निमोनिया एक या दोनों फेफड़ों में संक्रमण है। यह बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण हो सकता है। बैक्टीरियल निमोनिया वयस्कों में सबसे आम प्रकार है। निमोनिया आपके फेफड़ों के वायु कोष में सूजन का कारण बनता है, जिसे एल्वियोली कहा जाता है। एल्वियोली द्रव या मवाद से भरती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। निमोनिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए पढ़ें ये लेख।
निमोनिया के सबसे आम लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- खांसी जो कफ पैदा कर सकती है (बलगम)
- बुखार, पसीना और ठंड लगना
- साँसों की कमी
- छाती में दर्द
अन्य लक्षण संक्रमण के कारण और गंभीरता के साथ-साथ व्यक्ति की उम्र और सामान्य स्वास्थ्य के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
कारणों के अनुसार निमोनिया के लक्षण
- वायरल निमोनिया फ्लू जैसे लक्षणों के साथ शुरू हो सकता है, जैसे कि घरघराहट। 12–36 घंटों के बाद तेज बुखार हो सकता है।
- बैक्टीरियल निमोनिया के कारण 105°F बुखार के साथ-साथ पसीना और होंठों और नाखूनों का नीला पड़ जाने के साथ उलझन भी हो सकती है।
उम्र के अनुसार निमोनिया के लक्षण
- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में सांसे तेज हो सकती है।
- शिशुओं को उल्टी हो सकती है, ऊर्जा की कमी हो सकती है, या पीने या खाने में परेशानी हो सकती है।
- बूढ़े लोगों के शरीर का तापमान सामान्य से कम हो सकता है।
निमोनिया के प्रकार और कारण क्या हैं?
बैक्टीरिया और वायरस निमोनिया के प्रमुख कारण होते हैं। यह बीमारी तब होती है जब जब किसी व्यक्ति की सांस के साथ निमोनिया ग्रस्त कीटाणु उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उन कीटाणुओं से लड़ नहीं पाती। तब ये कीटाणु फेफड़े की वायुकोष्ठिका में बैठकर अपनी संख्या बढ़ाने में जुट जाते हैं। जब शरीर इस संक्रमण से लड़ने के लिए श्वेत रक्त कोशिकाओं को भेजता है, तो वायुकोष्ठिकाएं तरल पदार्थों और पस से भर जाती हैं, जिसके कारण निमोनिया होता है।
निमोनिया बैक्टीरिया, वायरल, फंगल और कई अन्य कारणों से होता है।
बैक्टीरिया
स्ट्रेपऑक्स निमोनिया, बैक्टीरियल निमोनिया का सबसे सामान्य प्रकार है। वे लोग जो क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज (सीओपीडी) अथवा शराब पीने की लत से परेशान होते हैं उन्हें यह निमोनिया होने का खतरा काफी अधिक होता है। ऐसे लोग क्लेबसिला निमोनिया और हेमोफिलस निमोनिया के शिकार अधिक होते हैं। एटीपिकल निमोनिया, निमोनिया का ऐसा प्रकार है, जो आमतौर पर गर्मियों के मौसम में अधिक देखने को मिलता है। यह भी बैक्टीरिया के कारण ही होता है।
वायरल
वायरल निमोनिया वे निमोनिया होते हैं, जो आमतौर पर एंटी-बायोटिक ट्रीटमेंट के प्रति असंवदेनशील होते हैं। एडेनावायरस, रिहनोवायरस, इनफ्लूंजा वायरस, रेपिरेटरी सिनेसाइयटिकल वायरस और पारेनफ्लूएंजा वायरस, वायरल निमोनिया होने के संभावित कारण हैं।
फंगल
हिस्टोप्लास्मोसिस, कोसिडायोमाइकोसिस, ब्लास्टोमाइकोसिस, एस्पेरगिलोसिस और क्राइपटोकोसकोसिस, ऐसे फंगल इंफेक्शन हैं, जो आपको निमोनिया दे सकते हैं। अमेरिका में इस प्रकार के निमोनिया आमतौर पर देखने को नहीं मिल रहे।
इसे भी पढ़ें: निमोनिया की चिकित्सा से जुड़ी जरूरी बातें जानें
ऐेसे लोगों को है निमोनिया का ज्यादा खतरा
- जन्म से लेकर 2 वर्ष तक की आयु के बच्चे, और जो व्यक्ति 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के होते हैं
- जिन लोगों को स्ट्रोक हुआ है, उन्हें निगलने में समस्या होती है, या वे बेडग्राउंड होते हैं
- किसी बीमारी या स्टेरॉयड या कुछ कैंसर आदि की दवाओं के उपयोग के कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग
- जो लोग धूम्रपान करते हैं, वे कुछ प्रकार की अवैध दवाओं का दुरुपयोग करते हैं, या अत्यधिक मात्रा में शराब पीते हैं
- अस्थमा, सिस्टिक फाइब्रोसिस, मधुमेह, या दिल की विफलता जैसे कुछ पुरानी चिकित्सा स्थितियों वाले लोग
इसे भी पढ़ें: निमोनिया की चिकित्सा के घरेलू नुस्खे
निमोनिया का कैसे करें उपचार
आपका डॉक्टर आपके लक्षणों और आपके मेडिकल इतिहास के बारे में आपसे सवाल पूछकर इलाज शुरू करेगा। वे आपको एक शारीरिक परीक्षण की भी सलाह दे सकते हैं। इसमें किसी भी असामान्य आवाज़ के लिए स्टेथोस्कोप के साथ आपके फेफड़े को सुनना शामिल होगा, जैसे कि क्रैकिंग। इसके अलावा ब्लड टेस्ट, सीटी स्कैन, फ्लूड सैंपल, बलगम जांच, पल्स ओक्सिमेट्री आदि परीक्षणों से निमोनिया की पुष्टि कर डॉक्टर इलाज करते हैं। शुरूआती लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Other Diseases In Hindi
Read Next
सर्दियों में हाथ-पांव का ठंडा होना और कंपकंपी हो सकते हैं हाइपोथर्मिया का लक्षण, जानें इलाज
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version