लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक के योगा एक्सपर्ट डॉ. रवींद्र कुमार श्रीवास्तव से जानते हैं, दांतों को स्वस्थ रखने के लिए कौन से योगासन करने चाहिए?
शीतकारी प्राणायाम
इसका नियमित तौर पर अभ्यास करने से दांतों में सड़न की संभावना में कमी आती है। शीतकारी प्राणायाम आपके मसूड़ों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
शीतकारी प्राणायाम करने का तरीका: स्टेप - 1
इसे करने के लिए सबसे पहले अपना योग मैट बिछाएं और आरामदायक मुद्रा में बैठें। इसके बाद अपने होठों को खोलें और सी-सी की आवाज निकालें।
स्टेप - 2
इसे करते समय लंबी सांस भरें और नाक से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस प्राणायाम को 10 से 12 बार दोहराएं।
वात नाशक मुद्रा
यह मुद्रा दांतों से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में बहुत कारगर है। इसे आप आसानी से कहीं भी कर सकते हैं। इससे थकान दूर करने में मदद मिलती है।
वात नाशक मुद्रा करने का तरीका : स्टेप - 1
इसे करने के लिए सबसे पहले तर्जनी और बीच वाली उंगली को मोड़ें और इसे मोड़कर हथेली से मिलाएं।
स्टेप - 2
इसके बाद अंगूठे को उंगलियों के ऊपर रखें। उंगली पर जोर न लगाते हुए हल्के हाथों से मुद्रा बनाएं। अन्य दो उंगलियों को सीधा ही रखें। यह वात नाशक मुद्रा है।
स्टेप - 3
हाथों की मुद्रा बनाकर सीधे बैठें और इस मुद्रा को 10 से 15 मिनट तक करें।
शीतली प्राणायाम
इसके नाम से ही पता चलता है कि यह प्राणायाम आपके शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करता है। यह दांतों के लिए भी बहुत गुणकारी है। इसे रोजाना 10 से 15 बार करें।
शीतली प्राणायाम करने का तरीका
सुखासन की मुद्रा में बैठें। इसके बाद जीभ बाहर निकालें। जीभ के दोनों किनारे ऊपर उठाएं और रोल करें। मुंह से सांस लें और नाक से छोड़ें। इसे 10 बार करें।
अपने दांतों को स्वस्थ रखने के लिए यह योग करें और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लें। सेहत से जुड़ी जानकारियों के लिए जुड़े रहें Onlymyhealth.com से।