
छोटे बच्चे अक्सर रात को सोते समय नींद में ही पेशाब कर लेते हैं और बिस्तर को गीला कर देते हैं। जन्म से लेकर 2 साल के बच्चों का बिस्तर गीला करना एक आम प्रक्रिया है। दरअसल, छोटे बच्चों का मूत्राशय इतना विकसित नहीं होता है कि उसमें सारा मूत्र जमा हो सके। साथ ही, जन्म के बाद बच्चे का दिमाग बच्चों को यह संकेत नहीं देता कि जब उसका मूत्राशय भर गया है और उसे मूत्र त्याग करने के लिए विशेष स्थान पर जाना चाहिए। यही कारण है कि बच्चा नींद में सोते हुए ही बिस्तर को गीला कर देते हैं।
लेकिन कई बार पेरेंट्स बच्चों के बिस्तर गीला करने की समस्या से परेशान हो जाते हैं। बच्चे का बिस्तर गीला करना कब चिंता का विषय बन जाता है और पेरेंट्स को बच्चे के बिस्तर गीला करने पर क्या उपाय अपनाने चाहिए, आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए हमने नोएडा स्थित मदरहुड हॉस्पिटल के वरिष्ठ बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप कुमार से बात की।
बच्चे का बिस्तर गीला करना कब है चिंता का विषय
डॉ. संदीप कुमार का कहना है कि जन्म के बाद शिशु का बिस्तर पर ही पेशाब करना बहुत ही आम बात है। जन्म के बाद शिशु बहुत ही कम समय में और पेशाब करते हैं, क्योंकि इस समय उनका दिमाग इतना विकसित नहीं होता है कि वह पेशाब त्याग करने का संकेत दे सके। डॉक्टर ने बताया, "माता-पिता को आमतौर पर पांच या छह साल की उम्र से पहले बच्चे के बिस्तर गीला करने पर चिंतित नहीं होना चाहिए, क्योंकि मूत्राशय पर नियंत्रण धीरे-धीरे विकसित होता है और बच्चों में यह अलग-अलग होता है।"
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हालांकि, अगर सात साल की उम्र के बाद भी बिस्तर गीला करना लगातार जारी रहता है, तो माता-पिता को डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर ने कहा कि इस समय, किसी बाल रोग विशेषज्ञ से बात करना फायदेमंद हो सकता है ताकि इस समस्या का पता लगाया जा सके, आखिरकार बच्चे के बिस्तर पर नींद में पेशाब करने की वजह क्या है।
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क्या बच्चे का बिस्तर गीला करना बीमारी का संकेत हो सकता है?
डॉ. संदीप का कहना है कि बच्चे का बिस्तर गीला करना कुछ मामलों में गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इनमें शामिल है:
मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई)
डायबिटीज
क्रोनिक कब्ज
स्लीप एपनिया, जिसमें बच्चे की नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट होती है
तंत्रिका संबंधी समस्याएं जो मूत्राशय नियंत्रण को प्रभावित करती हैं, जैसे रीढ़ की हड्डी की असामान्यताएं।
इसके अलावा, बिस्तर गीला करने की संभावना आनुवंशिक कारणों से भी प्रभावित हो सकती है। आसान भाषा में कहें तो अगर माता-पिता में से किसी एक को एन्यूरेसिस है, तो 44% संभावना है कि उनके बच्चे को भी यह हो जाएगा। अगर माता-पिता दोनों को एन्यूरेसिस है, तो उनके बच्चे के लिए जोखिम 77% तक बढ़ जाता है।
बच्चों को बिस्तर गीला करने से कैसे रोके?
डॉ. संदीप का कहना है कि अगर 2 साल की उम्र के बाद भी बच्चा नींद में से उठकर पेशाब करने नहीं जा रहा है और बिस्तर गीला कर देता है, तो पेरेंट्स नीचे बताए गए टिप्स को अपना सकते हैं।
- बच्चों को शाम के समय शुगर वाले ड्रिंक्स, नमकीन स्नैक्स, और कैफीन वाले फूड व ड्रिंक्स देने से बचें। इनके सेवन से बच्चे को रात को सोते समय अधिक पेशाब आ सकता है। उदाहरण के लिए आपके बच्चे के रात को सोने का समय 10 बजे का है, तो उसे 8 बजे से ही तरल पदार्थ देना बंद कर दें।
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- बच्चे को रात में पेशाब न आए या कम आए इसके लिए उसे रात को सोने से पहले पेशाब करवा दें। ऐसा करने से बच्चा नींद में बिस्तर को गीला नहीं करेगा।
डॉक्टर का कहना है बच्चे का नींद में सोते हुए बिस्तर गीला करना एक आम प्रक्रिया है। इसके लिए बार-बार बच्चों को डांटने से बचें। इस स्थिति में अगर आप बच्चों को डांटते हैं, तो यह उनके दिमाग पर नेगेटिव इफेक्ट डालता है और उन्हें इससे परेशानी हो सकती है।
Image Credit: Freepik.com
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