ब्लड प्रेशर के लिए प्राणायाम: हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) कंट्रोल में रखने के लिए करें ये 4 प्राणायाम

pranayam for high bp: हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आजकल बढ़ती जा रही है। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए आप कुछ प्राणायाम कर सकते हैं। जानें बीपी के लिए प्राणायाम-
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ब्लड प्रेशर के लिए प्राणायाम: हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) कंट्रोल में रखने के लिए करें ये 4 प्राणायाम

pranayam to Control Blood Pressure: आजकल हाई ब्लड प्रेशर की समस्या सभी आयु वर्ग के लोगों में देखने को मिल रही है। इसे हाइपरटेंशन और साइलेंट किलर भी कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) के रोगियों को हृदय रोग (heart disease) और स्ट्रोक का अधिक खतरा होता है। इसके मरीजों को बीपी कंट्रोल में रखने के लिए दवाइयां खानी पड़ती है। आप चाहें तो इसके साथ ही नियमित रूप से कुछ खास प्राणायाम भी कर सकते हैं। इससे आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहेगा। हृदय रोगों से भी आपका बचाव होगा।

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण (High blood pressure symptoms)

उच्च रक्तचाप होने पर सांस लेने में कठिनाई, थकान महसूस होना, सिर दर्द, चक्कर आना और सीने में दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसे में इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। यह हृदय रोगों को कारण बन सकता है।

pranayam for high bp

हाई ब्लड प्रेशर के कारण (High blood pressure  causes)

आजकल की खराब जीवनशैली, खान-पान या आहार, मोटापा, धूम्रपान उच्च रक्तचाप के कारण हो सकते हैं। इसके अलावा असक्रिय जीवनशैली भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण हो सकता है। इसलिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम जरूरी है। आप चाहें तो ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने के लिए योग का सहारा भी ले सकते हैं। योग कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। यह तनाव दूर करता, साथ ही हाई ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद करता है। अगर आप योग के जरिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो नियमित रूप से 4 प्राणायाम कर सकते हैं। अनुलोम-विलोम, शीतली प्राणायाम ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए काफी लाभकारी है। जानें ब्लड प्रेशर के लिए प्राणायाम (Pranayam for high bp)-

हाई ब्लड प्रेशर के लिए प्राणायाम (pranayam for high bp in hindi)

आयुर्वेद में योग को अहम स्थान दिया गया है। नियमित रूप से योग करके प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। योग व्यक्ति को निरोगी बनाता है, साथ ही आयु भी लंबी करता है। खराब जीवनशैली की वजह से होने वाले रोगों को योग दूर करता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर (pranayam for high blood pressure) में भी योग या प्राणायाम फायदेमंद है। 

anulom vilom benefits

1. अनुलोम विलोम (anulom vilom for bp) 

नियमित रूप से सुबह या खाली पेट अनुलोम विलोम करना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। अनुलोम विलोम करने से फेफड़े ताकतवर बनते हैं, इससे ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है। साथ ही अनुलोम विलोम करने से सांस संबंधी बीमारियां दूर होती है। इसे करने से तनाव भी दूर होता है। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए भी अनुलोम विलोम का अभ्यास किया जा सकता है। अनुलोम विलोम की विधि (anulom vilom steps)-

  • अनुलोम विलोम करने के लिए सबसे पहले किसी शांत वातावरण में एक मैट बिछा लें।
  • इस पर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। 
  • अब अपने दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका को बंद करें, बाईं नासिका से सांस लें।
  • इसके बाद बाईं नासिका को बंद करें और दाईं नासिका से सांस छोड़ दें।
  • फिर बाईं नासिका को बंद करें, दाईं नासिका से सांस लें और बाईं नासिका से छोड़ दें।
  • आप इस प्रक्रिया को करीब 10 मिनट तक कर सकते हैं।

2. भ्रामरी प्राणायाम (bhramari pranayama for high blood pressure)

भ्रामरी प्राणायाम करने से आप हमेशा तनावमुक्त रह सकते हैं। इस प्राणायाम को रोजाना करने थायराइड, साइनस की समस्या से राहत मिलती है। इसके साथ ही भ्रामरी प्राणायाम (bhramari pranayam) करने से माइग्रेन रोग भी दूर होती है। अगर नियमित रूप से भ्रामरी प्राणायाम किया जाए, तो ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखा जा सकता है। जानें भ्रामरी प्राणायाम की विधि (bhramari pranayama steps)- 

  • भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले एक मौट पर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं।
  • अब अपने दोनों हाथों के अंगूठों से कान बंद कर लें। 
  • इसके बाद तर्जनी उंगुली को माथे पर रखें।
  • मध्यमा, अनामिक और कनिष्का उंगुली को आंखों के ऊपर रख दें।
  • अपने मुंह को बंद रखें। इसके बाद सामान्य गति से नाक से सांस लें।
  • अब नाक से ही मधु-मक्खी की तरह आवाज निकालते हुए सांस छोड़ें।
  • इस प्रक्रिया को आप करीब 5 मिनट तक दोहरा सकते हैं।
sheetali pranayam

3. शीतली प्राणायाम (sheetali pranayama benefits)

पित्त प्रकृति के लोगों के लिए शीतली प्राणायाम करना काफी लाभकारी है। यह एसिडिटी और पेट के अल्सर तक की समस्या दूर करता है। इसे करने से पाचन शक्ति मजबूत बनती है। शीतली प्राणायाम ब्लड प्रेशर को भी कम करता है। यह हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। शीतली प्राणायाम करने से तनाव भी दूर होता है। शीतली प्राणायाम करने का तरीका (sheetali pranayama steps and benefits)-

  • शीतली प्राणायाम करने के लिए साफ-सुथरी जगह पर मैट पर बैठ जाएं।
  • अब अपनी जीभ बाहर निकालें और पाइप की तरह आकार दें।
  • इसके बाद जीभ के सहारे सांस लें और पेट में भरकर मुंह बंद कर लें।
  • जबड़े के अगले हिस्से को छाती से सटा लें।
  • इसके बाद सांस रोकें और गर्दन की सीधा करके नाक से सांस बाहर निकाल दें।
  • यानी इस प्राणायाम में आपको जीभ के सहारे सांस को धीरे-धीरे अंदर लेना है और फिर छोड़ना है।
  • आप इसे अपनी क्षमतानुसार कर सकते हैं।

4. शीतकारी प्राणायाम के फायदे (sitkari pranayama benefits)

शीतकारी प्राणायाम तन और मन को ठंडक देता है। इस प्राणायाम को करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है। यह मसूड़ों को भी स्वस्थ रखता है। शीतकारी प्राणायाम करने से उच्च रक्तचाप की समस्या में भी आराम मिलता है। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए शीतकारी प्राणायाम फायदेमंद है जानें शीतकारी प्राणायाम की विधि-

  • शीतकारी प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं।
  • अपने हाथों को घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
  • दांतों को आपस में जोड़ें। हाथों को अलग रखें। इस दौरान आपके दांत दिखाई देने चाहिए।
  • अब दांतों के माध्यम से सांस लें। जब सांस लें तो मुंह तो बंद कर लें।
  • इसके बाद धीरे-धीरे नाक से सांस छोड़ें।
  • इस प्रक्रिया को आप कई बार दोहरा सकते हैं।

सुखासन, बालासन, शवासन, भुजंगासन भी हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए लाभकारी होता है। आप योगासन और प्राणायाम के माध्यम से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन अगर आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, तो एक्सपर्ट की राय पर ही कोई भी योगासन करें।

(all images source: freepik)

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