हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहे। लेकिन जब कोई बच्चा बार-बार बिस्तर गीला करता है, तो यह माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन जाता है। 5 साल की उम्र के बाद भी अगर बच्चा नियमित रूप से बिस्तर गीला कर रहा है, तो यह केवल एक आदत नहीं बल्कि किसी गहरे मनोवैज्ञानिक कारण की ओर इशारा कर सकता है। इस समस्या को मेडिकल भाषा में नोक्रसिस (Nocturnal Enuresis) कहा जाता है। यह समस्या बच्चों में सामान्य होती है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बनी रहे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद ने बताया कि कई बार पैरेंट्स इसे शरारत, आलस या आदत मानकर डांटते हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है। दरअसल, बच्चे का बार-बार पेशाब कर देना उसके मन में चल रहे किसी डर, तनाव या असुरक्षा की भावना का संकेत हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि हम इसके मनोवैज्ञानिक कारणों को समझें और धैर्य से इसका इलाज करें। इस लेख में हम जानेंगे कि बेडवेटिंग के पीछे कौन-कौन से मानसिक कारण हो सकते हैं और पैरेंट्स को इससे कैसे निपटना चाहिए।
1. तनाव और चिंता से जुड़ा हो सकता है बेडवेटिंग- Bedwetting Can Be Linked to Stress and Anxiety
बच्चे के जीवन में होने वाले अचानक बदलाव- जैसे स्कूल का बदलना, माता-पिता का झगड़ा, नया भाई या बहन आना, उसे मानसिक रूप से परेशान कर सकते हैं। इस तनाव का असर उनके मन पर पड़ता है और वे सोते समय पेशाब कर देते हैं। कई बच्चे अपने डर या बेचैनी को शब्दों में नहीं कह पाते और वह उनके व्यवहार में प्रकट होता है।
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2. डर या भय से जुड़ी मानसिक प्रतिक्रियाएं- Fear Induced Psychological Reactions
कुछ बच्चों को अंधेरे का डर, अकेले सोने की घबराहट या किसी अनजाने खतरे की आशंका होती है। ये भय दिमाग में इतनी गहराई से बैठ जाते हैं कि नींद में उनकी शारीरिक प्रतिक्रिया के रूप में पेशाब हो जाता है। यह मनोवैज्ञानिक डर, बिस्तर गीला करने का कारण बन सकता है।
3. आत्मविश्वास की कमी और शर्मिंदगी- Low Self-Esteem and Guilt
बेडवेटिंग के बाद अगर बच्चे को बार-बार टोका जाए, तो वह खुद को दोषी मानने लगता है। यह आत्म-सम्मान को प्रभावित करता है और मन में निराशा और भय पैदा करता है। इस स्थिति में बच्चा और भी ज्यादा मानसिक दबाव में आ जाता है, जिससे समस्या बनी रहती है या और बढ़ जाती है।
4. असुरक्षा की भावना भी हो सकती है कारण- Feeling of Insecurity Can Trigger Bedwetting
अगर बच्चा घर में रहकर नजरअंदाज करने जैसा व्यवहार महसूस करता है या उसे लगता है कि उसे प्यार या ध्यान नहीं मिल रहा है, तो वह खुद को असुरक्षित महसूस करता है। यह असुरक्षा बेडवेटिंग (Bedwetting) के रूप में सामने आ सकती है। माता-पिता का बहुत सख्त रवैया या तुलना करना भी इसका कारण बन सकता है।
5. डांटना भी बन सकता है कारण- Scolding or Shaming Can Worsen Situation
बच्चे को बार-बार डांटना, सबके सामने शर्मिंदा करना या ताने देना उसके आत्मविश्वास को कमजोर करता है। इससे बच्चा और ज्यादा डरा-सहमा रहता है, और बेडवेटिंग की समस्या और बढ़ जाती है। ऐसे में मदद और सेंसिटिविटी ही कारगर उपाय है।
बच्चे की मदद कैसे करें?- How to Help Bedwetting Child
- बच्चे से नाराज न हों, उसे समझाएं कि यह सामान्य बात है।
- रात में सोने से पहले लिक्विड इनटेक सीमित करें।
- पॉजिटिव व्यवहार रखें, जैसे रात में ड्राई रहने पर बच्चे की तारीफ करना या छोटा इनाम देना।
- बच्चे के सोने का समय तय करें और टॉयलेट जाने की आदत डालें।
- अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो मनोवैज्ञानिक से सलाह लें।
बच्चों का बार-बार बिस्तर गीला करना केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक वजहों से भी हो सकता है। इसका इलाज दवा से नहीं, धैर्य, प्यार और समझ से किया जा सकता है। बच्चे के साथ बात करें, उसका डर दूर करें और जरूरत हो, तो प्रोफेशनल मदद लें।
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image credit: craftedbeds.co.uk, kidsclinic.sg
FAQ
बच्चे को रात में बार-बार पेशाब आने का क्या कारण है?
रात में बार-बार पेशाब आना मानसिक तनाव, यूरिनरी ब्लैडर की कमजोरी, गहरी नींद या हार्मोन असंतुलन का संकेत हो सकता है। ज्यादा तरल पदार्थ पीना भी इसका कारण हो सकता है। स्थिति लंबे समय तक रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करें।नींद में पेशाब करने की बीमारी का इलाज क्या है?
नींद में पेशाब करने पर बच्चे की दिनचर्या सुधारना, रात में तरल पदार्थ कम देना, पॉजिटिव रहना और जरूरत पड़ने पर मनोवैज्ञानिक की मदद लेना जरूरी है। कुछ मामलों में डॉक्टर की सलाह से दवाएं भी दी जाती हैं।बच्चे बिस्तर गीला करे तो क्या करें?
बच्चे को डांटें नहीं, उसे प्यार और समझ से समझाएं। सोने से पहले वॉशरूम भेजें, बिस्तर प्रोटेक्शन शीट लगाएं और ड्राई रातों पर उसकी तारीफ करें। जरूरत हो, तो डॉक्टर या काउंसलर से सलाह लें।