बुखार आना शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जो आमतौर पर बैक्टीरियल या फिर फंगल संक्रमण के कारण होती है। भारत में बुखार आने पर अमूमन लोगों के दिमाग से सबसे पहले पैरासिटमोल का ख्याल आता है। ज्यादातर लोग डॉक्टर की सलाह लिए बिना ही इसे खा लेते हैं। यह शरीर पर कई तरीकों से असर डाल सकती है। हाल ही में हुई एक रिसर्च की मानें तो अगर आप कम मात्रा में भी पैरासिटमोल का सेवन करते हैं तो ऐसा करना आपको दिल की बीमारियों के खतरे में डाल सकता है। आइये जानते हैं।
क्या कहती है स्टडी
लॉन्ग बीच, कैलिफॉर्निया के अमेरिकन साइकोलॉजी समिट में पेश की गई एक स्टडी में पैरासिटमोल को हार्ट के लिए हानिकारक बताया गया है। यह स्टडी फिलहाल चूहों पर की गई है। आगे चलकर इंसानों पर भी इसका टेस्ट किया जा सकता है। इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने चूहों को पैरासिटमोल की डोज दी, जिसमें चूहों के हार्ट टिशु में मौजूद प्रोटीन में बदलाव देखे गए। एक हफ्ते बाद पाया गया कि चूहों के प्रोटीन में पहले से भी ज्यादा बदलाव था और हार्ट में भी डैमेज पाया गया। हालांकि, इंसानों में भी इस दवा के कई नुकसान देखे जा चुके हैं।
इसे भी पढ़ें - एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले रखें इन 3 बातों का ध्यान, नहीं होगा नुकसान
हार्ट के लिए कैसे है नुकसानदायक
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के शोधकर्ताओं की मानें तो अगर आप लंबे समय तक दिनभर में 500 एमजी पैरासिटमोल लेते हैं, तो यह भी दिल की बीमारियों के जोखिम को बढ़ाने के लिए काफी है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के लंबे समय तक इस दवा का सेवन करने से बचें। इससे पहले भी कुछ स्टडी में यह दावा किया जा चुका है कि पैरासिटमोल का ज्यादा सेवन करने से लिवर और किडनी पर असर पड़ सकता है।
पैरासिटमोल से होने वाले नुकसान
- पैरासिटमोल का ज्यादा सेवन करने से आपको उल्टी, मतली आने के साथ ही त्वचा पर भी असर पड़ सकता है।
- इसके सेवन से आपको गाढ़ी पेशाब आने के साथ ही साथ ज्यादा थकान जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
- इससे आपको कब्ज और भूख लगने में कमी महसूस हो सकती है।