फिर लौट रहा अर्ली मैरिज (कम उम्र में शादी) का दौर, जानिए क्‍या है शादी करने की सही उम्र

फिर से अर्ली शादी का दौर लौट आया है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि जल्दी शादी करने के क्या-क्या फायदे और देरी से शादी करने के क्या नुकसान हैं।
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फिर लौट रहा अर्ली मैरिज (कम उम्र में शादी) का दौर, जानिए क्‍या है शादी करने की सही उम्र


बदलते समय में लोगों की सोच में बदलाव आना भी स्वभाविक है। वैसे तो शादी के लिए कोई पहले से उम्र निर्धारित नहीं की जाती। यह तो बस मानसिक और व्यक्ति की शारीरिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। पुराने समय की बात की जाए तो लड़कियों की शादी स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई पूरी होती ही करवा दी जाती थी। कुछ जगहों पर तो ऐसे मुद्दों पर उनकी राय भी पूछना जरूरी नहीं समझते थे। उन्हें केवल आदेश दिया जाता था। लेकिन बीते कुछ समय से लेट वेडिंग्स का चलन बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे की शादी की सही उम्र क्या है? इसके अलावा लेट मैरिज और अर्ली मैरिज में क्या सही है? और किसके प्रति लोगों का नजरिया बदल गया है? पढ़ते हैं आगे...

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शादी की आदर्श उम्र

पहले समय में लड़कियों की शादी 18 या 19 वर्ष की उम्र में ही करवा दी जाती थी। यह वो दौर था जब लड़कियों की पढ़ाई पूरी होते ही उन्हें बंधन में बांध दिया जाता था। उसके बाद फिर वह दौर आया जब माता-पिता को उन्हें आत्मनिर्भर बनाना ज्यादा जरूरी लगा। इस दौर में शादी देर से होने लगीं। 28 से 30 वर्ष तक की आयु को शादी के लिए परफेक्ट माना गया। यह वो दौर था जब पार्टनर अपने करियर को लेकर निश्चिंत हो चुके थे। अगर हम वर्तमान की बात करें तो लोगों के लिए आदर्श उम्र 24 से 26 वर्ष मानी गई है।

22-24 की उम्र में ही हो जाते हैं सेटल

यूथ बहुत एक्टिव और स्मार्ट हो गया है। ऐसे में वह जिंदगी के हर पहलू पर अपनी राय भी रखना चाहता है और जिंदगी में आगे सोच-समझकर बढ़ना चाहता है। इसी सोच के साथ अब युवा शादी के विषयों पर भी खुलकर अपनी राय देने लगा है। क्योंकि यह पीढ़ी करियर के प्रति काफी गंभीर है इसीलिए इन्हें 22-24 की उम्र में ही आकर्षक पैकेज वाली नौकरी मिल जाती है। जबकि पहले 26 से 27 वर्ष तक की उम्र तक करियर सेटल हो पाता था। क्योंकि अब जल्दी अच्छी नौकरी पा लेते हैं इसलिए अब उनके पास अपने सपनों को सच करने और दूसरी जिम्मेदारियों को निभाने का समय भरपूर है।

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25 से 27 वर्ष की उम्र तक शादी करने के अनेक फायदे

  • जल्दी शादी करने पर पेरेंट्स वंश बढ़ाने पर भी दबाव नहीं डालते। ऐसे में आपको शादी की कुछ सालों तक का समय एक दूसरे को जानने और समझने में निकाल सकते हैं।
  • क्योंकि यह वह उम्र होती है जब आप शारीरिक भी काफी एक्टिव होते हैं इसलिए आप ट्रैकिंग या पार्टी आदि के शौक अपने पार्टनर के साथ आसानी से पूरे कर सकते हैं। इससे विपरीत अगर उम्र ज्यादा हो जाए तो मानसिक समस्याओं से लोग तनाव में रहने लगते हैं।
  • लेट से शादी करने वालों के बच्चे भी देरी से होते हैं। ऐसे में वे अपने बच्चों को बेहतर ढंग से नहीं समझ पाते। दूसरी तरफ यंग पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ दोस्ती का रिश्ता बना लेते हैं उनके साथ समय बिताने और खेलने कूदने से बॉन्ड स्ट्रांग हो जाता है। 

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  • 25 की उम्र तक शादी करने से व्यक्ति जल्द ही अपनी जिम्मेदारियों को समझ लेता है जिससे उनके करियर में भी सकारात्मक प्रभाव नजर आता है।
  • यंग एज में शादी करने से व्यक्ति ज्यादा एडजस्टिंग होता है। शादी के बाद शहर बदलना हो, जॉब चेंज करनी पड़े या नए लोगों के साथ रहना पड़े आदि वह हर मुश्किल से अपने पार्टनर के साथ उभर सकता है। 
  • जबकि अगर शादी देरी से हो तो खुद को बदलने और रोज के रूटीन में बदलाव लाना कठिन हो जाता है।

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