दिल की बीमारी Aortic Aneurysm के चलते अस्पताल में भर्ती हुए हैं रजनीकांत, जानें इस बीमारी के बारे में

Aortic Aneurysm Disease in Hindi: रजनीकांत दिल की बीमारी एओर्टिक एनेयूरिज्म के चलते अस्पताल में भर्ती हुए हैं। आइये डॉक्टर से जानते हैं इस बीमारी के बारे में।
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दिल की बीमारी Aortic Aneurysm के चलते अस्पताल में भर्ती हुए हैं रजनीकांत, जानें इस बीमारी के बारे में


Aortic Aneurysm Disease in Hindi: हाल ही में एक्टर रजनीकांत पेट में तेज दर्द होने के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे। एक्टर की तबीयत फिलहाल पहले से स्थिर है। लेकिन अभी उन्हें अस्पताल से छुट्टी नहीं मिली है। जानकारी के मुताबिक रजनीकांत को कल अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है। इसपर अस्पताल द्वारा एक बयान जारी किया गया है कि रजनीकांत को हार्ट से जुड़ी ब्लड वेसल्स में सूजन आ गई थी। अब इसका इलाज नॉन सर्जिकल ट्रांस कैथेटर प्रोसेस द्वारा किया जा रहा है। उन्हें एओर्टिक एनेयूरिज्म नामक बीमारी है। यह नसों से जुड़ी एक प्रकार की समस्या है। आइये डॉ. असित खन्ना, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, यशोदा सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल से जानते हैं इस बीमारी के बारे में सबकुछ। 

क्या है एओर्टिक एनेयूरिज्म? 

एओर्टिक एनेयूरिज्म एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एओर्टा आर्टरी गुब्बारे की तरह उभरी हुई दिखाई देती हैं। दरअसल, यह शरीर की सबसे बड़ी रक्त वाहिका है, जो शरीर तक ऑक्सीजन और रक्त को संचालित करती है। एओर्टिक एनेयूरिज्म होने पर हार्ट तक रक्त ले जाने वाली वाहिकाओं की दीवार कमजोर पड़ जाती हैं। ऐसे में कई बार वाहिकाओं में सूजन आने के साथ ही ब्लड लीकेज भी हो सकता है। इस स्थिति को नजरअंदाज करना कई मामलों में हार्ट से जुड़ी बीमारियों का कारण भी बन सकता है। 

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एओर्टिक एनेयूरिज्म के लक्षण 

  • एओर्टिक एनेयूरिज्म होने पर आपको चेहरे और गर्दन पर सूजन दिखाई दे सकती है। 
  • ऐसे में कई बार फेफड़ों में समस्या होने के साथ ही सांस लेने में कठिनाई भी हो सकती है। 
  • कुछ मामलों में कफ, सीने में घरघराहट या खाना चबाने में कठिनाई महसूस हो सकती है। 
  • ऐसे में कई बार उल्टी, मतली या हार्ट बीट तेजी से धड़कने जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं। 

एओर्टिक एनेयूरिज्म का इलाज 

एओर्टिक एनेयूरिज्म होने पर डॉक्टरों द्वारा ब्लड प्रेशर कम करने के लिए दवाइयां दी जाती हैं, जिससे रक्त वाहिकाओं की सूजन कम हो सके। वहीं, अगर ऐसी स्थिति में शरीर पर दवाओं का असर न पड़े तो कई बार सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। जिसमें एओर्टिक वेसल के प्रभावित हिस्से को अलग कर दिया जाता है। 

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