एक एक्सरसाइज के तौर पर प्लैंक शरीर के लिए बेहतर विकल्प है। ये एक्सरसाइज पेट की मसल्स (इनर कोर मसल्स) को मजबूती देती है, साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों में मसल्स के लिए अच्छा माना जाता है। ये अकेली एक्सरसाइज लगभग पूरे शरीर को मजबूत बनाती है और कमाल की शेप भी देती है। प्लैंक एक्सरसाइज न सिर्फ एक बेहतरीन वर्कआउट है बल्कि करने में भी आसान है। पेट की चर्बी कम करने के लिए यह वर्कआउट बहुत कारगर है। इस लेख में हम आपको प्लैंक करने के फायदे और तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
प्लैंक एक्सरसाइज के फायदे
कोर मसल्स को मजबूत बनाए
कोर मसल्स को मजबूत बनाने में प्लैंक एक्सरसाइज सिट-अप्स और क्रंच एक्सरसाइज से भी अधिक कारगर होती है। इसे करते हुए कोर एरिया की लगभर सभी जरूरी मसल्स पर काम होता है और वे मजबूत बनती हैं।
टॉप स्टोरीज़
बॉडी बैलेंस
किसी भी एक्सरसाइज को करने के लिये संतुलन का अच्छा होना बेहद जरूरी होता है। प्लांक एक्सरसाइज करने से न सिर्फ मसल्स और शरीर मजबूत बनता है, बल्कि शरीर का संतुलन भी अच्छा होता है। इसके अलावा प्वांक के नियमित अभ्यास से शरीर लचीला भी बनता है।
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव
प्लांक एक्सरसाइज के नियमित अभ्यास से ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव होता है। ऑस्टियोपोरोसिस का हड्डी के टूट जाने से पहले कोई खास संकेत नहीं मिलते हैं। ऐसा हड्डियों का घनत्म कम हो जाने के कारण होता है। नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन, ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिये रोजाना प्लांक एक्सरसाइज करने की सलाह देता है।
टोंड बटक्स के लिए
अक्सर एक्सरसाइज करते हुए हम कई खास अंगों के बारे में जानकारी न होने के कारण उन्हें नजरअंदाज कर जाते हैं। लेकिन ग्लूट्ल मसल्स (हिप्स के पास की एक जगह) और हैमस्ट्रिंग पैरों को ध्यान में रखकर किया जाना वाली प्लांक एक्सरसाइज करने से नितंबों को मनवांच्छित आकार मिलता है और इसके आसपास अतिरिक्त चर्बी जमा नहीं होती है। इससे सेल्यूलाइट भी चला जाता है।
कमर दर्द से बचाव
रोजाना प्लैंक एक्सरसाइज का अभ्यास करने से पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियां ज्यादा सक्रिय होती हैं। साथ ही यह एक्सरसाइज गर्दन और रीढ़ की हड्डी को भी सपोर्ट देती है और इसे मजबूत बनाती है। प्लांक एक्सरसाइज करने से बहुत देर तक बैठे रहने या भारी बैग्स उटाने की वजह से होने वाला कंधों और कमर का दर्द भी नहीं होता है।
सिक्स पैक एब्स
प्लैंक एक्सरसाइज पैरों पर भी काफी प्रभाव डालती है। कूल्हों से लेकर पंजों के छोर तक की मसल्स इस एक्सरसाइज में सक्रीय होती हैं। इसके नियमित अभ्यास से पैरों की मसल्स तो मजबूत होती है साथ ही पैरों को बेहतरीन शेप भी मिलती है। इसके अलावा इसे रोजाना करने से सिक्स पैक एब्स भी बनने लगते हैं।
प्लैंक के प्रकार और करने का तरीका
प्लैंक आर्म एक्सरसाइज पेट की मसल्स को मजबूती देती है और सिक्स पैट एब्स पाने में भी मददगार होती है। प्लैंक करने से मसल्स को मजबूती तो मिलती ही है साथ ही शरीर का लचीलापन भी बढ़ता है। प्लैंक आर्म एक्सरसाइज को कई तरह से किया जा सकता है। तो चलिये जानते हैं प्लैंक एक्सरसाइज करने के अलग-अलग तरीके।
साधारण फुल प्लैंक आर्म एक्सरसाइज
साधारण फुल प्लैंक आर्म एक्सरसाइज करने के लिये सबसे पहले पुश-अप्स पोजीशन में आ जाएं। इस दौरान ध्यान रहे कि आपका शरीर बीच से न झुके। अब जितनी देर हो सके इसी स्थिति में रहने की कोशिश करें। हो सके तो इस दौरान सांस को भी रोके रखने की कोशिश करें। इसकी शुरुआती दो-तीन मिनट से करें और फिर धीरे-धीरे समय को थोड़ा बढ़ाते जाएं।
पैरों को ऊपर रख कर प्लैंक
प्लैंक एक्सरसाइज को को अलग व एक और प्रभावी तरीके से करने के लिये सबसे पहले प्लैंक पोजीशन में आ जाएं, और पैरों को किसी प्लेटफॉर्म या कुर्सी आदि पर एक फुट की ऊंचाई पर रख लें। अब साधारण तरीके से प्लांक करें।
इसे भी पढ़ें: आधे घंटे की एक्सरसाइज के बराबर है 2 मिनट की साइकिलिंग, जानें हैरान करने वाले फायदे
मेडिसिन बॉल प्लैंक
प्लांक एक्सरसाइज के इस प्रकार में आपके अलांक पोजीशन में आने के बाद अपने पैरों को फ्लोर पर रखने के स्थान पर मेडिसिन बॉल पर रखना होता है। सुनने में आसान लगने वाले इस प्लांक वेरियेशन में काफी मेहनत लगती है।
एक पैर पर प्लैंक
यह प्लैंक एक्सरसाइज का एक और चुनौतीपूर्ण वेरियेशन होता है। इस प्लांक एक्सराइज में साधारण प्लैंक की तरह ही कोहनियां जमीन पर ही होती हैं, लेकिन बस एक ही अंतर होता है कि आपका एक पैर हवा में होता है।
एक्सटेंडेड प्लैंक
एक्सटेंडेड प्लैंक करने के लिये पुश-अप पोजिशन में आएं और अपने हाथों को कंधे से लगभग 10 इंच की दूरी पर रखें। फर्श पर अपने पंजों और कोहनियों पर अपना वजन साधें और फिर साधारण तरीके से सांस लें।
इसे भी पढ़ें: अगर वजन ज्यादा हो तो एक्सरसाइज के दौरान न करें ये 5 गलतियां
साइड प्लैंक
साइड प्लैंक करने के लिये करवट की मुद्रा में लेट जाएं और अपने एक हाथ और कोहनी पर शरीर का पूरा वजन लाते हुए शरीर को हवा में उठाएं। अब दूसरे हाथ को शरीर के समानांतर रखें। लेकिन ध्यान रहे कि आपके पैर और कमर सीधे ही रहें। अब जितनी देर हो सके इस अवस्था में रहें। अब दूसरी तरफ करवट लेकर यही प्रक्रिया दोहराएं। इस एक्सरसाइज को थोड़ा और मुश्किल बनाने के लिए आप पैर या हाथ हवा में भी उठा सकते हैं।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Exercise & Fitness In Hindi