प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं को अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में कई तरह के बदलाव करने की आवश्यकता होती है। प्रेग्नेंसी के हर पड़ाव में शारीरिक बदलाव का सामना करना होता है। प्रेग्नेंसी को मुख्य रूप से तीन पड़ावों में बांटा जाता है। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में भ्रूण का आकार लगभग पूरा होने की अवस्था में होता है। ऐसे में शिशु और महिला को पोषण की आवश्यक होती है, जिसके लिए डाइट में कई बदलाव को शामिल करना होता है। इस लेख में एसेंट्रिक डाइट की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि तीसरी तिमाही में कद्दू के बीज खाने के क्या फायदे (pumpkin seed benefits during pregnancy) होते हैं?
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में कद्दू के बीज के खाने के फायदे - Benefits Of Pumpkin Seeds During Third Trimester In Hindi
मैग्नीशियम से भरपूर
कद्दू के बीज मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत होते हैं, जो मांसपेशियों को रिलैक्स (muscles relax) करने और गर्भावस्था के दौरान ऐंठन और दर्द से राहत देने में मदद करता है। तीसरी तिमाही में पेट और पीठ में मांसपेशियों की ऐंठन सामान्य होती है, ऐसे में मैग्नीशियम इसे कम करने में मददगार कर सकता है।
आयरन की अधिक मात्रा
प्रेग्नेंसी के दौरान आयरन की कमी से एनीमिया (anemia) हो सकता है, खासकर तीसरे तिमाही में जब शरीर को अधिक खून की जरूरत होती है। कद्दू के बीज आयरन का एक बेहतरीन स्रोत हैं, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और गर्भावस्था के दौरान थकान और कमजोरी से बचाता है।
प्रोटीन की कमी को दूर करें
कद्दू के बीज में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है, जो गर्भ में शिशु के मांसपेशियों और टिश्यू के विकास (muscles growth) के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। प्रोटीन न सिर्फ मां के शरीर को एनर्जी देता है, बल्कि शिशु की ग्रोथ में भी सहायक होता है।
इम्यून सिस्टम को मजबूती
जिंक गर्भवती महिलाओं के इम्यून सिस्टम को मजबूत (immunity booster) बनाने में मदद करता है। साथ ही, यह शिशु की ग्रोथ के साथ-साथ संक्रमण से लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाता है। कद्दू के बीज में जिंक की पर्याप्त मात्रा होती है, जिससे मां और बच्चे दोनों को लाभ मिलता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स शिशु के ब्रेन और आंखों की ग्रोथ के लिए आवश्यक होते हैं। कद्दू के बीज में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) होता है, जो ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक प्रकार है और शिशु के न्यूरोलॉजिकल विकास (Neurological Growth) में सहायक होता है।
प्रेग्नेंसी में कद्दू के बीज खाने के तरीके - How To Eat Pumpkin Seeds During Pregnancy In Hindi
- आप कद्दू के बीजों को हल्का सा भूनकर नाश्ते में खा सकते हैं। यह कुरकुरे होते हैं और इन्हें सलाद, सूप या दही में मिलाकर भी खाया जा सकता है।
- कद्दू के बीजों को आप अपनी फेवरेट स्मूदी में मिलाकर भी खा सकती हैं। यह स्मूदी को न सिर्फ स्वादिष्ट बनाते हैं, बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर करता है।
- आप कद्दू के बीजों को पीसकर पाउडर बना सकती हैं और इसे अपने रोजाना की डाइट में शामिल कर सकती हैं। इसे सूप, सलाद, या सब्जियों पर छिड़ककर भी खाया जा सकता है।
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प्रेग्नेंसी की तीसरे तिमाही में कद्दू के बीज खाना बेहद फायदेमंद हो सकता है। यह न सिर्फ मां के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि शिशु के ग्रोथ के लिए भी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। लेकिन, डाइट में बदलाव से पहले महिलाओं को डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।