फेफड़ों और सांस की नली को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है इसकी साफ-सफाई, जानें पल्मोनरी हाईजीन के आसान तरीके

फेफड़ों की सफाई के साथ-साथ सांस की नली को साफ रखने के लिए आप पलमोनरी हाइजीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। जानते हैं इसे करने के तरीके...
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फेफड़ों और सांस की नली को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है इसकी साफ-सफाई, जानें पल्मोनरी हाईजीन के आसान तरीके


हमारे शरीर के लिए फेफड़े यानी लंग्स जरूरी अंगों में से एक हैं। लेकिन हम फेफड़ो को साफ रखना ही भूल जाते हैं और उसे स्वस्थ रखने के बारे में नहीं सोचते। ऐसे में फेफड़े संक्रमिक हो सकते हैं और इसका बुरा प्रभाव सांस की नली पर पड़ सकता है। फेफड़ों के संक्रमण के कारण व्यक्ति को सांस संबंधित समस्या जैसे- अस्थमा, निमनोनिया आदि समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में शुरुआत में ही सावधानी बरतनी जरूरी है। लोगों को लगता है कि शरीर की सफाई और घर की सफाई सेहत के लिए काफी है। लेकिन घर की सफाई के साथ-साथ शरीर के अंदरूनी अंगों की सफाई भी बेहद जरूरी है। आज हम बात कर रहे हैं फेफड़ों की सफाई की और सांस की नली को स्वस्थ रखने की। बता दें कि पल्मोनरी हाइजीन के माध्यम से आपके बेहद काम आ सकता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि पल्मोनरी हाइजीन क्या है? इसका इस्तेमाल कब किया जाता है? साथ ही घर पर रहकर हम कैसे पल्मोनरी हाइजीन विधि को अपना सकते हैं। पढ़ते हैं आगे...

 

पल्मोनरी हाइजीन क्या है?

बता दें कि पल्मोनरी हाइजीन का मतलब है, फेफड़ों की सफाई। हमारे फेफड़ों में कफ जम जाता है, जिसे बाहर निकालने के लिए पल्मोनरी हाइजीन आपके बेहद काम आ सकता है। पल्मोनरी हाइजीन के माध्यम से फेफड़ों में कंजेशन की समस्या को भी दूर किया जा सकता है। इससे संबंधित और जानकारी पाने के लिए यहां क्लिक करें...

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पल्मोनरी हाइजीन का इस्तेमाल कब किया जाता है? 

पल्मोनरी हाइजीन आमतौर पर कई समस्याओं जैसे- ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, सीओपीडी यानि क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज (Chronic obstructive pulmonary disease), अस्थमा, सायटिक फाइब्रोसिस आदि होने पर इस्तेमाल की जाती है।

पल्मोनरी हाइजीन को करने का तरीका

1 - हफिंग एक्सरसाइज के माध्यम से : हफिंग (Huffing) एक प्रकार की एक्सरसाइज होती है, जिसका उपयोग घर पर किया जा सकता है। इस व्यायम में व्यक्ति गहरी लंबी सांस लेता है और फिर उस सांस  को उतनी ही गहराई के साथ बाहर छोड़ता है। यह प्रक्रिया बहुत जल्दी-जल्दी की जाती है। वहीं इस एक्सरसाइज को करने का एक और तरीका भी है। इसका दूसरा तरीका है छोटी-छोटी सांस लेकर जल्दी-जल्दी छोड़ना। जैसे हम हांफते वक्त करते हैं। हफिंग एक्सरसाइज से फेफड़ों को स्वस्थ रखा जा सकता है ।साथ ही व्यक्ति सांस की नली को भी स्वस्थ रख सकता है।

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2 - ब्रीदिंग एक्सरसाइज के माध्यम से : ब्रीथिंग एक्सरसाइज बेहद आसाना और आसानी से घर पर होने वाली एक्सरसाइज है। आपने अनुलोम विलोम योगासन के बारे में तो सुना ही होगा। ब्रीदिंग के लिए इससे अच्छा विकल्प और कुछ नहीं हो सकता। ऐसे में यदि नियमित रूप से अनुलोम-विलोम किया जाए तो कफ की समस्या से छुटकारा मिल सकता हैं। और लंग्स भी मजबूत होते हैं। अनुलोम विलोम करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और उसके बाद अपनी एक उंगली से बाई तरफ की नाक को बंद करें और फिर दाहिने नाक से सांस लें। अब थोड़ी देर सांस को रोक कर रखें। उसके बाद दूसरी तरफ से सांस को बाहर छोड़ दें। इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं। ऐसा करने से फेफड़ों को स्वस्थ रखा जाता है। 

3 - ऑक्सीजन मास्क के जरिए : ऑक्सीजन मास्क के जरिए फेफड़ों के अंदर कंजेशन को दूर किया जाता है। इस स्थिति को पोस्टयूरल ड्रेनेज (Postural drainage) कहते हैं। आक्सीजन मास्क के जरिये व्यक्ति खुद भी इस प्रक्रिया को कर सकता है।

नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि पल्मोनरी हाइजीन फेफड़ों की अच्छे स्वास्थ्य के साथ सांस की नली को साफ रखने में भी मददगार है। ऐसे में घर पर रहकर कुछ तरीकों को अपनाकर पलमोनरी हाइजीन को किया जा सकता है। लेकिन ऊपर बताई एक्सरसाइज या तरीकों को अपनाकर अगर कोई दिक्कत महसूस हो तो तुरंत एक्सपर्ट से संपर्क करें।  

इस लेख में फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।

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