डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई अन्य तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। डिलीवरी के बाद महिलाओं को अपने और नवजात शिशु के स्वास्थ्य के लिए कई सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। इस दौरान उनको ब्रेस्ट में इंफेक्शन का जोखिम भी हो सकता है। इस दौरान होने वाले ब्रेस्ट इंफेक्शन को मैस्टाइटिस (Mastitis) कहते हैं। यह हाल ही मां बनने वाली महिलाओं के परेशानी का कारण बन सकता है। यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन (Breast Infection) होता है, इसमें बैक्टीरिया ब्रेस्ट टिश्यू में प्रवेश करते हैं। इससे ब्रेस्ट में सूजन, जलन, दर्द या फोड़ा हो सकता है। अधिकतर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को मैस्टाइटिस का जोखिम रहता है। लेकिन, समय पर इसके लक्षणों को पहचानकर और पहले से ही बचाव उपायों को अपनाकर आप डिलीवरी के बाद होने वाले ब्रेस्ट इंफेक्शन से बचाव कर सकती हैं। इस लेख में साईं पॉलीक्लीनिक की सीनियर गाइनोक्लॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट इंंफेक्शन से बचने के लिए क्या उपाय (Prevention Tips for Postpartum Breast Infection) अपनाने चाहिए।
डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए उपाय - Prevention Tips For Postpartum Breast Infection In Hindi
ब्रेस्टफीडिंग कराते समय स्वच्छता बनाएं रखें
डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग कराते समय स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए। बच्चे को दूध पिलाने से पहले हाथों को धोएं। यह निप्पल में बैक्टीरिया (Bacterial infection) के संपर्क होने की संभावना कम करता है। साथ ही, ब्रेस्ट को साफ और सूखा रखें। दूध पिलाने के बाद तुरंत ब्रेस्ट कवर न करें, इसे थोड़ी देर हवा में सूखने दें। दरअसल, नमी में बैक्टीरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। नमी से बचने के लिए आप ब्रेस्ट पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग में एक ब्रेस्ट को पूरा खाली करें
ब्रेस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए महिलाओं को बच्चे को दूध पिलाते समय एक बार में एक ब्रेस्ट का मिल्क पूरा खाली करना चाहिए। इससे स्तनों में पड़ने वाला दबाव कम होता है। साथ ही, दूध बनने और खाली होने की प्रक्रिया में सुधार होता है। इससे इंफेक्शन और अन्य समस्याओं का जोखिम भी कम होता है।
कैमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें
ब्रेस्टफीड कराते समय कई बार महिलाएं साफ सफाई के बेस्ट और निप्पल को साबुन या अन्य कैमिकल युक्त प्रोडक्ट (avoid chemical based products) से साफ करती हैं। जबकि, महिलाओं को ऐसा नहीं करना चाहिए, इससे निप्पल में इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट संवेदनशील हो जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद निप्पल में नेचुरली रूप से चिकनाई बनती है, जो बच्चे को दूध पीने में मदद करती है।
सूजन से करें बचाव
यदि, बच्चा सही समय के अंतराल में दूध नहीं पीता है, या महिला को ज्यादा समय के लिए बच्चे के दूर होना पड़ता है, तो ऐसे में ब्रेस्ट में मिल्क स्टोर होने लगता है। इससे ब्रेस्ट पर दबाव पड़ता है और यह सूजन का कारण बन सकता है। इससे बचने के लिए आप समय-समय पर बच्चे को दूध पिलाती रहें। यदि, आप बच्चे से दूर हैं, तो ऐसे में पंपिंग की मदद (use breast pump) से ब्रेस्ट मिल्क को निकाल सकती हैं। दूध पिलाने से पहले ब्रेस्ट में हल्की मसाज कर सकती हैं।
हाइड्रेट रहें
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को अतिरिक्त तरह की आवश्यकता होती है। ऐसे में पानी की कमी की वजह से उनके ब्रेस्ट में गांठ और सूजन होने की संभावना हो सकती है। इससे बचने के लिए और शरीर के द्वारा दूध बनाने की प्रक्रिया को सुचारू करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी या तरल पदार्थ का सेवन (Drink Water) करें।
इसे भी पढ़ें: ब्रेस्ट के आसपास इंफेक्शन हो गया? इसे दूर करने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय
Prevention Tips For Postpartum Breast Infection: इस दौरान घर के सदस्यों से मदद मांगने में संकोच न करें। घर की बुजुर्ग महिलाओं के साथ अपनी समस्या को शेयर करें। यदि, ब्रेस्टफीडिंग कराते समय ज्यादा परेशानी हो रही है, तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version