Ayurvedic Tips To Treat Bedwetting: जब बच्चा छोटा होता है, तो बिस्तर पर पेशाब करना सामान्य होता है। क्योंकि वे उस दौरान पेरेंट्स को इशारा नहीं कर पाते हैं कि उन्हें पेशाब आ रहा है, लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं वे अपनी बात पेरेंट्स संकेत देना शुरू कर देते हैं और उनकी बिस्तर में पेशाब करने की समस्या भी दूर हो जाती है। लेकिन अक्सर कुछ बच्चों के साथ यह समस्या देखने को मिलती है कि वे बड़े होने के बाद भी उनकी बिस्तर में पेशाब करने की आदत नहीं छूटती है। कुछ बच्चे तो 5-7 साल के होने के बाद भी बिस्तर में ही पेशाब कर देते हैं। आपको बता दें बच्चा ऐसा जानबूझकर ऐसा नहीं करता है, यह समस्या बच्चों में कुछ मेडिकल स्थितियों के कारण देखने को मिलती है। बिस्तर गीला करने की इस समस्या को नाइटटाइम इनकॉन्टिनेंस (Nighttime Incontinence) या नॉकटर्नल एनुरेसिस (nocturnal enuresis) भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है सोते समय बिना इरादा किए पेशाब कर देना। लेकिन अक्सर पेरेंट्स बच्चे की बिस्तर गीला करने की आदत को लेकर काफी चिंतित महसूस करते हैं। वे इससे छुटकारा पाने के लिए कई उपाय भी करते हैं, लेकिन फिर भी उनका बच्चा बिस्तर गीला करना बंद नहीं करता है।
क्या आप जानते हैं आयुर्वेद की मदद से आप कुछ सरल टिप्स को फॉलो करके बच्चे की बिस्तर गीला करने की स्थिति में सुधार कर सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. अर्पणा पद्मानाभन ( Senior Physician- BAMS,MD,PhD Ayurveda ( ITRA-Jamnagar) ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बच्चे की बिस्तर गीला करने की समस्या का इलाज करने के लिए कुछ सरल टिप्स शेयर किए हैं, जिन्हें सिर्फ कुछ समय तक फॉलो करने से ही जल्दी बच्चों की समस्या दूर हो सकती है। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
बिस्तर में पेशाब करने का आयुर्वेदिक इलाज- Ayurvedic Tips To Treat Bedwetting In Children In Hindi
आयुर्वेद में बिस्तर गीला करने की समस्या को शय्यामूत्र (Shayyamutra) कहा जाता है। डॉ. अर्पणा के अनुसार, "आम तौर पर, 7 साल की उम्र से पहले बच्चे का बिस्तर गीला करना चिंता का विषय नहीं है। इस उम्र में, आपका बच्चा अभी भी रात में मूत्राशय पर नियंत्रण विकसित करना सीख रहा होता है। लेकिन अगर आपका बच्चा 7 साल की उ्र के बाद भी लगातार रात में बिस्तर गीला करता है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है, ऐसे में धैर्य और समझदारी से समस्या का समाधान करें। जीवनशैली में बदलाव, मूत्राशय प्रशिक्षण, नमी अलार्म और कभी-कभी दवा बिस्तर गीला करने की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है।" लेकिन कुछ स्थितियों में आपको डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए जैसे,
- आपका बच्चा 7 साल की उम्र के बाद भी बिस्तर गीला करता है।
- आपका बच्चा कुछ महीनों तक रात में बिस्तर सूखने के बाद गीला करना शुरू कर देता है।
- बिस्तर गीला करने के अलावा, आपके बच्चे को पेशाब करते समय दर्द होता है, अधिक प्यास लगती है, गुलाबी या लाल रंग का पेशाब आता है, मल कठोर होता है या खर्राटे आते हैं।
View this post on Instagram
बिस्तर में पेशाब करने की समस्या दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय- Ayurveda Tips For Bedwetting In Hindi
- बच्चो को सोने से 3 घंटे पहले तरल पदार्थ कम दें
- बच्चो को सोने से पहले पेशाब करने के लिए प्रोत्साहित करें
- बच्चे को कृमिनाशक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां दें
- बच्चों को चिढ़ाए नहीं
- 15 के लिए बच्चे को कुंदरू की जड़ का 2 मि.ली. अर्क 1/2 चम्मच शहद के साथ दें।
- बच्चे को चुटकी भर हल्दी और 2 चुटकी आंवला पाउडर, शहद के साथ दिन में दो बार 21 दिन तक दें।
- बच्चे को मिठाइयां और मीठे फूड्स देना सीमित करें।
- बच्चे के नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करने के लिए नाड़ी शोधन और ब्रह्मारी प्राणायाम का अभ्यास कराएं।
इन टिप्स को एक अच्छे आयुर्वेदाचार्य के मार्गदर्शन में फॉलो करें, आपको 2-3 महीनों में भी बेहतरीन परिणाम देखने को मिलेंगे।
All Image Source: Freepik