Psoriatic Arthritis Symptoms on Hands: सोरियाटिक अर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis - PSA) एक प्रकार का गठिया है जो की समस्या सोरायसिस से जुड़ा होता है। सोरायसिस की वजह से स्किन पर लाल, पपड़ीदार पैच बनता है, जबकि सोरियाटिक अर्थराइटिस जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न पैदा करता है। सोरियाटिक अर्थराइटिस किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर 30 से 50 वर्ष की उम्र के बीच इसका खतरा ज्यादा रहता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, सोरियाटिक अर्थराइटिस होने पर हाथ, उंगलियों और नाखून पर दिखने वाले लक्षणों के बारे में।
हाथ, उंगलियों और नाखून पर सोरियाटिक अर्थराइटिस के लक्षण
सोरियाटिक अर्थराइटिस के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। इसके लक्षणों को सही समय पर पहचान कर उचित कदम उठाने से आप इसका गंभीर रूप से शिकार होने से बच सकते हैं। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, “सोरियाटिक अर्थराइटिस होने पर हाथ, उंगलियों और नाखूनों पर कई संकेत दिखाई देते हैं। इन संकेतों को सही समय पर पहचान कर इलाज जरूर लेना चाहिए।”
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सोरियाटिक अर्थराइटिस के कुछ मुख्य लक्षण इस तरह से हैं-
जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न: यह आमतौर पर हाथों, पैरों, रीढ़ और कूल्हों में होता है। दर्द आमतौर पर सुबह के समय अधिक तेज होता है और हिलने-डुलने से थोड़ा कम हो सकता है।
सूजनग्रस्त टेंडन और लिगामेंट: कभी-कभी जोड़ों के आसपास के टेंडन और लिगामेंट भी सूज सकते हैं, जिससे दर्द और कोमलता हो सकती है।
उंगलियों में सूजन: कुछ मामलों में, उंगलियां और पैर की अंगुलियां सूज सकती हैं और सॉसेज जैसी दिख सकती हैं।
थकान: सोरियाटिक अर्थराइटिस से लगातार थकान महसूस हो सकती है।
हाथ के स्किन की समस्या: लगभग 80% लोगों को जो सोरियाटिक अर्थराइटिस से पीड़ित होते हैं, उन्हें सोरायसिस की स्किन से जुड़ी समस्याएं भी होती हैं। ये लाल, पपड़ीदार पैच आमतौर पर घुटनों, कोहनी, खोपड़ी और पीठ के निचले हिस्से पर दिखाई देते हैं।
नाखून: सोरियाटिक अर्थराइटिस नाखूनों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे नाखून खुरदुरे, गड्डेदार हो सकते हैं या उनका रंग बदल सकता है। नाखून के नीचे भी सूजन हो सकती है, जिससे नाखून टूट सकते हैं या अलग हो सकते हैं।
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सोरियाटिक अर्थराइटिस के प्रकार
सोरियाटिक अर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें सबसे आम हैं-
- अक्षीय स्पोंडिलोआर्थराइटिस (Axial Spondyloarthritis): यह रीढ़ को प्रभावित करता है और पीठ के निचले हिस्से में दर्द और जकड़न पैदा कर सकता है।
- परिधीय सोरियाटिक अर्थराइटिस (Peripheral Psoriatic Arthritis): यह हाथों, पैरों और पैर की उंगलियों को प्रभावित करता है।
- एंटरोपैथिक सोरियाटिक अर्थराइटिस (Enteropathic Psoriatic Arthritis): यह आंतों को प्रभावित करता है और दस्त, पेट दर्द और वजन कम होने का कारण बन सकता है।
- डिस्टल इंटरफालेंजियल जोड़ गठिया (Distal Interphalangeal Joint Arthritis): यह मुख्य रूप से हाथों और पैरों के सबसे दूर के जोड़ों को प्रभावित करता है, जिन्हें डिस्टल इंटरफालेंजियल जोड़ (Distal Interphalangeal Joint) कहते हैं।
सोरियाटिक अर्थराइटिस के कारण
सोरियाटिक अर्थराइटिस का सटीक कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है। इसके कुछ प्रमुख कारण ये हैं
- आनुवांशिकी
- लाइफस्टाइल
- पुरानी बीमारी
सोरियाटिक अर्थराइटिस की रोकथाम
सोरियाटिक अर्थराइटिस को रोकने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखें-
वजन कंट्रोल: अधिक वजन या मोटापा सोरियाटिक अर्थराइटिस के जोड़ों पर दबाव बढ़ा सकता है और लक्षणों को बदतर बना सकता है। कम वजन होने पर आपके जोड़ों पर दबाव कम हो सकता है और लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
नियमित व्यायाम करें: व्यायाम जोड़ों को लचीला रखने और मजबूत बनाने में मदद करता है। यह दर्द को कम करने और जोड़ों के कार्य में सुधार करने में भी मदद कर सकता है। कम प्रभाव वाले व्यायाम, जैसे कि तैराकी या चलना, सोरियाटिक अर्थराइटिस वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकते हैं।
धूम्रपान न करें: धूम्रपान सोरियाटिक अर्थराइटिस के लक्षणों को बदतर बना सकता है और इससे जटिलताएं होने का खतरा भी बढ़ सकता है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ने से आपके समग्र स्वास्थ्य और आपके सोरियाटिक अर्थराइटिस के प्रबंधन में सुधार हो सकता है।
इसके अलावा हेल्दी डाइट जैसे संतृप्त वसा और प्रसंस्कृत फूड्स को कम करने और फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने से सूजन को कम करने और स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद मिलती है। सोरियाटिक अर्थराइटिस के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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