सर्दी के मौसम में तापमान बेहद कम होने के कारण हाथ-पांव का ठंडा होना सामान्य है। लेकिन यदि हाथ-पांव ठंडे होने के साथ-साथ शरीर में कंपकंपी शुरू हो जाए और व्यक्ति को चक्कर आने लगे, तो ये हाइपोथर्मिया के लक्षण हो सकते हैं। अगर सही समय पर हाइपोथर्मिया के रोगी का इलाज न किया जाए, तो उसकी जान भी जा सकती है। इसलिए इन लक्षणों और उपचारों को जानना जरूरी है। आमतौर पर सर्दियों में कम कपड़े पहनकर बाइक चलाने, ठंडी हवा लग जाने और ठंडे पानी में काम करने या नहाने के कारण हारइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है।
छोटे बच्चों और बुजुर्गों को होता है खतरा
जब शरीर का तापमान 95 डिग्री से कम हो जाए या शरीर की गर्मी पैदा करने की क्षमता कम होने लगे तो हायपोथर्मिया होता है। ठंड के मौसम में बूढ़े लोगो में और नवजात बच्चों में हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी में रोगी के हाथ-पांव ठंडे पड़ने लगते हैं और काम करना बंद कर देते हैं और पेट में असहनीय पीड़ा होने लगती है।
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किन लक्षणों से पहचानें हाइपोथर्मिया
- व्यक्ति को बहुत तेज ठंड लगती है और शरीर कंपकंपाने लगता है।
- उसके हाथ-पांव बहुत ठंडे हो जाते हैं।
- उसकी आवाज धीमी हो जाती है और वो चेतना खोने लगता है।
- वो चलते-चलते या काम करते हुए अचानक गिर जाता है।
- उसे को नींद आने लगती है।
- उसकी बांहें और टांग जकड़ने लगती हैं।
- उसका दिमाग शरीर का नियंत्रण खोने लगता है।
- शरीर का तापमान अगर 95 डिग्री फॉरेनहाइट से कम हो जाता है।
हाइपोथर्मिया के रोगी की कैसे करें तुरंत मदद
हाइपोथर्मिया के रोगी को सबसे पहले गर्म कपड़ों से ढककर किसी गर्म कमरे या गर्म जगह पर लिटा दें और अगर उसके कपड़े गीले हैं तो उन्हें बदल दें। इसके बाद डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। ऐसी स्थिति में सीधे गर्मी देना कई बार खतरनाक हो सकता है इसलिए आग के पास या हीटर के पास मरीज को सीधे न ले जाएं । हाइपोथर्मिया में डॉक्टर की सलाह के बिना, किसी मेडिकल स्टोर आदि से दवाई न लें क्योंकि इसका प्रतिकूल असर भी पड़ सकता है।
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कैसे कर सकते हैं हाइपोथर्मिया से बचाव
ठंड के मौसम में जब बाहर का तापमान शरीर के अनुकूल न रहकर कम हो जाता है तो शरीर को गर्मी की जरूरत पड़ती है। इसलिए ठंड में आपके लिए गर्म कपड़े पहनना जरूरी है। घर से बाहर निकलते समय पेट भरा रखें। खाली पेट हाइपोथर्मिया का खतरा ज्यादा होता है। ठंड अगर बहुत ज्यादा है तो कोशिश करें कि घर में रहें और शरीर को ब्लैंकेट या रजाई से गर्म रखें। बाहर निकलना जरूरी भी है तो पूरी बांह के पर्याप्त गर्म कपड़े पहन कर निकलें। सिर से शरीर को काफी गर्मी मिलती है इसलिए सिर को गर्म कपड़े या टोपी से ढक कर रखना चाहिए। घर में अगर छोटा बच्चा है तो रूम हीटर का इस्तेमाल करें ताकि कमरे का तापमान सामान्य किया जा सके। इसके अलावा ध्यान रखें कि सर्द हवा में बाइक से न निकलें या मोटा जैकेट और बॉडी वार्मर पहन कर ही निकलें।
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