससे ज्यादा पानी पीने के बावजूद भी कब्ज की समस्या है, तो इसके पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। इन कारणों को समझना और सही उपचार अपनाना बेहद जरूरी है।

 

 

 

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All Images Credit- Freepik

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