मच्छर मारने वाले कॉइल और अगरबत्ती से सेहत को हो सकते हैं कुछ नुकसान, जानें कैसे कर सकते हैं बचाव

मच्छरों को मारने और भगाने के लिए कॉइल, अगरबत्ती जैसे कई तरीके मौजूद हैं। लेकिन इनसे निकलने वाले धुंए के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
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मच्छर मारने वाले कॉइल और अगरबत्ती से सेहत को हो सकते हैं कुछ नुकसान, जानें कैसे कर सकते हैं बचाव


गर्मियों और सर्दियों की शुरूआत (Starting of Summer and Winter) के साथ ही मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। आकार में मच्छर भले ही छोटे हों, लेकिन यह आपको डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों के घेरे में लाने के लिए काफी हैं। प्रति वर्ष दुनिया भर में सैकड़ों लोग डेंगू और मलेरिया (Dengue and Malaria) की चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं। तो जाहिर है कि मच्छरों से बचने के लिए घरों में उपकरणों का इस्तेमाल तो होगा ही। अमूमन घरों में मच्छरों को भगाने के लिए अगरबत्ती ,फास्ट कार्ड या मच्छर मारने वाली कॉइल का इस्तेमाल किया जाता है। क्या आपके घर पर भी ऐसा होता है? अगर हां, तो शायद आपको इस बात का अंदाजा नहीं है कि आप डेंगू, मलेरिया से बचने के लिए दूसरी बीमारियों को निमंत्रण दे रहे हैं। हालांकि अगरबत्ती की अपेक्षा कॉइल से ज्यादा नुकसान होता है।

दरअसल, मच्छर मारने वाली कॉइल में बहुत से ऐसे हानिकारक कैमिकल्स (Harmful Chemicals) पाए जाते हैं, जो आपको सांस से संबंधित बीमारियां दे सकते हैं। यह कॉइल सिगरेट के धुएं से कम घातक नहीं है। इस कॉइल पर हुए एक शोध में यह पाया गया कि मच्छर मारने वाली एक कॉइल 100 सिगरेट के बराबर और हानिकारक होती है। इसलिए अक्सर चिकित्सकों द्वारा इससे बचने की सलाह दी जाती है। इस कॉइल में बेंजो फ्लूओरोथेन और बेंजो पायरेंस जैसे हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इस धुएं में रहने से आप अस्थमा के शिकार हो सकते हैं। यही नहीं यह आपकी स्किन को भी नुकसान पहुंचा सकती है। आइये जानते हैं मच्छर से बचाव के लिए इस्तेमाल की जाने वाली यह कॉइल शरीर को कौन से नुकसान देती है। 

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1. अस्थमा की समस्या (Can Cause Asthma)

अगरबत्ती या फिर मॉस्किटो कॉइल के संपर्क में ज्यादा समय तक रहने से सबसे ज्यादा अस्थमा होने की आशंका रहती है। इससे निकलने वाला हानिकारक धुंआ (Harmful Smoke) आपके फेफड़ों में घुस जाता है। लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करने से धुंएं का जमाव फेफड़ों में भी हो सकता है। जो किसी भी समय अस्थमा का कारण बन सकता है। इसके साथ ही आपके लिवर में भी खराबी आ सकती है। यही नहीं ज्यादा समय तक जलती हई कॉइल के आसपास रहने से इरिटेशन (Irritation) और घबराहट जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं। इसलिए चिकित्सकों द्वारा इसका इस्तेमाल कम कर किन्हीं दूसरे उपकरणों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। हवा में मौजूद टॉक्सिन अस्थमा से ग्रस्त लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। इसलिए अस्थमा के रोगियों को खासतौर पर इससे बचना चाहिए।  

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2. त्वचा के लिए नुकसानदायक (Harmful for Skin)

इससे अस्थमा होने के साथ ही त्वचा को भी नुकसान होता है। ज्यादा समय या रातभर अगरबत्ती या फिर कॉइल के आसपास रहने से आपकी त्वचा का कुदरती निखार काले रंग में परिवर्तित होने लगता है। साथ ही स्किन पर एलर्जी होने के साथ दाने भी हो सकते हैं। त्वचा के साथ-साथ यह आपकी आंखों के लिए भी काफी नुकसानदायक होती है। इससे आंखों में जलन के कई मामले देखे गए हैं। इससे आंखों में धुंधलापन और मोतियाबिंद जैसी समस्या भी हो सकती है। इसलिए अगर कॉइल जला भी रहे हैं तो कोशिश करें कि उसे पूरी रात न जलाएं। 

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3. सांस संबंधी समस्याएं (Respiratory Problems)

मच्छर मारने वाली कॉइल में मौजूद बेंजो पायरेंस और बेंजो फ्लूरोओथेन नामक कैमिकल आपको सांस संबंधी समस्याएं देते हैं। ज्यादा देर तक कॉइल के आस-पास रहने से सांस फूलने की समस्या हो सकती है। इस दौरान कॉइल का हानिकारक धुआं शरीर के अंदर भी जा सकता है, जिससे सांस की अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। लोगों को इस बात का पता चिकित्सक के पास जाने के बाद चलता है कि इस कॉइल से सांस लेने में समस्या भी हो सकती है। 

4. बच्चों को हो सकती है समस्या (Children may Get Problem) 

बच्चों का शरीर काफी नाजुक होता है। ऐसे में उन्हें तो कॉइल से बिलकुल दूर रखा जाना चाहिए। इससे बच्चों को सांस फूलने का खतरा अधिक रहता है। माना जाता है कि 6 महीने से नीचे के बच्चों या नवजात शिशुओं को तो अगरबत्ती और कॉइल दोनों के ही संपर्क में नहीं लाना चाहिए। इससे उठने वाला धुआं उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए उन्हें मच्छर से बचाने के लिए घर पर बना किसी प्रकार का तेल लगा सकते हैं। इस कॉइल के धुएं से बच्चों की सांस की नली में भी सिकुड़न की स्थिति बन सकती है। हालांकि ज्यादा समय तक कॉइल के पास रहने से यह समस्य़ा उम्रदराज लोगों को भी हो सकती है। 

5. घर में फैल सकता है धुआं (Smoke can Spread in House)

बहुत से लोगों की यह आदत होती है कि वे कॉइल को जलाकर या तो कमरे का दरवाजा बंद कर लेते हैं या फिर दरवाजा खोल देते हैं, जिससे धुँआ पूरे घर में फैल सकता है और दूसरे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। माना जाता है मॉस्किटो कॉइल (Mosquito Coil) बाहरी प्रदूषण से कम नहीं है। इसलिए इसे जलाने की जगह मच्छर से बचने के लिए बाजार में आने वाले तेल और कुछ तरल पदार्थों का उपयोग करें। ऐसा करने से घर में धुआं नहीं फैलेगा और आप सुरक्षित रहेंगे।  

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कैसे करें बचाव (How to Do Prevention)

1. अजवाइन और सरसों का तेल (Celery and Mustard Oil)

सरसों के तेल में अजवाइन पीसकर डालें और इसे अपने घर के चारों किसी गत्ते या फिर कागज पर लगाकर रख दें। सरसों के तेल को आप अपनी त्वचा पर भी लगा सकते हैं। चूंकि यह तेल काफी चिकना होता है इसलिए मच्छर इसके संपर्क में नहीं आ पाते हैं। बच्चों को मच्छर से बचाने के लिए भी आप इसका प्रयोग कर सकते हैं। क्योंकि सरसों का तेल प्राकृतिक और फायदेमंद होता है। 

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2. पौधों से भगाएं मच्छर (Move Mosquitos From Plants)

पौधे मच्छर भगाने का बहुत कारगर तरीका हैं। कुछ पौधों की सुगंध से मच्छरों को एलर्जी होती है। जिनमें गेंदा, तुलसी आदि शामिल हैं। इसमें गेंदे के फूल अधिक कारगर माना जाता है, ये न सिर्फ मच्छर बल्कि उड़ने वाले छोटे-मोटे कई कीड़ों को दूर भगाता है। ऐसे और भी इंडोर प्लांट्स लगाएं, जिससे मच्छर भगाने में आसानी होगी। वहीं लैवेंडर का पौधा भी मच्छर भगाने में काफी मददगार साबित होता है। 

3. नीम की मदद से भगाएं मच्छर (Move Mosquito from Neem)

मच्छर भगाने के लिए आप चाहें तो नीम की पत्तियों को सुलगाकर इसका प्रयोग कर सकते हैं। इसकी सुगंध से मच्छर दूर भागते हैं। आप चाहें तो नीम के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं। नीम के तेल को भी आप गत्ते की मदद से घर के चारों ओर लगा सकते हैं। ऐसा करने से मच्छरों से बचाव हो सकेगा। 

मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए अगरबत्ती या कॉइल जलाने की जगह इस लेख में दिए गए तरीकों का इस्तेमाल करें। इससे आपके लिए निश्चित तौर पर सहायक होगा। 

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