Smoking Cause Arthritis: आधुनिक जीवनशैली में स्मोकिंग का चलन तेजी से बढ़ा है। आज के समय में सबसे ज्यादा युवा स्मोकिंग का शिकार हो चुके हैं। युवाओं में स्मोकिंग का बढ़ता चलन चिंताजनक है। स्मोकिंग करने से न सिर्फ आपके फेफड़े और हार्ट को नुकसान पहुंचता है, बल्कि इससे शरीर के कई अन्य अंगों को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है। बहुत ज्यादा धूम्रपान करने वाले लोगों में हड्डियों से जुड़ी गंभीर बीमारी का खतरा रहता है। स्मोकिंग करने से आप अर्थराइटिस या गठिया जैसी गंभीर समस्या का शिकार हो सकते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, स्मोकिंग की वजह से होने वाली समस्याओं से बचाव के उपाय।
क्या स्मोकिंग करने से गठिया की बीमारी हो सकती है?- Can Smoking Cause Arthritis in Hindi
अर्थराइटिस या गठिया एक गंभीर बीमारी है। जिसकी वजह से हड्डियों और जोड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। स्मोकिंग करने वाले लोगों में गठिया और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। बाबू ईश्वर शरण अस्पताल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं,"स्मोकिंग या धूम्रपान करने से निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड समेत कई जहरीले तत्व शरीर में जाते हैं। ये तत्व शरीर में पहुंचकर भीतर होने वाले केमिकल रिएक्शन को प्रभावित करते हैं, जिससे जोड़ों और हड्डियों को गंभीर नुकसान पहुंचता है। यही स्थिति आगे चलकर गठिया या अर्थराइटिस जैसी गंभीर समस्या का कारण बनती है।"
इसे भी पढ़ें: स्मोकिंग करने से सिर्फ फेफड़े ही नहीं पेट को भी पहुंचता है गंभीर नुकसान, जानें बचाव
स्मोकिंग और अर्थराइटिस में संबंध
अब आइए यह समझते हैं कि धूम्रपान कैसे आर्थराइटिस के लिए एक बड़ा कारण बन सकता है-
1. जहरीले केमिकल: सिगरेट के धुएं में निकोटीन, कार्बन मोनोक्साइड समेत कई अन्य रासायनिक तत्व होते हैं, जो शरीर में रसायनिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करते हैं। इसकी वजह से हड्डियों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
2. तांत्रिक तंत्र को नुकसान: निकोटीन और धुएं से निकालने वाले अन्य हानिकारक तत्व शरीर के तंत्रिका तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इसकी वजह से जोड़ों पर भी बुरा असर पड़ता है और गठिया का खतरा बढ़ जाता है।
3. ऊतकों को नुकसान: स्मोकिंग करने से जोड़ों के ऊतकों को गंभीर नुकसान पहुंचता है। इसकी वजह से अर्थराइटिस का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
कैसे करें बचाव?
डॉक्टर यह सलाह देते हैं, कि स्मोकिंग के दुष्प्रभावों से बचने के लिए सबसे पहले स्मोकिंग से दूरी बना लें। स्मोकिंग छोड़ने के बाद आपके शरीर पर इसका सकारात्मक असर दिखने लगता है। धूम्रपान छोड़ने से अर्थराइटिस के खतरे को कम करने में भी मदद मिलती है। ऐसे लोग जो लंबे समय से स्मोकिंग करते हैं, उनमें रूमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा कई गुना ज्यादा रहता है।
इसे भी पढ़ें: स्मोकिंग की वजह से सिर्फ फेफड़े ही नहीं रीढ़ की हड्डी में भी होती हैं दिक्कतें, जानें बचाव
अगर आपको स्मोकिंग छोड़ने में दिक्कत हो रही है, तो आप किसी डॉक्टर या एक्सपर्ट की सहायता ले सकते हैं। डॉक्टर और एक्सपर्ट आपको स्मोकिंग छोड़ने में मदद करने वाली थेरेपी का सुझाव दे सकते हैं। इसके अलावा खानपान और जीवनशैली में जरूरी बदलाव करने से भी स्मोकिंग छोड़ने में मदद मिलती है।
(Image Courtesy: freepik.com)