आजकल तेजी से बदलती लाइफस्टाइल, असंतुलित खानपान, तनाव और हार्मोनल असंतुलन जैसे कारणों से महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या तेजी से बढ़ रही है। कई महिलाओं के लिए समय से पीरियड्स न आना चिंता का विषय हो सकता है, ऐसे में महिलाएं पीरियड्स के लिए कई घरेलू उपाय आजमाती हैं, जैसे गुड़ का सेवन, कच्चे पपीते का उपयोग, अजवाइन और तिल का पानी पीना आदि। कच्चा और पका पपीता इनमें से एक फेमस उपाय माना जाता है। हाल ही में डाइटिशियन श्वेता पंचाल ने इस विषय पर जानकारी दी और बताया कि पके और कच्चे पपीते का असर पीरियड्स पर कैसे पड़ता है। तो आइए जानते हैं कि क्या पके हुए पपीते से पीरियड्स को जल्दी लाया जा सकता है या कच्चे पपीते का सेवन अधिक प्रभावी है।
कच्चे पपीते का पीरियड्स पर असर
कच्चा पपीता महिलाओं में पीरियड्स को समय से लाने में सहायक माना जाता है। कच्चे पपीते में मौजूद कैरोटीन नामक तत्व एस्ट्रोजन हार्मोन को उत्तेजित करता है, जो कि पीरियड्स शुरू होने में सहायक हो सकता है। हालांकि, डायटिशियन श्वेता पंचाल ने बताया कि इसके लिए केवल थोड़ी मात्रा में कच्चा पपीता खाना काफी नहीं है। इसका प्रभाव तभी दिख सकता है जब इसे बहुत अधिक मात्रा में लिया जाए।
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कच्चा पपीता कैसे काम करता है?
कच्चे पपीते का सेवन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को उत्तेजित करता है और यूट्रस पर दबाव डालता है। इसे खाने से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है, जो हार्मोन को एक्टिव करने में सहायक मानी जाती है। हालांकि, अगर हार्मोनल इंबैलेंस बहुत ज्यादा है, तो यह उपाय पूरी तरह से कारगर नहीं हो सकता। ऐसे में किसी महिला को अगर लगातार पीरियड्स में देरी हो रही है, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
पके पपीते का पीरियड्स पर असर
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पका हुआ पपीता PMS (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) के लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकता है। पके पपीते में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंजाइम्स होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने, पेट की ऐंठन को दूर करने और मूड को सुधारने में सहायक होते हैं। हालांकि, पके हुए पपीते का सेवन पीरियड्स लाने में प्रभावी नहीं होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य को बनाए रखने में फायदेमंद हो सकता है।
पीरियड्स की समस्याओं के लिए नेचुरल रेमेडीज
अगर आप पीरियड्स में देरी की समस्या का सामना कर रही हैं, तो कच्चे पपीते के अलावा और भी प्राकृतिक उपायों को आजमा सकती हैं। जैसे- गुड़ का सेवन, हर्बल चाय, हल्दी का दूध आदि। ये उपाय आपके हार्मोनल संतुलन को बेहतर करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन इन उपायों को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
निष्कर्ष
कच्चा पपीता और पका पपीता दोनों के ही अपने-अपने फायदे हैं, लेकिन पीरियड्स को समय पर लाने के लिए केवल कच्चे पपीते का ज्यादा सेवन करना सही नहीं है। अगर पीरियड्स में देरी का कारण हार्मोनल असंतुलन है, तो केवल डाइट से इसे ठीक नहीं किया जा सकता। इसके लिए उचित इलाज और बैलेंस डाइट की जरूरत होती है।
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