
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को ब्रेस्ट से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान महिलाओं को ब्रेस्ट में दर्द, सूजन और संक्रमण होने का जोखिम अधिक रहता है। इस स्थिति को मैस्टाइटिस (Mastitis) कहते हैं। यह संक्रमण किसी भी महिला को हो सकता है, लेकिन अधिकतर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को यह समस्या हो सकती है। जब बच्चा स्तनपान करता है तो उसके मुंह में मौजूद बैक्टीरिया से ब्रेस्ट के संपर्क में आ सकते है, जो आगे चलकर संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इसे ही लैक्टेशन मैस्टाइटिस कहा जाता है। आगे अशोक नगर स्थिति साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइनोक्लॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ब्रेस्ट इंफेक्शन होने के क्या कारण हो सकते है। साथ ही, इसके लक्षण और इलाज कर सकते हैं।
ब्रेस्ट इंफेक्शन होने के लक्षण - Symptoms Breast Infection During Breastfeeding in Hindi
इस दौरान महिलाओं को ब्रेस्ट से जुड़े कई लक्षण देखने को मिल सकते हैं। आगे इस दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में बताया गया है।
- ब्रेस्ट में सूजन होना
- ब्रेस्ट को छूने में दर्द होना
- ब्रेस्ट में गांठ बनना
- ब्रेस्टफीडिंग कराते समय दर्द और जलन होना
- ठंड लगना
- स्तन की स्किन में लालिमा होना
- सुस्ती आना, आदि।
ब्रेस्टफीडिंग में ब्रेस्ट इंफेक्शन के कारण - Causes Of Breast Infection During Breastfeeding In Hindi
मैस्टाइटिस का सबसे आम कारण हाइपरलैक्टेशन या दूध की अधिक आपूर्ति है। ब्रेस्टफीडिंग के दूध की अधिकता के कारण इस तरह का संक्रमण हो सकता है। इसमें दूध अधिक बनने की वजह से दूध की नलिकाओं (Milk Duct) में दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से नलिकाएं सिकुड़ जाती है। इससे ब्रेस्ट में सूजन आ जाती है, इसकी वजह से ब्रेस्ट को छूने में दर्द होने लगता है। इन्फ्लेमेटरी मैस्टाइटिस बैक्टीरियल इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। कई बार ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन से फोड़ा हो सकता है। इसमें फोड़े के अंदर लिक्विड भरा होता है, जिसे डॉक्टर द्वारा निकाला जाता है।
ब्रेस्टफीडिंग में ब्रेस्ट इंफेक्शन का इलाज कैसे किया जाता है - Treatment Of Breast Infection During BreastFeeding In Hindi
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाले ब्रेस्ट इंफेक्शन में डॉक्टर कुछ दिनों के लिए एंटीबायोटिक्स मेडिसिन दे सकते हैं। इन मेडिसिन से अधिकतर महिलाओं को दो से तीन दिनों के अंदर ही आराम आने लगता है। इस समस्या में महिलाओं को बिना डॉक्टरी सलाह के दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह से ली जाने वाली दवाओं के बाद भी महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग करा सकती हैं। लेकिन, यदि बच्चा ब्रेस्टफीडिंग नहींं कर रहा है तो इस स्थिति में आप महिलाएं पंप की मदद से एक्स्ट्रा मिल्क बाहर निकाल सकती हैं।
यदि, ब्रेस्ट इंफेक्शन के साथ फोड़ा हो गया है, तो इस दौरान डॉक्टर फोड़े को सुखाने के लिए कुछ दवाएं दे सकते हैं। इससे इंफेक्शन के इलाज में तेजी आती है।
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ब्रेस्ट में होने वाले इंफेक्शन का समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। इस दौरान महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग कराते समय दर्द और जलन महसूस हो सकती है। इसके लक्षण दिखाई देने पर आप तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें।
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