आपके हृदय को बहुत सी चीजें प्रभावित करती हैं जिनमें आपका लाइफस्टाइल, आपका स्वास्थ्य, आपकी उम्र, आपके परिवार में किसी को हृदय रोग था या नहीं आदि शामिल हैं। इन फैक्टर्स को हृदय रोग के रिस्क फैक्टर भी कहा जाता है। ब्लड प्रेशर अधिक बढ़ जाना, हाई कोलेस्ट्रॉल होना आदि भी हृदय रोगों का रिस्क बढ़ाते हैं। पूरी दुनिया में होने वाली प्राकृतिक मौतों में एक बड़ी संख्या हार्ट की बीमारियों से मरने वालों की होती है। यही कारण है कि हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया जाता है, ताकि लोगों को हार्ट की बीमारियों के बारे में जागरूक किया जा सके।
शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल के न्यूरो साइंस विभाग के प्रिंसिपल कंसलटेंट डॉ शैलेश जैन के अनुसार, सबसे ज्यादा जोखिम कारकों की वजह है पहले से ही कोरोनरी हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक या बायपास सर्जरी का होना। इसके अलावा दूसरी कैटेगरी में उन लोगों को खतरा होता है, जिनमें सिगरेट पीना, पुरुषों में 45 वर्ष से अधिक की उम्र, महिलाओं में 55 से अधिक की उम्र, हाई ब्लड प्रेशर या और कोलेस्ट्रॉल की समस्या पाई जाती है। आइए आपको बताते हैं हृदय रोगों का खतरा बढ़ाने वाले कुछ जोखिम कारक (रिस्क फैक्टर्स) के बारे में।
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स्वास्थ्य स्थितियां जो हृदय रोगों का खतरा बढ़ाती हैं
हाई ब्लड प्रेशर
हृदय रोगों का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर ब्लड प्रेशर का अधिक होना ही होता है। यह एक मेडिकल स्थिति होती है जिसमें आपकी आर्टरीज और ब्लड वेसल के खून का दबाव बढ़ जाता है। अगर इस दबाव को नियंत्रित नहीं किया जाता तो यह आपके हृदय को प्रभावित कर सकता है। कई बार हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। इसलिए आपको समय समय पर अपना ब्लड प्रेशर नापते रहना चाहिए।
ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना
कोलेस्ट्रॉल लीवर द्वारा बनाया जाता है और बहुत से खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है। अगर आप ज्यादा तेलीय या ऐसी चीजें खा लेते हैं जिनमें कोलेस्ट्रॉल होता है तो आपके शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है। इससे आपकी आर्टरीज संकीर्ण हो सकती हैं और हृदय तक रक्त प्रवाह की मात्रा भी कम हो सकती है। जिससे आपका हृदय रोगों का रिस्क बढ़ सकता है।
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डायबिटीज
आपके शरीर को एनर्जेटिक बनाने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है। लेकिन अगर यह ग्लूकोज सही ढंग से प्रयोग नहीं किया जाता तो यह आपको डायबिटीज जैसी बीमारी दे सकता है। डायबिटीज के कारण आपके ब्लड में शुगर जमा होने लग जाती है। इसलिए उन लोगों को हृदय बीमारियों का रिस्क अधिक होता है जिन्हें डायबिटीज होती है। इसलिए अपनी शुगर को नियंत्रित करने पर ध्यान दें।
मोटापा
मोटापा आपके शरीर में अधिक मात्रा में जमा हुआ फैट होता है। यह बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल से जुड़ा हुआ होता है। मोटापा हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का भी रिस्क फैक्टर होता है। यह सारे हृदय रोगों का भी रिस्क फैक्टर होता है। इसलिए मोटापा अधिक होने के कारण आपके शरीर में एक नहीं बल्कि कई सारी बड़ी बड़ी बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं।
लाइफस्टाइल की आदतें जो हृदय रोगों का खतरा बढ़ाती हैं
अधिक ट्रांस फैट, का सेवन
अगर आप ट्रांस फैट, कोलेस्ट्रॉल और सैचुरेटेड फैट से युक्त चीजें खाते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है। जो अपने आप में ही हृदय रोगों के रिस्क फैक्टर है।
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शारीरिक गतिविधि न करना
अगर आप खुद को थोड़ा सा भी एक्टिव नहीं रखते हैं और केवल आलसी बने पड़े रहते हैं तो इससे भी आपको मोटापा, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं जिनसे आपका हृदय रोग रिस्क बढ़ सकता है।
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अल्कोहल का अधिक प्रयोग करना
अगर आप अधिक शराब का सेवन करते हैं तो इससे भी हृदय रोग रिस्क बढ़ता है। महिलाओं को दिन में एक और पुरुषों को दिन में दो गिलास से अधिक शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
हृदय रोग महिला और पुरुष दोनों को ही अधिक मात्रा में प्रभावित करते हैं इसलिए यह न सोचें कि अगर आपका जेंडर अलग है तो आपको हृदय रोग नहीं हो सकते। बल्कि इनसे बचने की कोशिश करें।
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